Sunday, May 10, 2020

दो वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पा रहे गोल्फ कोर्स के कैडीज May 10, 2020 at 08:30PM

दुनिया के सबसे महंगे खेलों में शुमार गोल्फ भी लॉकडाउन (Lockdown) के प्रभाव में आने से नहीं बचा है। इस खेल से जुड़े कैडीज (मैच के दौरान गोल्फ खिलाड़ियों की मदद करने वाला स्टाफ) अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। बीते दो महीने से गोल्फ क्लब (Golf Club) और (Golf Courses) बंद पड़े हैं और ऐसे में इन कैडीज की चिंता करने वाला भी कोई नहीं है। लॉकडाउन खुलने के बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि गोल्फ के शौकीन यहां तुरंत ही आ जाएंगे। ऐसे में अपने जीवनयापन को लेकर इन कैडीज के सामने चुनौती बड़ी हो रही है। देश और दिल्ली एनसीआर के कुछ गोल्फ क्लब्स ने भले ही इस वर्ग के अपने कर्मचारियों को वित्तीय मदद मुहैया कराई हो। कुछ ने तो अपने कर्मारियों को राशन देकर भी मदद दी है लेकिन फरीदाबाद के अरावली गोल्फ क्लब ने अपने कैडीज के लिए कोई मदद मुहैया नहीं कराई है। राजधानी दिल्ली के दक्षिण में करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित इस गोल्फ क्लब के कैडीज को आगे कमाई भी नहीं दिख रही है और उनका राशनभी खत्म होता जा रहा है। इस क्लब के कैडीज का दावा है कि क्लब ने उनकी कोई मदद नहीं की है। एक कैडी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, 'वे ये न सोचें की हम प्रधान बन रहे हैं। लेकिन सच यह है कि हमारी हालत बहुत खराब है। लॉकडाउन का हम पर बहुत बुरा असर हुआ है और क्लब ने हमारी कोई मदद नहीं की है।' सामान्य दिनों में एक कैडी औसतन 600 से 800 रुपये रोजाना कमाता है, और वह 15-16 हजार रुपये प्रतिमाह कमा लेता है। यहां 50 से ज्यादा कैडीज होते थे लेकिन बीते 2 महीने से जब से लॉकडाउन शुरू हुआ है, तब से अब तक करीब 30 लोग यहां वापस घर लौट चुके हैं। जब अरावली क्लब से इन कैडीज को लेकर बात की गई तो यहां के मैनेजर निरंजन सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने क्लब के सदस्यों को यहां राशन के बैग बांटने के लिए प्रेरित किया था। हमने क्लब के सदस्यों से दो बार राशन बांटने की अपील की थी। हम उन्हें आटा, चावल, दाल आदि बांट भी चुके हैं।

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