Monday, December 7, 2020

India vs Australia: कैच छोड़ना, फील्डिंग खराब- टीम इंडिया के सामने कई सवाल December 07, 2020 at 07:35PM

प्रशांत मेनन, कोच्चि 'पकड़ो कैच, जीतो मैच'- क्रिकेट में यह बात अकसर कही जाती है- हालांकि कई बार ऐसा नहीं भी होता। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीमित ओवरों की सीरीज इसका एक उदाहरण रही है। विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने टी20 सीरीज अपने नाम कर ली है और इससे पहले उसने आखिरी वनडे इंटरनैशनल मैच जीता था। हालांकि इस दौरान उसने कई कैच छोड़े हैं और साथ ही टीम की फील्डिंग भी स्तरीय नहीं रही है। पहले दो वनडे इंटरनैशनल में हार के बाद भारत ने दमदार वापसी की। लेकिन टीम की फील्डिंग में जो ढिलाई देखी गई वह काफी हैरान करने वाली थी। भारत के बेस्ट फील्डर्स में शामिल विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, मनीष पांडे और हार्दिक पंड्या ने आसान से कैच छोड़े हैं। इसके अलावा टीम की ग्राउंड फील्डिंग भी बहुत अच्छी नहीं रही है। सिडनी में सीरीज के दूसरे वनडे इंटरनैशनल के बाद टीम इंडिया के उपकप्तान केएल राहुल ने कहा, 'कई बार ऐसा होता है, कैच छूटते हैं।' उन्होंने सिडनी में कहा था, 'मैं आपको बिलकुल सटीकता से तो नहीं बता सकता कि आखिर क्या समस्या है लेकिन जब भी मैंने ऑस्ट्रेलिया में फील्डिंग की है तो दर्शकों के बैकग्राउंड के चलते कई बार गेंद को पकड़ पाना आसान नहीं होता। और हम काफी समय के बाद दर्शकों के सामने क्रिकेट खेल रहे हैं। तो यह थोड़ा सा मुश्किल है।' भारत की खराब फील्डिंग पर राहुल के तर्क से पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन सहमत नजर नहीं आते। अजहर अपने जमाने के सर्वश्रेष्ठ फील्डर्स में शामिल थे और उन्हें लगता है कि राहुल का तर्क बहुत कमजोर है। अजहर ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 'आप दर्शकों से खचाखच भरे स्टेडियम में फील्डिंग प्रैक्टिस नहीं करते। बताइए, क्या आप ऐसा करते हैं? लेकिन इसके बावजूद दर्शक 20000-30000 लोगों से भरे स्टेडियम में कैच लपकते हैं। तो अब क्या नया हो गया?' भारतीय टीम के पास काफी समय से आर. श्रीधर फील्डिंग कोच के रूप में हैं। लेकिन वर्ल्ड कप से ही टीम की फील्डिंग बहुत अच्छी नहीं रही है। टीम ने पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज और फिर इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में कई मौके गंवाए। यह चलन ऑस्ट्रेलिया में भी जारी है। अजहर ने कहा, 'हमारे पास कुछ बहुत अच्छे फील्डर्स हैं। पर अब वे भी कैच नहीं लपक पा रहे हैं। वे मैदान पर काफी छोटी-छोटी गलतियां कर रहे हैं। फील्डिंग में एकाग्रता काफी अहम होती है और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि फील्डिंग के दौरान हमारे खिलाड़ियों की एकाग्रता में कमी आई है।' पूर्व कप्तान ने कहा, 'हमारे दिनों में आउटफील्ड बहुत अच्छी नहीं होती थी अब खिलाड़ियों के पास मैदान पर सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं होती हैं। उनके पास फील्डिंग का विशेषज्ञ कोच है और अन्य बैकअप स्टाफ भी है। और अगर इसके बाद भी खिलाड़ी कैच छोड़ रहे हैं और मैदान पर गलतियां कर रहे हैं, तब आपको फील्डिंग कोच से सवाल पूछने चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है?' भारत ए और अंडर-19 टीम के फील्डिंग कोच अभय शर्मा को लगता है कि 'टीम के लिए नये प्रयोगों के साथ फील्डिंग सेशन' करवाने चाहिए ताकि खिलाड़ी फील्डिंग का आनंद उठा सकें। रेलवे के पूर्व विकेटकीपर ने कहा, 'आपको यह ध्यान रखाना होगा कि ये फील्डिंग ड्रिल बेसिक्स से जुड़े हों, ताकि टीम द्वारा तय किए गए स्टैंडर्ड अन्य लोंगों के लिए मिसाल बन सकें। नीरसता से बचना चाहिए ताकि खिलाड़ी आगे बढ़कर फील्डिंग सेशन में भाग लें। हम इंडिया ए और अंडर-19 में यही करते हैं।' भारतीय टीम को 17 तारीख से टेस्ट सीरीज खेलनी है। और इस फॉर्मेट में यह गलती भारी पड़ सकती है। खास तौर पर स्लिप में फील्डिंग पर खास ध्यान देना होगा। गौरव गुप्ता से इनपुट

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