Saturday, March 7, 2020

देश की 5 महिला क्रिकेटरों की कहानी: 9 साल की उम्र में अंडर 15 खेलीं स्मृति, राधा ने झुग्गी से तय किया टीम इंडिया का सफर March 07, 2020 at 07:05PM

खेल डेस्क. टीम इंडिया आज महिला टी-20 विश्वकप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से मुकाबला करेगी। दोनों ही टीमें मजबूत हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम चार बार यह वर्ल्डकप अपने नाम कर चुकी है। भारतीय टीम पहली बार फाइनल में पहुंची है। आंकड़े भले ही मेजबान टीम के पक्ष में हों, लेकिनटीम इंडिया फाइनल के तक अपराजेय रही। यहां हम इस टीम की पांच खिलाड़ियों की जिंदगी से जुड़ीपांच कहानियां बता रहे हैं। इनसे पता लगता है कि टीम इंडिया का सफर तय करने के लिए ये प्लेयर्स और उनके परिवार मुश्किलों के बावजूद कितने समर्पित रहे।

स्मृति मंधाना
24 साल की स्मृति का जन्म मुंबई में हुआ। कुछ साल बाद फैमिली सांगली शिफ्ट हो गई। उनके भाई श्रवण के मुताबिक, “स्मृति ने 6 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और मैंउनके साथ ही मैदान पर जाताथा। वेइतनी प्रतिभाशाली हैकि 9 साल की उम्र में महाराष्ट्र अंडर 15 में सिलेक्ट हो गईं। जब 11 साल की हुईं तो अंडर 19 खेल रहीं थी। इसके बाद पलटकर नहीं देखा।” मंधाना मराठी हैं, लेकिन उन्हेंपंजाबी संगीत पसंद है। पुरानी हिंदी फिल्में की वेदीवानी हैं। जींस और टी-शर्ट फेवरेट ड्रेस कॉम्बिनेशन है,लेकिनआईने के सामने खड़ा होना नापसंद है। स्मृति कॉमर्स ग्रेजुएट हैं।

राधा यादव
राधा प्रकाश यादव। प्रकाश पिता का नाम है। जैसा नाम, वैसा काम। पिता ने तमाम मुश्किलों के बावजूद बेटी का सपना साकार किया। खुद घर-घर जाकर दूध बेचते और बाकी वक्त झुग्गीमें एक छोटी से किराना दुकान चलाते। बेटी गली में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती तो कुछ लोग पिता पर तंज कसते। भाई राहुल बताते हैं, “पड़ोस में एक क्रिकेट कोच रहते थे। एक दिन राधा को खेलते देखा तो पिता से कहा- इसे खेलने दीजिए, बहुत नाम कमाएगी। कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे। वहां की फीस माफ हो गई। किट खरीदने के लिए कई लोगों से उधार लिया। पिता के साथ साइकिल पर 3 किलोमीटर दूर प्रैक्टिस के लिए जाती। कई बार पैदल ही लौटना पड़ता,क्योंकि टैम्पो के लिए किराया नहीं होता था।”

हरलीन देओल
21 साल की हरलीन चंडीगढ़ के उच्चमध्यमवर्गीय परिवार से हैं। पिता बिजनेसमैन हैं और भाई डॉक्टर। मां चरनजीत कौर बताती हैं, “स्पोर्ट्स तो जैसे उसके खून में था। वहहॉकी, फुटबॉल और बास्केटबॉल भी खेलती थी। क्रिकेट तो 8 साल की उम्र में गली से शुरू किया। अगले ही साल नेशनल स्कूल टीम में सिलेक्ट हो गई। जिद ठान ली कि प्रोफेशनल क्रिकेटर ही बनना है। जो लोग पहले लड़कों के साथ खेलने पर तंज कसते थे,आज वेही उसे बेटी बताते नहीं थकते। दरअसल, हमने लोगों की तरफ कभी ध्यान ही नहीं दिया। अलसुबह प्रैक्टिस पर जाना होता था। टेबल पर चढ़कर कुंडी खोल लेती थी,ताकि किसी की नींद में खलल न पड़े। चोट लगती तो खुद दवाई कर लेती। हरलीन मानसिक तौर पर बहुत मजबूत है, अच्छी एक्टर भी है।”

तान्या भाटिया
विकेटकीपर बल्लेबाज तान्या भाटिया। पिता संजय प्रोफेशनल क्रिकेटर के बाद बैंकर बन गए। भाई सहज चंडीगढ़ से खेलता है। पिता बताते हैं, “मैं सख्त मिजाज हूं। क्रिकेटर रहा हूं, इसलिए सोच भी वैसी ही है। तान्या को हमेशा कमियां बताते हुए, उन्हें दूर करने को कहता हूं। वहमुझसे डरती भी बहुत है। 7 साल की उम्र में उसने खेलना शुरू किया। पहले योगराज (युवराज सिंह के पिता) और फिर आरपीसिंह ने कोचिंग दी। तान्या बहुत रिजर्व नेचर की है। उसके दोस्त भी नहीं हैं। 11 साल की उम्र में वो अंडर 19 के बॉलर्स का सामना करती थी। मैंने कई बार उसे छुपकर खेलते हुए देखा। कोचिंग के लिए कभी लेट हो जाती तो घर पर हंगामा खड़ा कर देती थी।”

जेमिमा रोड्रिग्ज
मुंबई के भांडुप की जेमिमा रोड्रिग्ज। भाई ईवान क्रिकेट कोच हैं। 19 साल की जेमिमा ने दो साल पहले साऊथ अफ्रीका के खिलाफ डेब्यू किया। भाई को देखकर 4 साल की उम्र में खेलना शुरू किया। जेमिमा हॉकी की भी बेहतरीन प्लेयर हैं। 2017 में जब उनका चयन दक्षिण अफ्रीकी दौरे के लिए हुआ तो सचिन तेंदुलकर ने जेमिमा को अपने घर बुलाया। एक घंटे की इस मुलाकात को जेमिमा जिंदगी का सबसे अनमोल तोहफा बताती हैं। हालांकि, वहफैन रोहित शर्मा की हैं। जेमिमा को संगीत का बहुत शौक है। खुद भी बेहतरीन गिटार प्लेयर और डांसर हैं। हाल ही में उनका एक डांस वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।



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