Tuesday, March 3, 2020

3 मार्च: क्यों क्रिकेट इतिहास में काले अक्षरों में है दर्ज March 02, 2020 at 10:11PM

नई दिल्ली3 मार्च 2009, एक ऐसा दिन जिसे कोई भी क्रिकेट फैन याद नहीं करना चाहता। इसी दिन श्रीलंका के क्रिकेटरों से सवार टीम बस पर पाकिस्तान के लाहौर में आतंकवादी हमला हुआ था। साल 2009 की शुरुआत में श्रीलंकाई टीम पाकिस्तान दौरे पर गई थी और इसी दौरान दूसरा टेस्ट मैच के दौरान ही यह हमला हुआ। श्रीलंकाई टीम 3 मार्च की सुबह बस में होटल से स्टेडियम के लिए निकली लेकिन गद्दाफी स्टेडियम पहुंचने से पहले ही इस बस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसने लगीं। गद्दाफी स्टेडियम जा रही इस टीम बस के साथ सुरक्षाकर्मी भी थे लेकिन आतंकवादियों ने गोलियां ही नहीं, बल्कि रॉकेट लॉन्चर और ग्रेनेड से भी हमला किया। सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान पर खेलकर खिलाड़ियों को बचा तो लिया लेकिन 6 पुलिसकर्मी मारे गए। हमले में 7 श्रीलंकाई क्रिकेटर, दो सपॉर्ट स्टाफ और एक अंपायर को चोट लगी। पढ़ें पाकिस्तान की मेजबानी में खेली गई इस टेस्ट सीरीज का पहला मैच 22 फरवरी से खेला गया जो ड्रॉ रहा। दूसरा मैच 1 से 5 मार्च तक खेला जाना था, लेकिन मैच के तीसरे दिन मेहमान टीम की बस पर आतंकवादी हमला हो गया। इससे श्रीलंका और पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के क्रिकेटरों और खेलप्रेमियों के दिल में डर पैदा हो गया। हमले के दौरान श्रीलंकाई टीम बस के ड्राइवर मेहर मोहम्मद खलील ने अपनी सूझबूझ से काम लिया और बस को गोलियां बरसने के बावजूद नहीं रोका। इस आतंकवादी हमले में श्रीलंकाई टीम के तत्कालीन कप्तान महेला जयवर्धने, कुमार संगकारा समेत 6 बड़े खिलाड़ियों को गंभीर चोट लगी थी। हमले के बाद पाकिस्तान सेना ने श्रीलंकाई खिलाड़ियों को गद्दाफी स्टेडियम से एयरलिफ्ट कर एयरपोर्ट पहुंचाया। इस घटना के 10 साल तक किसी भी टीम ने पाकिस्तान की मेजबानी में टेस्ट सीरीज नहीं खेली। पिछले साल श्रीलंकाई टीम ने ही पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज खेली जिससे इस देश में टेस्ट क्रिकेट की वापसी हुई।

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