Saturday, May 2, 2020

2032 ओलिंपिक मेजबानी की कोशिश में भारत! May 01, 2020 at 09:46PM

नई दिल्लीघातक कोरोना वायरस महामारी के कारण खराब हालात ठीक होने के बाद भारत 2032 में होने वाले ओलिंपिक खेलों समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी हासिल करने की कोशिश करेगा। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष ने कहा कि ओलिंपिक गेम्स की मेजबानी की प्रक्रिया में भारत भी शामिल होगा। राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के 10 साल बाद आईओए अध्यक्ष ने कहा कि उनके देश ने काफी कुछ सीखा है। उन्होंने शुक्रवार को एएफपी को बताया, 'हम 2026 के यूथ ओलिंपिक गेम्स और 2032 के ओलिंपिक खेलों की मेजबानी के लिए गंभीर हैं।' जानें, भारत ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के लिए रुचि की अभिव्यक्ति के बारे में लिखा है, लेकिन 2026 के आयोजन के लिए थाइलैंड, रूस और कोलंबिया से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। 2032 ओलिंपिक की मेजबानी के लिए क्वींसलैंड (ऑस्ट्रेलिया), शंघाई और सियोल तथा प्योंगयांग के बीच भी प्रतिस्पर्धा हो सकती है। हालांकि महामारी ने सभी गतिविधियों को रोक दिया है। इंटरनैशनल हॉकी फेडरेशन के प्रमुख बत्रा ने कहा कि 2032 ओलिंपिक के लिए डॉक्यूमेंटेशन शुरू किया गया था लेकिन काम अभी रुक गया है। अंतिम निर्णय 2025 तक हो सकता है। उन्होंने कहा, 'एक टीम है जो विभिन्न स्थानों पर जाती है और आप उनसे बात करते रहते हैं और फिर वे एक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। यह एक सतत प्रक्रिया है, मुझे लगता है कि दिसंबर तक कोई गतिविधि नहीं होगी।' दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के दौरान निर्माण कार्यों में देरी, बुनियादी ढांचे की विफलता और वित्तीय कुप्रबंधन के आरोप लगे थे। हाल ही में दिल्ली को 2021 विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप से हटा दिया गया। पढ़ें, बत्रा ने कहा कि उन्हें मुक्केबाजी विवाद के बारे में कुछ नहीं पता लेकिन 2010 CWG आयोजन ने भारत को बड़ा सोचने के लिए रास्ता दिखाया और इसके बढ़ते आर्थिक दबदबे का मतलब है कि इसके पास संसाधन हैं। बत्रा ने कहा, 'मैं कह सकता हूं कि सबसे बड़ी बात यह थी कि भारत सभी बड़े टिकटों की मेजबानी करने में सक्षम है चाहे वह ओलिंपिक हो या कोई अन्य खेल।' बत्रा ने साथ ही उम्मीद जताई कि आगामी ओलिंपिक गेम्स में भारतीय पुरुष हॉकी टीम मेडल जीत सकती है। उन्होंने कहा कि वह पुरुषों की हॉकी टीम से उन्हें भी उम्मीद है, जिसने आठ ओलिंपिक गोल्ड मेडल जीते हैं, लेकिन 1980 के बाद से अधिक सफल नहीं रही।

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