Saturday, December 21, 2019

बगैर गुरु छाए रहे टे-टे खिलाड़ी, 2019 में ऐसा प्रदर्शन December 21, 2019 at 08:40PM

नई दिल्लीभारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ियों ने पूर्णकालिक कोच नहीं होने के बावजूद वर्ष 2019 में भी यादगार प्रदर्शन किया जबकि ने अपनी चमक बिखेरकर अचंता शरत कमल की जगह इस खेल में देश की कमान संभाली। पिछले डेढ़ दशक से शरत टेबल टेनिस में अकेले कमान संभाले हुए थे लेकिन साथियान ने अपने खेल में तेजी से सुधार करके उन्हें कुछ राहत पहुंचाई है। शरत ने कहा, ‘यह समय है (जबकि कोई नेतृत्व की जिम्मेदारी संभाले)। साथियान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से सुधार कर रहा है और मैं उसके प्रदर्शन से वास्तव में खुश हूं।’ अगर 2018 राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के लिए याद किया जाएगा तो 2019 में विशेष रूप से साथियान ने शीर्ष स्तर पर अपनी छाप छोड़ी। टॉप-25 में मिली एंट्री उन्होंने जापान के पांचवें नंबर के किशोर हरिमोतो तोमोकाजू सहित विश्व रैंकिंग में शीर्ष 20 में शामिल खिलाड़ियों को हराया। यह 26 वर्षीय 24 जुलाई को आईटीटीएफ विश्व रैकिंग में शीर्ष 25 में शामिल होने वाला पहला भारतीय खिलाड़ी बना। साथियान एशियाई कप में छठे स्थान पर रहे जिससे वह विश्व कप के लिए क्वॉलिफाइ करने में सफल रहे। विश्व कप में अपने ग्रुप में शीर्ष पर रहकर उन्होंने मुख्य ड्रॉ में जगह बनाई। साथियान ने कहा, ‘इस साल का प्रदर्शन संतोषजनक रहा। मैंने कुछ अधिक रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को हराया और अगले साल का लक्ष्य शीर्ष दस में शामिल कुछ और खिलाड़ियों पर जीत हासिल करना है। हम एक टीम के रूप में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे ओलिंपिक क्वॉलिफायर्स से पहले हमारा मनोबल बढ़ा है।’ साथियान ने इस साल 11 विश्व टूर प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया जिसमें उन्होंने कुछ शीर्ष खिलाड़ियों को हराया। बगैर नियमित कोच छाए रहे खिलाड़ी भारतीय पैडलर ने नियमित कोच नहीं होने के बावजूद खुद को साबित किया। पिछले साल एशियाई खेलों में ऐतिहासिक ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद अब शरत (विश्व रैकिंग 34), साथियान (30) और हरमीत देसाई (85) के पास 22 जनवरी से पुर्तगाल में शुरू होने वाले ओलिंपिक क्वॉलिफायर में अच्छा प्रदर्शन करके पहली बार ओलिंपिक में जगह बनाने का मौका होगा। भारत अभी आठवें नंबर पर है और उसे टीम के रूप में पहली बार ओलिंपिक में जगह बनाने के लिए क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचने की जरूरत है। बत्रा का संघर्ष अभी तक भारतीय खिलाड़ी केवल व्यक्तिगत स्पर्धाओं में ही ओलिंपिक में भाग लेते रहे हैं। महिला टीम भले ही पुरुष टीम की तरह मजबूत नहीं हो लेकिन मनिका बत्रा के राष्ट्रमंडल खेल 2018 में चार मेडल जीतने के बाद से उनसे काफी उम्मीदें की जाने लगी हैं। विश्व में 61वें नंबर की बत्रा 2019 में अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाईं और इसलिए विश्व रैंकिंग में नीचे खिसक गई। इस बीच उन्होंने अपने बचपन के कोच संदीप गुप्ता से नाता भी तोड़ा। उनका लक्ष्य अब फिर से शीर्ष 50 में जगह बनाना है।

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