Sunday, March 22, 2020

आज: 17 साल पहले भारत चूका, AUS मना रहा जश्न March 22, 2020 at 06:41PM

नई दिल्ली अगर आज ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के सोशल मीडिया पेज फेसबुक और टि्वटर को देखें तो आज ही के दिन (23 मार्च) वे 2003 में मिली वर्ल्ड कप जीत का जश्न मना रहे हैं। कंगारू टीम का यह जश्न भारत को आज भी एक टीस देता है क्योंकि फाइनल में टीम इंडिया को हराकर ही उसने यह वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया था। पांच बार वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन का खिताब अपने नाम कर चुकी ऑस्ट्रेलिया की यह तीसरी वर्ल्ड कप जीत थी। 20 साल बाद वर्ल्ड कप फाइनल खेल रहा था भारत सौरभ गांगुली की कप्तानी वर्ल्ड कप में उतरी टीम इंडिया उस दौरान शानदार लय में थी लेकिन भारतीय टीम वर्ल्ड कप चूमने से सिर्फ एक कदम दूर रह गई। साल 2003 में वर्ल्ड कप की मेजबानी साउथ अफ्रीका कर रहा था। टीम इंडिया इस विश्व कप के खिताबी मुकाबले में दुनिया की सभी टीमों को मात देकर ऑस्ट्रेलिया से भिड़ने उतरी थी। भारतीय टीम और उसके फैन्स को उम्मीद थी कि सौरभ गांगुली की कप्तानी में भारत एक बार फिर इतिहास रचेगा। 20 साल बाद भारत दूसरा विश्व कप खिताब जीतेगा। भारत के पक्ष में गिरा था सिक्काजोहानिसबर्ग में वांन्डर्स मैदान पर मैच शुरू होने को था तब सब कुछ भारत की उम्मीद के मुताबिक ही हो रहा था। सौरभ गांगुली और कंगारू कप्तान रिकी पॉन्टिंग टॉस के लिए मैदान पर पहुंचे और सिक्का भी भारत के पक्ष में ही गिरा। इस वर्ल्ड कप तक दादा अपनी इस टीम को चेज मास्टर बना चुके थे और टीम इंडिया किसी भी लक्ष्य का पीछा करने में माहिर दिख रही थी। इसी लय को देखते हुए दादा ने इस मैच में पहले फील्डिंग करने का निर्णय लिया। टॉस जीत टीम इंडिया ने चुनी थी फील्डिंगटॉस जीतकर दादा ने बताया कि मैदान पर पहले आधे घंटे जो स्विंग मौजूद है, टीम इंडिया उसका लाभ लेकर कंगारू टीम को बैकफुट पर धकेलना चाहेगी और रन चेजिंग में उनकी टीम खुद को सहज महसूस करती है, तो ऐसे में वह पहले फील्डिंग करना ही पसंद करेंगे। कंगारू भी चाहते थे पहले बैटिंग उधर कंगारू कप्तान ने भी बताया कि वह टॉस जीतकर पहले बैटिंग करना ही पसंद करते। अब खेल शुरू हुआ और पूरे जोश के साथ टीम इंडिया मैदान पर उतरी। दर्शकों का भारी समर्थन टीम इंडिया के लिए मौजूद था। पहला ओवर जहीर खान फेंक रहे थे। जहीर ने की गिलक्रिस्ट की स्लेजिंगजहीर स्विंग लेती शुरुआती गेंद पर एडम गिलक्रिस्ट थोड़ा असहज दिखे तो जहीर ने इस बल्लेबाज को कुछ शब्द बोलकर उकसा दिया। फिर क्या था। कंगारू टीम ने कभी स्लेजिंग बर्दाश्त ही नहीं की और गिलक्रिस्ट ने अब अगली गेंद से ही प्रहार जमाना शुरू कर दिया। जहीर ने पहले ओवर में कुल 15 रन खर्च किए। शुरुआती 14 ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने ठोके 100 रनदूसरे छोर से भारत के अनुभवी गेंदबाज श्री नाथ ने एक बार फिर भारत की मैच में वापसी की कोशिश की और हेडन के सामने संभली हुई बोलिंग की। इस ओवर में उन्होंने 2 रन खर्च किए। लेकिन गिलक्रिस्ट का गुस्सा थमने का नाम नहीं लिया। गिलक्रिस्ट ने दूसरे छोर से रन बरसाने जारी रखे और देखते ही देखते ऑस्ट्रेलिया 14वें ओवर में 100 का स्कोर पार कर गई। भज्जी ने कंगारुओं को दिए दो झटकेभज्जी ने यहां भारत को पहली सफलता दिलाई और खतरनाक हो रहे एडम गिलक्रिस्ट (57) को आउट किया। इसके 20 रन बाद मैथ्यू हेडन (37) को भज्जी ने अपना दूसरा शिकार बनाया। लेकिन अब डेमिन मार्टिन और रिकी पोन्टिंग की जोड़ी ने मैच में अपना कंट्रोल बना लिया और भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। अंतिम 30 ओवरों में भारत की पिटाईअगले 30 ओवर भारतीय गेंदबाज सिर्फ पिटाई खाते रहे और मार्टिन पोंटिंग की जोड़ी ने 234 रन की साझेदारी कर 50 ओवर में 359 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। पोंटिंग ने 8 छक्के और 4 चौके बरसाकर 140 रन की नाबाद पारी खेली। वहीं मार्टिन ने भी 84 बॉल में 88 रन की अपनी पारी में 7 चौके और 1 छक्का जमाया। 360 रन का विशाल लक्ष्य और सचिन-गांगुली आउटअब भारत के सामने 360 रन का विशाल लक्ष्य था। भारत पर इस टारगेट का दबाव दिख रहा था और पहले ही ओवर में सचिन तेंडुलकर 4 रन बनाकर ग्लेन मैक्ग्रा की बॉल पर आउट हो गए। 10वें ओवर में भारत का स्कोर 58 रन था और अब कप्तान सौरभ गांगुली (24) भी आउट हो गए। सहवाग रन आउट और रही-सही उम्मीदें भी टूटींइसके बाद राहुल द्रविड़ (47) और वीरेंदर सहवाग (82) ने चौथे विकेट 88 रन जोड़कर कुछ उम्मीदें जरूर बंधाई, लेकिन सहवाग के रन आउट होते ही भारत की रही-सही उम्मीदें भी टूट गई। अब टीम इंडिया निरंतर अंतराल पर विकेट गंवा रही थी और 234 के स्कोर पर ऑल आउट हो गई। भारत यहां दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने से चूक गया। नोट: बाद में भारत ने साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अपना दूसरा वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता।

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