Wednesday, December 15, 2021

गांगुली-द्रविड़ की जुगलबंदी भी नहीं खत्म कर पा रही टीम इंडिया में वर्चस्व की लड़ाई December 14, 2021 at 11:58PM

नई दिल्ली हर सवाल के बाद विवाद। हर जवाब के बाद विवाद। हर बात के बात विवाद। हर खामोशी के बाद विवाद। भारतीय क्रिकेट की तस्वीर आजकल कुछ ऐसी ही है। कोई बोलता है तो विवाद होता है। कोई चुप रहता है तो विवाद होता है। किसी की चुप्पी के टाइमिंग पर विवाद होता है। किसी के बोलने की टाइमिंग बड़ा विवाद पैदा करती है। किसी के जाने से विवाद होता है, तो किसी का आना उससे बड़ा विवाद होता है। आने और जाने के तरीकों पर अलग विवाद होता है। कुल मिलाकर तस्वीर बीते कुछ वक्त से काफी पेचीदा हो गई है। भूल-भुलैया की उन गलियों की तरह जिससे बाहर निकलने की कोशिश में और गहरा फंसते चले जाते हैं। टीम इंडिया बदलाव के दौर से गुजर रही है, लेकिन हर बार बदलाव आसान नहीं होता। या अंग्रेजी में कहें तो स्मूद नहीं होता। पुराना हटाकर नया लगाना, कई बार बहुत मुश्किल हो जाता है। विराट कोहली और रोहित शर्मा के साथ यही हुआ। इसकी शुरुआत रवि शास्त्री के कोचिंग कार्यकाल समाप्त होने से हुई। या कहें कि विराट के इस ऐलान के साथ कि वह टी20 वर्ल्ड कप के बाद इस फॉर्मेट में टीम की कप्तानी नहीं करेंगे। कोहली के इस ऐलान की सुगबुगाहट पहले से हो रही थी। लेकिन वर्ल्ड कप से ठीक पहले इसकी घोषणा करना थोड़ा अजीब लगा। फिर सीन बदला। और बहुत तेजी से बदला। विराट की जगह साउथ अफ्रीका सीरीज पर रोहित शर्मा को वनडे सीरीज की कमान सौंपी गई। बात हैरान करने वाली थी। हालांकि चर्चाएं इसकी भी गर्म थीं। कहा गया चयनकर्ता नहीं चाहते थे कि वाइट बॉल में दो कप्तान हों। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने सामने आकर कहा कोहली से इस बारे में बात की गई थी। सिलेक्टर्स ने भी बात की थी। गांगुली ने कहा कि उन्होंने खुद विराट से बात कर उन्हें टी-20 की कप्तानी नहीं छोड़ने के लिए कहा था, लेकिन वह माने नहीं। इसके बाद सिलेक्टर्स को लगा कि वनडे और टी-20 में दो अलग कप्तान ठीक नहीं। फैसला लिया गया कि कोहली के स्थान पर रोहित को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए। गांगुली ने कहा कि इस बारे में विराट से बात कर ली गई थी। कायदे से यहां विवाद समाप्त हो जाना चाहिए था, लेकिन इसके बाद घटनाक्रम तेजी से बदले। सोमवार को खबर आई कि रोहित साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज में नहीं खेलेंगे। उनके हैमस्ट्रिंग में चोट है। बात और बिगड़ी जब कोहली के वनडे सीरीज से हटने की बात सामने आने लगी। कहा गया कि कोहली अपनी बेटी के पहले जन्मदिन में शामिल होना चाहते हैं। कोहली की बेटी का जन्मदिन 11 जनवरी को है और उस दिन कोहली का 100वां और साउथ अफ्रीका सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच होगा। यानी बात उतनी सीधी नहीं थी जितनी नजर आ रही थी। पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भी कहा कि कोहली के आराम से कोई तकलीफ नहीं है लेकिन टाइमिंग एक बड़ा मुद्दा है। खबरें आने लगीं कि दोनों, विराट और रोहित, एक-दूसरे की कप्तानी में नहीं खेलना चाहते हैं। सोशल मीडिया पर साजिशों के कयास लगने लगे। कोई विराट के साथ अन्याय की बात करने लगा तो कोई रोहित के साथ खड़ा नजर आया। बोर्ड की तरफ से खबरें पूरी तरह साफ नहीं हो पा रही थीं। कप्तान और बोर्ड एक पेज पर नहीं दिख रहे थे। और कम से कम मीडिया में ऐसी ही खबरें आ रही थीं। बुधवार को साउथ अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पहले कोहली ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई ऐसी बातें कहीं जिनसे विवादों को और हवा मिली। या कोहली ने सफाई देने की कोशिश की। कोहली ने कहा, 'मैं वनडे के लिए चयन के लिए उपलब्ध हूं। कुछ चीजें जो अतीत में सामने आईं कि मैं कार्यक्रमों में शामिल हो रहा था, ऐसी चीजें विश्वसनीय नहीं हैं। टेस्ट टीम के चयन से डेढ़ घंटे पहले मुझसे संपर्क किया गया और पांच 5 चयनकर्ताओं ने बताया कि मैं वनडे टीम की कप्तानी नहीं करूंगा।' अब यह बात गांगुली की उस बात से कुछ अलग है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने खुद और चेयरमैन ऑफ सिलेक्टर चेतन शर्मा ने रोहित को वनडे कप्तान बनाने से पहले उनसे बात की थी। बोर्ड और सिलेक्शन पैनल की ओर से उन्हें सारी तस्वीर समझाई गई थी। अब असल बात क्या है यह तो बोर्ड और कोहली ही जानते हैं लेकिन यह जो भी हुआ इसे आराम से निपटाया जा सकता था। इससे पहले बोर्ड ने अनिल कुंबले के कोचिंग कार्यकाल के समाप्त होते वक्त विवादों का सामना किया था। बोर्ड के लिए यह तस्वीर अच्छी नहीं। गांगुली का एडमिनिस्ट्रेशन कमाल का है। राहुल द्रविड़ का सौम्य व्यवहार सबको साथ लेकर चलने का है। हर टीम प्रबंधन की सोच अलग होती है। वह टीम को अपनी सोच और रणनीति के हिसाब से आगे बढ़ाना चाहते हैं। गांगुली, राहुल और रोहित की तिकड़ी भी ऐसी ही कुछ विचार कर रहे हैं। विराट बेशक भारतीय टीम के सबसे कप्तान हैं। टेस्ट में उनके रिकॉर्ड शानदार हैं। लेकिन उनका बल्ला उनसे रूठा हुआ है। वह अपने पुराने रंग में नजर नहीं आ रहे हैं। भारतीय क्रिकेट को बेशक बल्लेबाज विराट की बहुत जरूरत है। और टीम इंडिया में चल रहे विवादों पर जितनी जल्दी विराम लगे उतना अच्छा है।

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