Friday, April 17, 2020

महिला हॉकी टीम गरीबों के लिए जमा करेगी फंड April 17, 2020 at 04:57PM

नई दिल्लीभारतीय महिला हॉकी टीम ने कोविड-19 महामारी के कारण घोषित लॉकडाउन में परेशानी का सामना कर रहे प्रवासी श्रमिकों के परिवारों की आर्थिक मदद के लिए शुक्रवार को फिटनेस चुनौती शुरुआत की। कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में तीन मई तक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन है। महिला हॉकी खिलाड़ियों ने इस दौरान कम से कम 1000 परिवारों को खाना खिलाने के मकसद से जनभागीदारी के जरिए राहत कोष जुटाने का फैसला किया है। इस दौरान लोगों से सक्रिय जीवन शैली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। पढ़ें, हॉकी इंडिया से जारी बयान में भारतीय कप्तान रानी रामपाल ने कहा, ‘हर दिन हम अखबारों और सोशल मीडिया में पढ़ रहे हैं कि बहुत सारे लोग भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं, हमने एक टीम के रूप में इन लोगों को मदद करने के लिए कुछ करने का फैसला किया है।’इसके लिए एक ऑनलाइन फिटनेस चुनौती सबसे अच्छा तरीका होगा। हमारा लक्ष्य कम से कम 1000 परिवारों के भोजन के लिए पर्याप्त धन जुटाना है।’ इस धनराशि को दिल्ली स्थित गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) उदय फाउंडेशन को दान किया जाएगा। इसका इस्तेमाल विभिन्न स्थानों पर रह रहे प्रवासी श्रमिकों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बीमार लोगों के लिए बुनियादी आवश्यकताएं प्रदान करने के लिए किया जाएगा। इसके तहत कोष का इस्तेमाल भोजन और सूखा राशन प्रदान करने के अलावा लोगों को साफ सफाई के लिए जरूरी सामान जैसे की सैनिटाइजर और साबुन भी दिया जाएगा। इस चुनौती के तहत महिला टीम की खिलाड़ी सोशल मीडिया के जरिए कई फिटनेस (कसरत) चुनौती देते हुए दिखेंगी जिसमें बर्पी, लुंजेस, स्क्वैट्स टू स्पाइडर-मैन पुशअप्स और पोगो हॉप्स जैसे व्यायाम शामिल हैं। हर दिन खिलाड़ी एक नई चुनौती देगी और 10 लोगों को टैग कर के इसके लिए 100 रुपये दान करने की गुजारिश करेगी। टीम की उपकप्तान सविता ने कहा, ‘हर दिन हम एक मजेदार नई चुनौती देंगे जो किसी के द्वारा भी किया जा सकता है । जो भी इस चुनौती को स्वीकार करेगा वह 100 रुपये या अधिक धनराशि दान कर सकता है। हमें पूरी उम्मीद है कि लोग इस नेक काम के लिए हमारा समर्थन करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय महिला हॉकी टीम में हम सभी गरीब पृष्ठभूमि से आते हैं और हमने ऐसे दिन देखे हैं जब हमें भोजन और अन्य बुनियादी चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ा था। आज हम मदद करने की स्थिति में हैं और हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि गरीब लोगों को भोजन और सैनिटरी किट जैसी बुनियादी चीजें मिलें।’

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