Monday, August 9, 2021

क्या अधूरा रह जाएगा मीराबाई का गोल्डन सपना, अगले ओलिंपिक से हो सकती हैं बाहर August 08, 2021 at 09:46PM

नई दिल्ली मीरबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीतकर तोक्यो ओलिंपिक में भारतीय अभियान का शानदार आगाज किया था। स्वदेश लौटने के बाद उनका धूमधाम से स्वागत हुआ। मणिपुर की इस बेटी ने वादा किया था कि वह पैरिस में होने वाले अगले ओलिंपिक में गोल्ड जीतेंगी, लेकिन अब लग रहा है कि उनका यह सपना अधूरा ही रह जाएगा। क्या है पूरा मामला?अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOA) ने रविवार को ओलिंपिक कार्यक्रम से खेलों को हटाने के लिए खुद को और शक्तिशाली बना लिया है। वेटलिफ्टिंग और बॉक्सिंग संघों से उसका पुराना विवाद है। पेरिस 2024 ओलिंपिक के लिए पहले ही वेटलिफ्टर और बॉक्सर्स का कोटा कम कर दिया गया था। अब खबर है कि दोनों ही खेलों को बाहर का भी रास्ता दिखाया जा सकता है। वेटलिफ्टिंग पर क्यों सबसे ज्यादा खतराबीते कुछ साल में इस खेल की साख पर जबरदस्त बट्टा लगा है। लगातार डोपिंग के मामले, वित्तीय भ्रष्टाचार और खराब लीडरशिप इसके अहम कारण हैं। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग एसोसिएशन की कमान लगभग दो दशक तक तमस अजान संभाल रहे थे। पिछले ही साल आईओसी के इस पूर्व सदस्य ने पद छोड़ा। इन दोनों खेलों से जुड़े मुद्दों को देखते हुए ही आईओसी के सदस्यों ने मतदान करके खेलों की सर्वोच्च संस्था को किसी खेल को ओलिंपिक कार्यक्रम से बाहर करने के अधिक अधिकार दिए। क्या कहते हैं नियम? आईओसी के अनुसार अब यदि कोई खेल आईओसी के कार्यकारी बोर्ड के फैसलों का पालन नहीं करता है या ऐसे काम करता है जिससे ओलिंपिक आंदोलन की छवि धूमिल होती हो तो आईओसी उसे कार्यक्रम से हटा सकती है। आईओसी प्रमुख थामस बाक की अध्यक्षता वाले कार्यकारी बोर्ड को किसी खेल की संचालन संस्था के किसी निर्णय का पालन नहीं करने या उसे मानने से इनका करने पर किसी खेल को ओलिंपिक से निलंबित करने का नया अधिकार भी मिल गया है। मीराबाई ने खत्म किया था 21 साल का सूखा साल 2000 में हुए सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। तब से कोई भी भारतीय वेटलिफ्टिंग में मेडल नहीं ला पाया था। मीराबाई चानू ने 49 किग्रा भारवर्ग में न सिर्फ भारत का खाता खोला बल्कि पहला सिल्वर भी दिलाया था। अब उनका अगला मिशन पैरिस ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है।

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