Saturday, March 7, 2020

अपूर्वी अभिनव बिंद्रा के इंटरव्यू से मोटिवेट हुईं, जबकि अंजुम ने शूटर मां से इंस्पिरेशन लेकर राइफल थामी March 07, 2020 at 06:37PM

खेल डेस्क. राइफल शूटिंग में दुनिया की टॉप-2 शूटर हमारे देश हैं। जयपुर की अपूर्वी चंदेला पहले और चंडीगढ़ की अंजुम मुदगिल दूसरे नंबर पर हैं। अपूर्वी बीजिंग ओलिंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट शूटर अभिनव बिंद्रा का इंटरव्यू देखकर मोटिवेट हुईं थीं। अंजुम को मां से मोटिवेशन मिली। उनकी मां भी शूटर थीं। दोनों ओलिंपिक के लिए कोटा दिला चुकी हैं।

ट्रेनिंग व प्रोसेस मेरे हाथ में, आप 100% देते हैं तो सब कुछ मिल जाता है: अंजुम
मैं 2007 में मां शुभ मुदगिल मुझे शूटिंग रेंज लेकर गईं। तब मुझे पता नहीं था कि उस दिन शुरू हुआ सफर ओलिंपिक तक पहुंचेगा। मां खुद शूटर थीं, उन्होंने ही पहली बार मुझे गन थमाई थी। गेम ने मुझे बहुत कुछ दिया है। सिर्फ शूटिंग की बदौलत मैं माइंड और बॉडी को समझ सकी हूं। ये मेरे लिए स्पोर्ट्स से बढ़कर है। मैं सिर्फ इस बात पर फोकस करती हूं कि मेरे हाथ में क्या है। ट्रेनिंग व प्रोसेस मेरे हाथ में हैं और जब आप अपना 100% देते हैं तो सब कुछ मिल जाता है। मेडल आपकी उपलब्धिओं को नहीं दिखाते, बल्कि ये तो आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट करते हैं।

प्रकृति का साथ मुझे कठिन परिस्थितियों में भी शांत बनाए रखता है: अपूर्वी
मैं 2008 में बीजिंग ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले अभिनव बिंद्रा का इंटरव्यू देख रही थी। उस इंटरव्यू से इतना मोटिवेट हुई कि ठान लिया अब शूटिंग ही करनी है। पिता मुझे जयपुर के एसएमएस स्टेडियम की शूटिंग रेंज पर ले गए। तभी से मेरा निशानेबाजी का सफर शुरू हुआ। खेल में आगे बढ़ने आैर टॉप पर बने रहने के लिए योग करती हूं, जॉगिंग और मेडिटेशन करती हूं। मोटिवेशनल बुक्स पढ़ती हूं। प्रकृति और जानवरों का साथ मुझे कठिन परिस्थितियों में भी शांत बनाए रखता है। इतना ही नहीं अपनी डाइट के प्रति भी उतनी ही सजग रहती हूं जितनी कि खेल के प्रति।



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अपूर्वी चंदेला और अंजुम मुदगिल (दाएं) आईएसएसएफ वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पदक जीतते हुए ओलिंपिक कोटा हासिल किया।

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