Wednesday, April 1, 2020

धोनी, गंभीर यूं बने थे विश्व विजेता टीम के हीरो April 01, 2020 at 06:40PM

नई दिल्ली2 अप्रैल 2011, शायद ही कोई भारतीय क्रिकेट प्रेमी हो जिसे यह तारीख याद ना हो। इसी दिन 9 साल पहले भारतीय क्रिकेट में 28 साल का वर्ल्ड कप 'सूखा' खत्म हुआ था और श्रीलंका को हराकर महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया दूसरी बार विश्व विजेता बनी। दिग्गज भारतीय क्रिकेटर ने 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया की ओर से सर्वाधिक 97 रन की पारी खेली। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीता जो भारत का दूसरा वनडे वर्ल्ड कप रहा। गंभीर ने इस जीत में अहम भूमिका अदा की। पढ़ें, श्री लंका ने उस मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए महेला जयवर्धने (103*) की शतकीय पारी की बदौलत 6 विकेट पर 274 रन बनाए, जिसके जवाब में गंभीर (97) और कप्तान धोनी (91*) की दमदार पारियों की बदौलत 10 गेंद बाकी रहते ही मैच 6 विकेट से जीत लिया। ऐसा रहा फाइनल का रोमांचफाइनल में भारत को जीत के लिए 275 रन का लक्ष्य मिला। मेजबान टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और ओपनर वीरेंदर सहवाग (0) और दिग्गज सचिन तेंडुलकर (18) जल्दी आउट हो गए। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरे गंभीर ने एक छोर पर टिककर बल्लेबाजी करते हुए 97 रन बनाए और टीम को जीत की राह पर ले गए। धोनी और गंभीर ने 109 रनों की साझेदारी की। धोनी मैन ऑफ द मैच रहे थे। धोनी और युवी लौटे नाबादकप्तान धोनी 79 गेंदों पर 91 और ऑलराउंडर युवराज सिंह 24 गेंदों पर 21 रन बनाकर नाबाद लौटे। धोनी ने अपनी नाबाद पारी में 8 चौके और 2 छक्के लगाए। दोनों ने मिलकर 54 रनों की पार्टनरशिप की। राजनीति में उतरे गंभीरगौतम गंभीर क्रिकेट के बाद राजनीति में उतरे और पिछला लोकसभा चुनाव जीते। ईस्ट दिल्ली से मौजूदा लोकसभा सांसद गंभीर ने करियर में 58 टेस्ट और 147 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उनके नाम टेस्ट में 4154 रन और वनडे में 5238 रन दर्ज हैं। उन्होंने 37 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले जिनमें 27.41 के औसत से 932 रन बनाए। उन्होंने वनडे में 11 शतक और टेस्ट में 9 शतक जड़े। गंभीर ने 251 टी20 मैच खेले जिनमें 6402 रन बनाए और 53 अर्धशतक जड़े।

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