Saturday, September 4, 2021

पोलियो हुआ तो बहन ने गोद ले लिया, कमजोरी को बनाई ताकत, जीते 45 इंटरनेशनल मेडल September 04, 2021 at 03:14AM

तोक्यो बिहार के हाजीपुर के रहने वाले प्रमोद भगत बैडमिंटन में पैरालिंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बन गए। दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी प्रमोद ने शनिवार को पुरूष एकल एसएल3 वर्ग में ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर गोल्ड जीता। यह पहला मौका है जब बैडमिंटन को पैरालिंपिक में जगह दी गई। शीर्ष वरीय भारतीय और एशियाई चैंपियन प्रमोद भगत ने योयोगी नेशनल स्टेडियम में 45 मिनट तक चले रोमांचक फाइनल में दूसरे वरीय बेथेल को 21-14 21-17 से मात दी। बिहार से ओड़िशा कैसे पहुंचे प्रमोद भगतपिता रामा भगत गांव में रहकर खेती करते थे। प्रमोद जब चार साल के थे तो पोलियो की वजह से उनका बायां पैर खराब हो गया था। बहन किशुनी देवी की खुद की कोई संतान नहीं थी। ऐसे में उन्होंने अपने नन्हें भाई को गोद ले लिया और अपने साथ भुवनेश्वर ले आई। अब ओड़िशा की राजधानी में ही प्रमोद की पढ़ाई करने लगे। मां-बाप को समर्पित किया मेडल तोक्यो खेलों में भारत को चौथा स्वर्ण पदक दिलाने के बाद भगत ने कहा, ‘यह मेरे लिए बहुत विशेष है, मेरा सपना सच हो गया। बेथेल ने बहुत कोशिश की, लेकिन मैं संयमित रहा और अपना बेहतर खेल दिखाया। मैं इस पदक को अपने माता-पिता और हर उस व्यक्ति को समर्पित करना चाहूंगा जिसने मेरा समर्थन किया। मैं खुश हूं कि मैं भारत को गौरवान्वित कर सका। मैं दो साल पहले जापान में इन्हीं प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेला था और हार गया था। वो मेरे लिए सीखने का मौका था। आज मैं उसी स्टेडियम में हूं और वही माहौल है लेकिन मैंने जीतने की रणनीति निकाली।’ एक मेडल और जीत सकते हैं प्रमोद 33 साल का यह खिलाड़ी अभी मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5 वर्ग में कांस्य पदक की दौड़ में बना हुआ है। भगत और उनकी जोड़ीदार पलक कोहली रविवार को कांस्य पदक के प्लेऑफ में जापान के दाईसुके फुजीहारा और अकिको सुगिनो की जोड़ी से भिड़ेंगे। एसएल3-एसयू5 वर्ग में भगत और पलक की जोड़ी को सेमीफाइनल में इंडोनेशिया की हैरी सुसांतो एवं लीएनी रात्रि आकतिला से 3 - 21, 15 - 21 से हार का सामना करा पड़ा। प्रमोद भगत के नाम 45 इंटरनेशनल मेडल विश्व चैंपियनशिप में चार स्वर्ण समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में पिछले आठ साल में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते। 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक स्वर्ण और एक कांस्य जीता। साल 2019 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार और बीजू पटनायक पुरस्कार से नवाजा गया। स्वर्ण पदक के मैच में भगत ने शुरू में बढ़त गंवा दी थी, लेकिन जल्द ही वापसी करते हुए वह 8-6 से आगे हो गए। भगत ने आक्रामक रिटर्न से पहला गेम जीता फिर दूसरे गेम में 4-11 से पिछड़ने के बाद पाला पलटा।

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