Saturday, March 13, 2021

क्रिकेट में आज: जब भारत के दो 'बीमार' खिलाड़ी क्रीज पर ऐसा जमे कि दुनिया की 'महानतम' टीम ऑस्ट्रेलिया का हुआ मानमर्दन March 13, 2021 at 04:13PM

नई दिल्ली आज इस साझेदारी को 20 साल हो गए। लेकिन क्रिकेट के देखने वालों, चाहने वालों और उसके इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों के लिए वह दिन और पार्टनरशिप आज भी उतना ही दिलचस्प है जितना कि वह लाइव देखते हुए था। वैंगीपुरप्पु वेंकट साईं लक्ष्मण और राहुल शरद द्रविड़- टीम इंडिया के इन दो खिलाड़ियों ने विजय-रथ पर सवार विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को न सिर्फ पटखनी देने की इबारत लिखी बल्कि भारतीय क्रिकेट को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया। भारतीय क्रिकेट की जब भी बात की जाएगी तो साल 11-15 मार्च 2001 कोलकाता एक अहम पड़ाव होगा। और इसी मैच के चौथे दिन यानी 14 मार्च को दो 'बीमार' खिलाड़ी दुनिया की सर्वकालिक महान टीम कही जाने वाली ऑस्ट्रेलिया और उसके दिग्गज कप्तान स्टीव वॉ की चालों को बल्ले की धार से कुंद कर रहे थे। न फिरकी चल रही थी और न लाइन और लेंथ। अंगद के पांव की तरह दोनों ऐसे जमे कि 90 ओवरों में ऑस्ट्रेलिया ने 334 रन लुटाए लेकिन विकेट का खाता खाली रहा। की वह साझेदारी 20 साल पहले आज ही के दिन हुई थी। कोलकाता के ईडन गार्डंस में। द्रविड़ पूरे टेस्ट में बुखार से पीड़ित थे और लक्ष्मण की कमर में दर्द था। 1990 के दशक के मध्य की बात है। क्रिकेट की दुनिया की धुरी बदल रही थी। वेस्टइंडीज को 1995 में उसी के घर में हराकर ऑस्ट्रेलिया की दुनिया की बादशाहत की ओर बढ़ रही थी। 1990 के दशक के आखिर और 2000 के पहले चंद वर्षों में ऑस्ट्रेलिया लगभग अपराजेय थी। एक ऐसी टीम जिसे हराना एक सपना था। वह क्रिकेट की दुनिया पर राज करती थी। ऐसी टीम जो अपने घर पर तो विपक्षी को मात देती ही थी लेकिन दूसरों के घर में घुसकर धूल चटाने का हुनर जानती थी। स्टीव वॉ की यही टीम भारत के दौरे पर थी। मुंबई में पहला मैच ऑस्ट्रेलिया तीन दिनों से कम वक्त में जीत गया था। उनकी लगातार 16वीं टेस्ट जीत। इसके बाद दोनों टीमें कोलकाता पहुंची थीं। 11 मार्च 2001 को शुरू हुए टेस्ट मैच के चौथे दिन भारत की हालत खराब थी। टीम फॉलोऑन खेल रही थी। टीम का स्कोर चार विकेट पर 254 रन था। तकनीकी रूप से देखें तो 20 पर चार। हार सुनिश्चित थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी माइकल स्लेटर टीम अपने साथी एडम गिलक्रिस्ट को सिगार दिखाकर कह रहे थे आज भारत को मात देकर शाम को इसकी पार्टी की जाएगी। लेकिन इसके बाद जो हुआ वह भारतीय क्रिकेट इतिहास की किताब में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। एक ऐसा मुकाबला जिसके बाद भारतीय क्रिकेट कभी पहले जैसा नहीं रहा। एक ऐसी साझेदारी जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नई राह दिखाई। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खिंची 'लक्ष्मण' रेखा जब तीसरे दिन का खेल खत्म हुआ तो वीवीएस लक्ष्मण, जिन्हें ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज इयान चैपल वैरी-वैरी स्पेशल लक्ष्मण कहा करते थे, 109 रन बना चुके थे। उनके पार्टनर राहुल द्रविड़ 7 पर नाबाद थे। चौथा दिन खत्म हुआ। लक्ष्मण 275 पर नाबाद थे, द्रविड़ 155 पर। पूरा दिन यह जोड़ी मैदान पर रही। ऑस्ट्रेलियाई टीम जिसमें ग्लेन मैक्ग्रा, शेन वॉर्न, जेसन गिलेस्पी, माइकल कैस्प्रोविच जैसे गेंदबाज थे, विकेट से महरूम रहे। द्रविड़ को इस मैच से पहले बुखार था और लक्ष्मण की कमर में दर्द। लेकिन यह जोड़ी टिकी रही और हर शॉट के साथ भारतीय उम्मीदों को बढ़ाती गई। द्रविड़ की पारी पर लोगों की नजरें कम गईं क्योंकि दूसरे छोर पर लक्ष्मण ने भारत का तब का सर्वाधिक स्कोर जो बनाया था। टेस्ट मैच का चौथा दिन। दुनिया का महानतम लेग स्पिनर। कोलकाता की रफ पिच। शेन वॉर्न राउंड द विकेट रफ और बोलर्स फुटमार्क में गेदबाजी कर रहे थे लेकिन लक्ष्मण क्रीज से निकल-निकलकर उन्हें स्पिन के अगेंस्ट हिट कर रहे थे। अंग्रेजी में कहते हैं All along the carpet. ज्यादातर शॉट ऐसे ही थे। दोनों ने स्कोर को चौथे दिन 589 तक पहुंचाया। अगले दिन लक्ष्मण जब आउट हुए तो भारत का स्कोर 608 रन था। यानी दोनों के बीच 345 रन की साझेदारी हुई। द्रविड़ 180 रन बनाकर आउट हुए और भारत ने सात विकेट पर 657 पर घोषित की। ऑस्ट्रेलिया को अगले दिन चौथी पारी में 384 रन का लक्ष्य मिला। और जब हरभजन की गेंद पर मैक्ग्रा आउट हुए भारत ने अपने टेस्ट इतिहास की सबसे यादगार जीत में एक हासिल की।

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