Friday, February 12, 2021

टेड पूली: सट्टेबाजी का शिकार पहला क्रिकेटर, तंगहाली में हुई थी मौत February 12, 2021 at 05:18PM

नई दिल्लीप्रतिभा के साथ अगर अनुशासन न हो तो जीवन बनने के बजाय बर्बाद हो सकता है। टेड पूली (Ted Pooley) इसका एक सटीक उदाहरण थे। विवादास्पद और रंगीन मिजाज टेड पूली को अपने दौर का सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर्स में शामिल किया गया। साल 1873 की बात है, इंग्लिश काउंटी सर्रे ने उन्हें इस आरोप के साथ सस्पेंड कर दिया कि उन्होंने एक मैच जीतने की कोशिश नहीं की। उन्हें सट्टेबाजी की लत थी। और इसी वजह से वह 1877 में क्रिकेट इतिहास के पहले टेस्ट मैच का हिस्सा नहीं बन पाए। आज इन्हीं टेड पूली का जन्मदिन है। टेड पूली के जन्म के साल को लेकर भी विवाद रहा। काफी समय तक यही माना जाता रहा कि उनके जन्म का वर्ष 1843 है हालांकि ओल्ड इंग्लिश क्रिकेटर्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था वह 1842 में पैदा हुए थे। पढ़ें, अपने इसी इंटरव्यू में पूली ने विकेटकीपिंग के अपने सफर के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था- विकेटकीपिंग की मेरी शुरुआत 1863 में हुई। सर्रे के नियमित विकेटकीपर टॉम लॉकयर के हाथों में चोट लगी थी। वह विकेटकीपिंग नहीं कर सकते थे। सर्रे के कप्तान एफपी मिलर, इस बात को लेकर फिक्रमंद थे कि आखिर अब विकेट के पीछे की जिम्मेदारी कौन संभालेगा। और मैं, जैसा मैं था, बेबाक... उनके पास गया और कहा, 'मिस्टर मिलर, मुझे एक मौका दीजिए।' तुम? तुम विकेटकीपिंग के बारे में क्या जानते हो? क्या तुमने कभी विकेटकीपिंग की है? नहीं, पर कोशिश करने में क्या जाता है, मेरा जवाब था।' पूली ने आगे बताया था कप्तान तो राजी नहीं थे लेकिन बाकी खिलाड़ियों के कहने पर उन्हें मौका दिया गया। पूली ने जल्दी से विकेटकीपिंग में दो-तीन शिकार किए। इसके बाद सर्रे के पुराने विकेटकीपर टॉम लॉकयर ने उनसे कहा, ''तुम विकेटकीपिंग के लिए ही पैदा हुए हो और टीम में तुम मेरे उत्तराधिकारी होगे।' सट्टेबाजी में हुए बर्बाद1876-77 में वह इंग्लैंड की ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड जाने वाली टीम का हिस्सा थे। वह 1877 में मेलबर्न में हुए पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की टीम के विकेटकीपर के रूप में चुने गए थे। लेकिन उनकी हरकत उन्हें जेल तक पहुंचा बैठी। असल में टूर मैच के दौरान पूली अंपायर्स में शामिल थे। उस दौरान काफी कम स्कोर के मैच हुआ करते थे। मैच से पहले पूली ने रेलवे इंजीनियर राल्फ डनकिन से एक शर्त लगाई कि पांच बल्लेबाज जीरो पर आउट होंगे। अब पूली ने बतौर अंपायर कोई गड़बड़ की हो इसका कोई सबूत नहीं लेकिन फिर भी उसमें 11 बल्लेबाज खाता नहीं खोल पाए। पूली अपने पैसे लेने गए जो उस समय 36 पाउंड थे, तो डनकिन मुकर गए। डनकिन ने कहा कि मैच शुरू होने से पहले ही शर्त रद्द कर दी थी। उसने इसके लिए एक गवाह होने का भी दावा किया। इसी शाम, होटल के स्मोकिंग रूम में दोनों की बहस हुई। और बाद में उन्होंने डनकिन की पिटाई कर दी। इसकी वजह से उन्हें न सिर्फ सजा काटनी पड़ी बल्कि उनका क्रिकेट करियर भी समाप्त हो गया। 1907 में लंदन के एक वर्कहाउस, जहां अकसर बेघर लोग रहते हैं, उनका तंगहाली में निधन हो गया। करियर की बात करें तो टेड पूली ने 370 फर्स्ट क्लास मैचों में 496 कैच लिए 358 स्टंप्स किए। इसके अलावा उन्होंने 9345 रन भी बनाए।

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