खेल डेस्क. नेपाल के काठमांडू में खेले जा रहे साउथ एशियन गेम्स में बांग्लादेश की तीरंदाज एती खातून (14) ने सोमवार को तीसरा गोल्ड जीता। एती पश्चिमी बांग्लादेश के छोटे से गांव से आती हैं। उन्होंने यहां तक पहुंचने के लिए परिवार और समाज के विरोध का सामना भी किया। उनका परिवार 12 साल की उम्र में उनकी शादी करवाना चाहता था, लेकिन उन्हें इससे इनकार कर दिया और भागकर ढाका आ गईं। यहां उन्होंने तीरंदाजी प्रशिक्षण शिविर में ट्रेनिंग ली।
खातून ने कहा, ‘‘मेरा परिवार चाहता था कि मैं छोटी उम्र में ही शादी करके घर बसा लूं। मैंने इसका विरोध किया। मैं दो दिन तक रोती रही और खाना-पीना भी छोड़ दिया। मैंने परिवार पर ढाका तीरंदाजी प्रशिक्षण शिविर में नाम लिखाने के लिए दबाव बनाया। अब मेरा सपना ओलिम्पिक में मेडल जीतना है।’’
60 तीरंदाजों में खातून का चयन हुआ था
खातून के नेशनल कोच जियाउल हक ने कहा, ‘‘हमने देश के विभिन्न राज्यों से 60 बेहतरीन तीरंदाजों का चयन किया था। इनमें से एक वह (खातून) भी थी। हालांकि हमें उससे ज्यादा उम्मीदें भी नहीं थीं।’’
प्रतिबंध के बावजूद बांग्लादेश मेंबाल विवाह हो रहे
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के मुस्लिम बहुसंख्यकों में दुनिया में सबसे ज्यादा चाइल्ड मैरिज होती हैं। इस देश ने बाल विवाह पर प्रतिबंध लगाते हुए 2018 में एक मोबाइल एप लॉन्च किया था। इस एप की मदद से दूल्हा और दुल्हन की सही उम्र का पता लगाया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार आज भी बांग्लादेश में आधी से ज्यादा लड़कियों की शादी 18 साल से पहले ही कर दी जाती है।
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