Wednesday, February 10, 2021

गंभीर बीमारी, मौत से जूझना, ऐक्शन में बदलाव, टीम से बाहर हुए- तमाम चुनौतियों के बावजूद जारी है जैक लीच का सफर February 09, 2021 at 09:57PM

नई दिल्ली जैक लीच- चेन्नै टेस्ट में उनकी गेंदबाजी के बाद अब बड़ी संख्या में भारतीय फैंस उनके बारे में जान गए हैं। लेकिन ज्यादातर ने उनकी गेंदबाजी को ही देखा है। बहुत कम ऐसे हैं जो लीच के जीवन के दूसरे पहलुओं के बारे में जानते हैं। लीच की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए। जिंदगी ने उन्हें आसानी से कुछ नहीं दिया। वह मौत से लड़कर लौटे। उनका जीवन अब भी आसान नहीं। लेकिन उनका जुझारूपन और जीवटता काबिले-तारीफ है। और इसे वह मैदान के भीतर और बाहर दोनों जगह दिखा चुके हैं। चेन्नै टेस्ट, पांचवां दिन- चेतेश्वर पुजारा आउट होने के बाद कुछ देर तक विकेट पर खड़े रहे। गेंद हवा में अंदर आई थी और टप्पा लगने के बाद बाहर स्पिन हुई। गेंद ने बल्ले का किनारा लिया और स्लिप फील्डर के हाथ में गई। राउंड द विकेट गेंद फेंक रहे बाएं हाथ के स्पिनर के लिए परफेक्ट डिसमिसल। इतना परफेक्ट कि पुजारा जैसा तकनीशियन भी इस पर चूक कर गया। कॉमेंटरी कर रहे वीवीएस लक्ष्मण ने कहा कि पुजारा का बल्ला सीधा नहीं था, बंद हो गया था। लेकिन वास्तव में यह लीच की फिरकी ही थी जिसने पुजारा को यह गलती करने पर मजबूर किया। इससे पहले रोहित शर्मा भी कुछ ऐसी ही गेंद के घुमाव को समझने में चूक कर गए थे। गेंद बल्ले से पास से निकलती हुई ऑफ स्टंप पर जा लगी थी। लीच ने इसके अलावा दो विकेट और लिए। चेन्नै टेस्ट की आखिरी पारी में चार विकेट लेकर उन्होंने भारतीय बल्लेबाजी को अहम झटके दिए। उनके प्रदर्शन ने इंग्लैंड को सीरीज के पहले मैच में जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की। इंग्लैंड को 227 रन से जीत मिली और उसने सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल की। लीच ने मैच में कुल छह विकेट हासिल किए। पहली पारी में नहीं दिखा दम लीच के लिए हालांकि पहली पारी बहुत अच्छी नहीं रही। 24 ओवरों में उन्होंने 4 रन प्रति ओवर से ज्यादा के औसत से रन दिए। इन 24 ओवरों में उन्होंने 105 रन दे दिए। इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण को हालांकि कम अनुभवी माना जा रहा था लेकिन लीच ने चेन्नै के विकेट का खूब फायदा उठाया। उन्हें क्रोहन (Crohn's) रोग है। यह पाचन तंत्र में सूजन पैदा कर देता है। 29 वर्षीय इस खिलाड़ी को कई इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। पिछले साल उन्हें सेप्सिस हो गया था। यह एक इंफेक्शन है जिससे उनकी जान को खतरा पैदा हो गया था। इतना ही नहीं उन्हें अपने ऐक्शन में भी बदलाव करना पड़ा क्योंकि 2016 में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने उसे अमान्य करार दे दिया था। लीच इंग्लैड के लिए एक साल तक खेले और फिर अगले साल बिना किसी काउंटी अनुबंध के रहे। यहां तक कि उन्होंने सुपरमार्केट में ट्रोलियां पार्क करने की नौकरी भी की। जब अस्पताल में रहना पड़ा था भर्ती केर को बीते साल भी लीच की जिंदगी को लेकर खतरे का अहसास हुआ था। इंग्लैंड की टीम न्यूजीलैंड के दौरे पर थी जब लीच को गैस्ट्रोएनटेरिटिस और क्रोहन के कारण कमजोर हुई अपनी इम्युनिटी की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था। उन्हें सेप्सिस हो गया था। केर ने कहा, 'वह अस्पताल में थे। उन्हें ड्रिप लगी हुई थीं। उनका परिवार और मैं वाकई चिंतित थे। उनकी तबीयत कई घंटों बल्कि कई दिनों तक काफी गंभीर थी।' कोच भी हैं कायल लीच काउंटी क्रिकेट में समरसेट के लिए खेलते हैं। समरसेट के मुख्य कोच और बचपन से उनके मेंटॉर रहे जेसन केर भी लीच के जुझारूपन के कायल हैं। वह कहते हैं कि लीच को अपने जीवन में कुछ भी आसानी से नहीं मिला। उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। उन्होंने कहा, 'लीच के जीवन में कुछ भी आसान नहीं आया है। वह मजबूत इरादे वाले हैं। और यही मजबूती उनकी सबसे बड़ी ताकत है। अगर ऐसा नहीं होता तो वह आसानी से हार मान जाते।' घबराते नहीं हैं केर ने इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में कहा कि जब पहली पारी में ऋषभ पंत लीच की गेंदबाजी पर जवाबी हमाला कर रहे थे तो वह टॉन्टन में बैठकर मैच देख रहे थे। उन्होंने कहा, 'लीच अपनी लय से बाहर गेंदबाजी नहीं कर रहे थे। वह खराब बोलिंग नहीं कर रहे थे। बस पंत बहुत अच्छा हिट कर रहे थे। मैं खुश था कि लीच घबरा नहीं रहे थे। तब भी एक शॉट डीप मिडविकेट पर कैच हो सकता था, हैं ना?' लॉर्ड्स का वह ऐतिहासिक एशेज टेस्ट बेन स्टोक्स की एशेज में खेली गई वह पारी तो आपको याद होगी जिसने हार के मुंह से जीत छीन ली थी। इंग्लैंड ने इस मैच में एक विकेट से जीत हासिल की थी। आखिरी विकेट के लिए 76 रन की साझेदारी हुई थी। उस पारी में बेन स्टोक्स के साथ दूसरे छोर पर जैक लीच ही थे। लीच ने भले ही एक ही रन बनाया था लेकिन वह आउट नहीं हुए थे।

No comments:

Post a Comment