Monday, July 6, 2020

क्लब में धोनी के कोच रहे चंचल भट्टाचार्य ने कहा- वे गुस्सा जताते नहीं, सिर्फ नाक टेढ़ी कर लेते हैं; किसी भी नंबर पर बल्लेबाजी कर लेते थे July 06, 2020 at 04:09PM

पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आज 39 साल के हो गए हैं। उनका जन्म 7 जुलाई 1981 को झारखंड (तब बिहार) के रांची में हुआ था। धोनी ने अपनी कप्तानी में देश को 2007 में टी-20 और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप के अलावा 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी जिताई है। धोनी मैदान के अंदर और बाहर हमेशा शांत नजर आते हैं। बहुत ही कम मौके होंगे, जब फैंस ने उनको गुस्से में देखा होगा। इस पर क्लब कोच चंचल भट्टाचार्य ने खुलासा किया कि धोनी के पास गुस्से को कंट्रोल करने की एक अलग कलाहै।

1996 से 2004 तक कमांडो क्रिकेट क्लब में धोनी के कोच रहे चंचल ने कहा कि गुस्सा आने पर धोनी अपनी नाक को टेढ़ी कर लेते हैं। वे लोगों के सामने गुस्से को जाहिर नहीं होने देते। क्लब में भी खेलते समय उनका रवैया ठीक ऐसा ही था। भास्कर ने चंचल के अलावा स्कूल टाइम के कोच केआर बनर्जी और भारतीय टीम में धोनी के साथ खेले तेज गेंदबाज मोहित शर्मा से बात की...

  • धोनी क्या शुरू से अनुशासन में रहे?

चंचल: एक बार किसी गलती पर मैंने पूरी टीम को सजा दी थी। सभी खिलाड़ियों को बस की बजाय बैग लेकर दौड़ते हुए स्कूल जाने के लिए कहा था। स्कूल करीब 1 किमी दूर था। दूसरे खिलाड़ियों ने मुझसे सजा को लेकर सवाल किए थे, लेकिन धोनी बिना कुछ कहे, बैग लेकर चल दिए। हालांकि, धोनी ने गलती नहीं की थी। उससे कुछ भी कहो, वह बिना कारण पूछे करता था। शायद यही खासियत उसे सफलता की ओर लेकर गई।

  • क्या धोनी शुरू से शांत रहते थे। उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता था?

चंचल: दूसरे बच्चों की तरह धोनी को भी गुस्सा आता था, लेकिन उसे गुस्सा काबू करने की कला आती है। वह बिना लोगों को पता चले और बगैर किसी को नुकसान पहुंचाए अपना गुस्सा अलग तरीके से जाहिर करता था। गुस्सा आने पर धोनी अपनी नाक को टेढ़ा कर लेता था और थोड़ी देर में ही नॉर्मल हो जाता था। इसी आदत से वह कैप्टन कूल बन पाया है।

  • भारतीय टीम में आने के बाद धोनी के व्यवहार में बदलाव आया?

चंचल: धोनी के अंदर एक खूबी है कि वह किसी का भी हौसला कम नहीं करता, बल्कि बढ़ाता है। कोई व्यक्ति यह पूछता है कि क्या आप मुझे जानते हैं, तो धोनी यह कभी नहीं कहता कि नहीं पहचानता। भले धोनी उस व्यक्ति को नहीं जानता हो। माही उस व्यक्ति को अनजान जैसा महसूस नहीं होने देता और बात भी करता है। मैदान पर भी जूनियर्स का हौसला बढ़ाते हैं।

  • बतौर कप्तान धोनी की सफलता के क्या कारण रहे?

चंचल: धोनी के अंदर एक खासियत यह भी है कि वह जिस पर भरोसा करता है, तो हमेशा उसके साथ खड़ा भी रहता है। उसे पता होता है कि कैसे किसी से उसका 100% लेना है। यही कारण है कि अपनी कप्तानी में न केवल नए खिलाड़ियों को मौका दिया, बल्कि उन पर भरोसा भी किया और उनसे 100% निकलवाने में भी सफल रहा। धोनी को हमेशा से ही खुद पर भरोसा रहा है। उन्हें किस नंबर पर बल्लेबाजी करना है, यह उन्होंने क्लब क्रिकेट में भी कभी नहीं कहा। उसे बल्लेबाजी के लिए जिस भी नंबर पर भेजो, वह बगैर सवाल के चला जाता था। यही कारण है कि उसकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कई इतिहास रचे।

  • धोनी को स्कूल में क्रिकेट और फुटबॉल के अलावा भी कोई दूसरा खेल पसंद था?

चंचल: धोनी के बारे में सभी को यही पता है कि वे क्रिकेट और फुटबॉल ही खेलते थे, लेकिन उन्हें बैडमिंटन खेलना भी बहुत पसंद था। वे बैडमिंटन में अंडर-19 स्टेट चैम्पियनशिप भी खेल चुके हैं।

  • धोनी गुस्सा कंट्रोल करने की कैपेसिटी रखते हैं: मोहित

तेज गेंदबाज मोहित शर्मा ने भास्कर से कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि माही को गुस्सा नहीं आता है। दूसरे लोगों की तरह उन्हें भी गुस्सा आता है, लेकिन वे गुस्सा कंट्रोल करने की कैपेसिटी रखते हैं। वे गुस्सा होने पर किसी से कुछ नहीं कहते हैं।’’

  • ‘माही वापसी करेंगे, उनमें क्रिकेट बाकी है’

मोहित ने कहा, ‘‘धोनी में अभी क्रिकेट बाकी है। वे वापसी करेंगे और उनके फैंस एक बार फिर उन्हें टीम इंडिया से खेलते देखेंगे। माही ने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है। वे नए खिलाड़ियों को सपोर्ट करते हैं और उन पर भरोसा भी जताते हैं।’’ मोहित शर्मा आईपीएल में धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल चुकेहैं। भारतीय टीम में भी धोनी के साथ खेल चुके हैं।

  • धोनी पूरी तरह फिट हैं: केआरबनर्जी

स्कूल टाइम के कोच केआर बनर्जी ने भास्कर से कहा, ‘‘धोनी के संन्यास को लेकर चर्चा करना ठीक नहीं है। यह उनका निजी मामला है। अभी वे पूरी तरह फिट हैं। लॉकडाउन से पहले धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस की थी। इससे उनकी फिटनेस साबित होती है। स्कूल समय की बात करें तो धोनी क्लास में हमेशा शांत ही रहते थे। ज्यादा किसी से बात नहीं करते थे। जितना पूछा जाता था, उतना ही बोलते थे। यदि वे एक बार किसी से घुल-मिल जाते थे, तो उससे बहुत मजाक भी करते थे।’’



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MS Dhoni 39th Birthday Special Story | Mahendra Singh Dhoni Childhood Coach Chanchal Bhattacharya, Mohit Sharma, RK Banerjee Speaks to Dainik Bhaskar

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