Wednesday, April 1, 2020

..जब वर्ल्ड कप-2011 में युवी को हुई खून की उल्टी April 01, 2020 at 07:47PM

नई दिल्लीभारत के दिग्गज ऑलराउंडरों में शुमार 2011 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के सदस्य रहे। साल 2011 में आज ही के दिन (2 अप्रैल 2011) टीम इंडिया की कप्तानी में विश्व विजयी बनी। साल 1983 के बाद भारतीय टीम ने वनडे वर्ल्ड कप जीता और करोड़ों भारतवासियों को जश्न मनाने का मौका दिया। यह टूर्नमेंट युवराज सिंह के लिए भी बेहद खास रहा। धोनी की कप्तानी में 28 साल के बड़े अंतराल के बाद टीम इंडिया ने विश्व कप जीता। 'सिक्सर किंग' के नाम से मशहूर युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नमेंट चुना गया, लेकिन वर्ल्ड कप के दौरान उनको खून की उल्टियां हो रही थीं। फैंस के बीच 'युवी' से मशहूर इस भारतीय क्रिकेटर ने हालांकि अपनी परवाह नहीं करते हुए टीम को वर्ल्ड चैंपियन बनाया। पढ़ें, वेस्ट इंडीज के खिलाफ जड़ा शतकटूर्नमेंट में 20 मार्च को भारतीय टीम ने चेन्नै के एमए चिदंबरम स्टेडियम में वेस्ट इंडीज के खिलाफ लीग मैच खेला। इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान धोनी ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। देखते ही देखते दिग्गज सचिन तेंडुलकर और गौतम गंभीर आउट हो गए। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे युवराज सिंह और उन्होंने शानदार शतकीय पारी खेली। उन्होंने 123 गेंदों में 10 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 113 रन बनाए। चेन्नै में खून की उल्टीयुवराज को इस शतकीय पारी के दौरान मुंह से खून निकलने लगा। उन्हें मैदान पर खून की उल्टी भी हुई। बाद में पता चला कि उनको कैंसर था लेकिन इस बात की जानकारी ना तो टीम मैनेजमेंट को थी और ना ही खुद युवराज को। इसके बावजूद युवराज डटे रहे और पूरा टूर्नमेंट खेला। इतना ही नहीं, टूर्नमेंट में 1 शतक और 4 अर्धशतकों की मदद से कुल 362 रन और 15 विकेट लेने वाले युवी ने मैन ऑफ द सीरीज की ट्रोफी भी अपने नाम की। 'मर जाऊं तो भी भारत बने चैंपियन'साल 2014 में युवराज सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'पहले मुझे लगा कि उल्टी मुझे गर्मी की वजह से हुई। मैं 6 नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरता था, लेकिन वीरू (वीरेंदर सहवाग) वर्ल्ड कप से बाहर हुए तो फैसला किया कि ऊपर जाऊंगा और बड़ा स्कोर करूंगा। जब चेन्नै में शतकीय पारी के दौरान उल्टी हुई तो मैंने ईश्वर से प्रार्थना की- जो भी हो, अगर मैं मर भी जाऊं तो भी वर्ल्ड कप भारत ही जीते।' ऐसे बना भारत चैंपियनवर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मैच भारत और श्रीलंका के बीच 2 अप्रैल 2011 को खेला गया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खिताबी मुकाबले में श्रीलंकाई टीम ने 6 विकेट पर 274 रन बनाए जिसके बाद भारतीय टीम ने 4 विकेट पर 277 रन बनाकर 10 गेंद शेष रहते जीत दर्ज की और दूसरी बार वर्ल्ड कप चैंपियन बनी। दिग्गज भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने टीम इंडिया की ओर से सर्वाधिक 97 रन की पारी खेली जबकि कप्तान धोनी 91 रन बनाकर नाबाद लौटे। वह मैन ऑफ द मैच भी रहे। युवराज ने फाइनल में 24 गेंदों पर 21 रन बनाए और नाबाद लौटे।

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