Saturday, December 4, 2021

खेल भावना इसे कहते हैं... गले लगाकर दी एजाज पटेल को बधाई, विराट-द्रविड़ ने जीता दिल December 04, 2021 at 07:31PM

मुंबई क्रिकेट को यूंही जेंटलमेंस गेम नहीं कहा जाता। यहां खेल भावना सबसे ऊपर होती है। ऐसा ही नजारा मुंबई टेस्ट के दूसरे दिन देखने को मिला। अकेले एजाज पटेल ने पूरी भारतीय पारी निपटा दी। पूरे 10 विकेट अकेले चटका गए। बावजूद इसके भारतीय टीम ने सीट से उठकर एजाज को उनके ऐतिहासिक कारनामे की बधाई दी। दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली और कोच राहुल द्रविड़ न्यूजीलैंड के ड्रेसिंग रूम पहुंचे। गले लगाकर एजाज पटेल को बधाई दी और उनके खेल को सराहा। अब ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। भारतीय टीम के स्पोर्ट्समैन स्पिरिट की तारीफें हो रहीं हैं। एजाज पटेल का मुंबई कनेक्शनजब एजाज के माता पिता ने 1996 में मुंबई के जोगेश्वरी से न्यूजीलैंड जाने का फैसला किया था तो वह केवल आठ वर्ष के थे। एजाज के परिवार का जोगेश्वरी में एक घर है। उनकी मां ओशिवारा के निकट एक स्कूल में पढ़ाया करती थीं जबकि उनके पिता ‘रेफ्रीजरेशन’ व्यवसाय से जुड़े थे। पेसर बनना चाहते थे एजाज भारत से न्यूजीलैंड में बसने के बाद एजाज पटेल को क्रिकेट से लगाव होता गया। वह तेज गेंदबाजी करते थे, लेकिन न्यूजीलैंड के पूर्व स्पिनर और तब न्यूजीलैंड अंडर-19 टीम के कोच दीपक पटेल की सलाह पर उन्होंने स्पिन गेंदबाजी करनी शुरू की। न्यूजीलैंड में एजाज ने अपना करियर ऑकलैंड के साथ शुरू किया। सिर्फ 10 मैच पुराना करियर एजाज ने लगातार विकेट झटकना जारी रखा और अंत में उन्हें 2018 में न्यूजीलैंड की टीम में शामिल किया गया और आज उन्होंने न्यूजीलैंड के गेंदबाज के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में महान खिलाड़ी रिचर्ड हेडली के रेकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। हैडली ने 1985 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 52 रन देकर नौ विकेट झटके थे। एजाज का यह सिर्फ 11वां टेस्ट ही है। आईपीएल देखने आते थे वानखेड़े एजाज के परिवार के सदस्य अब भी जोगेश्वरी में रह रहे हैं। एजाज के परिवार का जोगेश्वरी में एक घर है। एजाज के बड़े चचरे भाई ओवेस पटेल यहां रहते हैं। कोविड-19 महामारी के आने से पहले एजाज का परिवार अकसर भारत में छु्ट्टियां बिताया करता। न्यूजीलैंड के पूर्व साथी और मुंबई इंडिंयस के तेज गेंदबाज मिचेल मैक्लेनाघन की बदौलत वह अक्सर टीम के आईपीएल मैच देखने वानखेड़े स्टेडियम आते थे।

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