Saturday, December 4, 2021

India vs New Zealand: एजाज पटेल के 10 विकेट, अश्विन का 'चौके' से कमाल, दूसरे दिन बने के खेल में यह रहा खास December 04, 2021 at 06:51AM

नई दिल्ली टेस्ट क्रिकेट को यूं ही बेस्ट क्रिकेट नहीं कहा जाता। यहां हर सेशन में खेल बदलता है। अभी जो टीम पीछे है, वह कुछ देर में मजबूत हो सकती है। और मजबूत टीम को बैकफुट पर आने में देर नहीं लगती। नंबर्स बदलते हैं। और ये बदलते नंबर्स इस खेल की खूबसूरती और रोमांच को बढ़ाने का करते हैं काम। मुंबई टेस्ट का दूसरा दिन भी कुछ ऐसा ही रहा। इस दिन कुल 16 विकेट गिरे। यानी दिन बोलर्स का रहा। और इसमें सबसे खास रहे एजाज पटेल। लेकिन दिन का खेल समाप्त होने के बाद पटेल शायद उतने खुश भी न हों। उनकी निजी उपलब्धि ऐतिहासिक है। लेकिन दिन का खेल समाप्त होने तक उनकी टीम की हालत बहुत अच्छी नहीं है। 10/10 और एजाज ने दोहरा दिया इतिहास मुंबई में ही पैदा हुए विपक्षी टीम में थे। न्यूजीलैंड की जर्सी पहने और हाथ में गेद लेकर वह भारतीय बल्लेबाजों को छकाने और फंसाने में लगे थे। बाएं हाथ के इस स्पिनर ने मैच के पहले दिन भारत के चार विकेट लिए थे। दूसरे दिन उन्होंने अपने नाम छह विकेट और किए। यानी पारी के सभी 10 विकेट पटेल की झोली में थे। टेस्ट क्रिकेट के 146 साल के इतिहास में ऐसे सिर्फ दो बोलर्स हुए थे जिन्होंने पारी के सभी 10 विकेट लिए हों। पटेल के आने से इस लिस्ट में अब तीन नाम शामिल हो गए हैं। पटेल की गेंद पर जैसे ही मोहम्मद सिराज ने हवाई शॉट खेला और रचिन रविंद्र ने कैच लपका इतिहास ने खुद को दोहरा लिया। पटेल ने कुल 119 रन दिए और विकेट लिए 10। जिम लेकर और अनिल कुंबले के बाद तीसरे बोलर। और संयोग से तीनों स्पिनर। पटेल जब टीम के साथ मैदान से बाहर जा रहे थे तो वह काफी खुश थे। टोपी लहराते हुए और हाथ में उस 'करिश्माई' गेंद को हाथ में थामे हुए जब वह पविलियन गए तो कीवी खेमे में जाहिर तौर पर खुशी रही होगी। फिर बोलर्स ने बदला पासा पर यहीं से क्रिकेट अपनी खूबसूरती दिखाता है। वक्त बदलता है। पासा बदलता है। कुछ देर पहले तक कीवी टीम भारत को 325 रन पर समेटने के बाद राहत में नजर आ रही थी, वह अब परेशानी में थी। उसके विकेट लगातार गिर रहे थे। एक के बाद एक। बल्लेबाजों को न मोहम्मद सिराज की रफ्तार समझ आ रही थी और न रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल की फिरकी। इधर कुआं, उधर खाई वाली बात हो गई थी। सिराज की बाउंसर पर टॉम लैथम पर परेशान हुए, तो मैच की सबसे खूबसूरत गेंद पर अनुभवी रॉस टेलर अपना ऑफ स्टंप गंवा बैठे। सिराज ने जिस गेंद पर टेलर को बोल्ड किया उसे देखकर आप वाह ही करेंगे। खुद सिराज ने उनसे ड्रीम बॉल कहा। उन्होंने कुल तीन विकेट लिए। रन दिए 19। अश्विन की फिरकी की बात ही क्या करें। हर दूसरी गेंद बल्लेबाज के लिए चुनौती। उनकी बॉल पर रन बनाना तो दूर बल्लेबाज बल्ला अड़ाने से पहले सोचने लगे। अश्विन ने आते ही कीवी टीम को समेटने का जो काम शुरू किया तो फिर देर नहीं की। चार ओवरों में रन दिए 8 और विकेट लिए चार। न्यूजीलैंड की पूरी टीम अपनी पहली पारी में सिर्फ 62 रन पर सिमट गई। 62... यह टेस्ट क्रिकेट में भारत के खिलाफ किसी भी टीम का सबसे कम स्कोर है। यानी एक बार फिर इतिहास बनाया और दोहराया गया। भारत ने 1932 से टेस्ट मैच खेलना शुरू किया। 89 साल में पहली बार कोई टीम भारत के खिलाफ इतने कम स्कोर पर आउट हुई। इतना ही नहीं यह भारत में भी किसी टीम का सबसे कम स्कोर रहा। यानी एक ही दिन दूसरा कीर्तिमान। अश्विन का रिकॉर्ड अश्विन भारत के तीसरे सबसे कामयाब बोलर हैं। टेस्ट क्रिकेट में वह अनिल कुंबले और कपिल देव के बाद आता है अश्विन का नंबर। अश्विन अपना सिर्फ 81वां टेस्ट मैच खेल रहे हैं और उनके नाम विकेट हैं कुल 423। कपिल देव (434) से भी वह बहुत ज्यादा पीछे नहीं हैं। और इसी सीरीज में उन्होंने हरभजन सिंह (417) को पीछे छोड़ा। लेकिन आज अश्विन ने कीवी टीम के चार बल्लेबाजों को पविलियन भेज एक और कीर्तिमान हासिल किया। वह इस साल सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले बोलर बन गए। उनके नाम साल 2021 में टेस्ट में 48 विकेट हो गए हैं। मैच खेले हैं 8। अश्विन ने पाकिस्तान के शाहीन शाह अफरीदी को पीछे छोड़ा। इस युवा पेसर ने अभी तक इस साल 44 विकेट लिए हैं। पाकिस्तान के भावी सुपरस्टार कहे जाने वाले शाहीन की रफ्तार और स्विंग ने कमाल दिखाया है। वहीं अश्विन लगातार अपने तरकश में तीर जोड़ते रहते हैं। कभी ऑफ स्पिन, कभी दूसरा और कभी कैरम बॉल। बल्लेबाज के पास बचने के ज्यादा रास्ते नहीं होते हैं। तो कौन होगा ज्यादा खुश तो, जब दिन का खेल खत्म हुआ तो एजाज अपनी निजी उपलब्धि पर भले ही राहत महसूस कर रहे हों लेकिन कुल मिलाकर भारतीय खेमा ही खुश होगा। भारत ने न्यूजीलैंड को फॉलोऑन नहीं दिया। उसने खुद बल्लेबाजी का फैसला किया और बिना किसी नुकसान के 69 रन बना लिए। अब उसकी कुल बढ़त हो गई है 332 रन। यहां से भारत के लिए मुकाबला गंवाना बहुत मुश्किल है। और उससे भी मुश्किल है कीवी टीम के लिए वापसी। पर यह क्रिकेट है। टेस्ट क्रिकेट। यहां निश्चित होकर एक ही बात कही जा सकती है कि-यहां कुछ भी निश्चित नहीं है, यह अनिश्चितताओं का खेल है। और यही है इस खेल की सबसे बड़ी खूबसूरती।

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