Wednesday, July 22, 2020

143 साल में फोम रोलर से रोबोट कैमरे तक पहुंची तकनीक, इंग्लैंड-वेस्टइंडीज सीरीज में रोबोट कैमरे के सामने टॉस हुआ July 22, 2020 at 04:02PM

क्रिकेट की शुरुआत 1877 में हुई। समय के साथ-साथ टेक्नोलॉजी का प्रयोग बढ़ता गया। इस समय कोरोनावायरस के कारण दुनिया के सभी खेल प्रभावित हैं। इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच 8 जुलाई से शुरू हुई तीन मैच की टेस्ट सीरीज में रोबोट कैमरे का सहारा लिया गया।

खिलाड़ियों पर से संक्रमण का खतरा कम करने के लिए पहली बार रोबोट कैमरे के बीच टॉस हुआ और कप्तान का इंटरव्यू भी लिया गया। क्रिकेट में टेक्नोलॉजी को लेकर एक रिपोर्ट...

कोरोना से पहले एक्सपर्ट मैदान में लिया करते थे कप्तान का इंटरव्यू
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और विंडीज के कप्तान जेसन होल्डर के पास अपना-अपना माइक था। दोनों ने रोबोट कैमरे के सामने इंटरव्यू दिया। पहले एक्सपर्ट कप्तान का इंटरव्यू लेते थे।

1979 में रोलर की जगह सुपर आया, अब हर मैदान पर है।

बारिश के बीच क्रिकेट नहीं हो सकता। मैदान को सुखाने के लिए 1953 में फोम रोलर आया। फिर 1979 में सुपर सॉपर का उपयोग हुआ। आज सभी बड़े मैदान में सुपर सॉपर का उपयोग होता है।

सिडनी के रजिस्टर हाउस में पहली बार टेस्ट मैच का रिजल्ट दिखाया गया।

1971 में सिडनी में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट को टेस्ट ऑफ सेंचुरी कहा जाता है। यहां नेशनल कैश रजिस्टर हाउस में लगे छोटे टीवी सेट पर रिजल्ट दिखाया गया था।

न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच मैच में पहली बार डीआरएस का इस्तेमाल हुआ।


अंपायर के निर्णय को चुनौती देने के लिए डिसीजन रिव्यू सिस्टम (डीआरएस) आया। 2009 में इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने इसे लॉन्च किया। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट में इस्तेमाल हुआ।



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इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और विंडीज के कप्तान जेसन होल्डर के पास अपना-अपना माइक था। एक्सपर्ट की जगह दोनों ने रोबोट कैमरे के सामने इंटरव्यू दिया।

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