Wednesday, March 17, 2021

बॉब वूल्मर: कानपुर में जन्म, इंग्लैंड से खेले क्रिकेट, पाकिस्तान की कोचिंग... फिर संदिग्ध हालत में मिली लाश March 17, 2021 at 06:32PM

नई दिल्लीतारीख 18 मार्च, साल 2007... तब वेस्टइंडीज में वर्ल्ड कप चल रहा था। इसी दौरान क्रिकेट की दुनिया को हिलाने वाली एक खबर आती है कि कोच (Bob Woolmer) की संदिग्ध हालत में मौत। जमैका से जैसे ही यह खबर मिलती है तो हर कोई चौंक जाता है। सभी स्तब्ध हो जाते हैं और यही जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर यह कैसे और क्यों हुआ। 14 साल पहले कैरिबियाई देश वेस्ट इंडीज में वनडे वर्ल्ड कप आयोजित हुआ। टूर्नमेंट में पाकिस्तान को आयरलैंड ने हराकर सभी को हैरान कर दिया। पाकिस्तानी टीम के लिए उसका बुरा पल यहीं नहीं थमा। मैच खत्म होने के कुछ घंटे बाद ही पाकिस्तान टीम के कोच बॉब वूल्मर की रहस्यमयी हालात में मौत हो गई। देखें, संदिग्ध हालात में पाकिस्तान के कोच की मौत से क्रिकेट की दुनिया में शोक की लहर दौड़ गई। जमैका पुलिस मर्डर के एंगल से मामले की जांच में जुट गई। वूल्मर की मौत के तीन दिन बाद जमैका पुलिस ने कहा कि उसे शक है कि वूल्मर का मर्डर हुआ है। हालांकि बाद में पुलिस ने इस केस को यह कहकर बंद कर दिया है उसकी जांच से वह इस नतीजे पर पहुंची है कि उनकी मौत कोई मर्डर नहीं बल्कि स्वाभाविक थी। ऐसा भी कहा जाता है कि आयरलैंड जैसी कमजोर टीम से पाकिस्तान की हार से उसके कोच वूल्मर बेहद तनाव में आ चुके थे। तनाव के कारण उन्होंने खूब शराब पी और बाद में उन्हें उनके होटल के कमरे में बेहोश पाया गया। बेहोश वूल्मर को जमैका के एक हॉस्पिटल में पहुंचाया गया, यहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वूल्मर का नाम उस दौर के दिग्गज कोच में शुमार था। कोचिंग से पहले वूल्मर ने इंग्लैंड के लिए 19 टेस्ट और 6 वनडे मैच खेले थे। क्रिकेट कोचिंग की दुनिया में नए प्रयोगों को आजमाने वाले बॉब वूल्मर का जन्म 1948 में कानपुर में हुआ था। वूल्मर ने कंप्यूटर और अपनी इच्छाशक्ति से क्रिकेट कोचिंग के परंपरागत तरीके में कई बदलाव किए। इंग्लैंड में वॉरविकशर काउंटी के लिए 1994 में उनकी कोचिंग ने कई अच्छे नतीजे हासिल किए। वूल्मर की कोचिंग का सबसे सुनहरा दौर साउथ अफ्रीका क्रिकेट टीम के साथ आया। उनकी और हैंसी क्रोन्ये की टीम ने दुनिया की हर टीम को हैरान किया। हां, ऑस्ट्रेलिया के साथ टक्कर थोड़ी कड़ी होती। क्रोन्ये ईयरफोन लगाकर मैदान पर होते और बाहर से उन्हें दिशा-निर्देश मिलते। हालांकि यह ज्यादा चल नहीं पाया और आईसीसी ने इसे प्रतिबंधित कर दिया। यही वूल्मर थे जिन्होंने पाकिस्तानी टीम में अनुशासन लाने का काम किया। बल्लेबाज के तौर पर वूल्मर ने इंग्लैंड के लिए 19 टेस्ट मैच भी खेले लेकिन उन्हें हमेशा उनके कोचिंग स्टाइल के लिए ही याद किया जाता है।

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