Friday, April 24, 2020

क्रिकेट में बॉल टैंपरिंग को मिल सकती है इजाजत April 24, 2020 at 04:46PM

नई दिल्ली क्या क्रिकेट में '' (Ball Tampering) को एक अलग तरीके से वैध बनाया जाएगा? सुनकर चौंकिए मत, क्योंकि कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते एक खास तरीके से गेंद को कृत्रिम चीज के जरिए चमकाने की इजाजत देने पर विचार किया जा सकता है। जैसा कि क्रिकेट प्रशसंकों को पता है, इस खेल में बॉल को चमकाने के लिए खिलाड़ी अपनी लार या थूक का इस्तेमाल करते हैं और क्रिकेट के खेल में यह एक आम चलन रहा है, लेकिन मौजूदा समय में जो महामारी फैली है उसके कारण क्रिकेटरों को इससे सावधान होना होगा। लेकिन बोलरों के सामने अब समस्या यह है कि इसके बिना गेंद स्विंग कराने का काम उनके लिए अब मुश्किल हो जाएगा। ऐसे होगी 'टैंपरिंग' थूक या लार जैसी चीज ना लगा पाने की सूरत में बॉल को चमकाने के लिए अब कृत्रिम पदार्थ के इस्तेमाल की अनुमति देने पर विचार किया जा सकता है, जो कि अंपायरों की निगरानी में होगा। इसे दूसरे शब्दों में इसे गेंद से छेड़खानी की इजाजत देना भी कह सकते हैं। एक प्रमुख क्रिकेट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासक अंपायरों की निगरानी में गेंद को चमकाने के लिए आर्टिफिशल पदार्थ के इस्तेमाल की इजाजत देने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं। नियमों के तहत फिलहाल ये गेंद से छेड़खानी के दायरे में आता है। लंबे फॉर्मेट में यह मुमकिनखासकर टेस्ट क्रिकेट में गेंद की चमक काफी अहम होती है क्योंकि इससे गेंदबाजों को गेंद स्विंग और रिवर्स स्विंग कराने में मदद मिलती है। अगर क्रिकेट के लंबे फॉर्मेट में इस ऑप्शन को मंजूरी मिल जाती है तो यह बड़ी अजीब बात होगी क्योंकि गेंद पर रेगमाल रगड़ने की कोशिश में ही स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर को 2018 में एक साल का प्रतिबंध झेलना पड़ा था और क्रिकेट जगत में उन्हें विलेन की तरह पेश किया गया। चीफ एग्जेक्यूटिव्स ने की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आईसीसी के चीफ एग्जेक्यूटिव्स की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई मीटिंग के बाद इसकी मेडिकल कमिटी के प्रमुख पीटर हारकोर्ड ने अपडेट जारी किया। इसमें कहा गया,'हमारा अगला कदम इंटरनैशनल क्रिकेट की बहाली का रोडमैप तैयार करना है। इसमें ये देखना होगा कि क्या क्या कदम उठाने होंगे। इसमें खिलाड़ियों की तैयारी से लेकर सरकार की पाबंदियां और दिशा-निर्देश शामिल होंगे।' वेंकटेश प्रसाद भी समर्थन में भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने गेंद पर लार का इस्तेमाल नहीं करने के प्रस्ताव का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, 'खेल बहाल होने पर कुछ समय के लिए सिर्फ पसीने का ही इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे बढ़कर है।'

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