Tuesday, December 8, 2020

किस्मत के धनी ग्लेन मैक्सवेल को पहले चहल फिर चहर ने दिया मौका December 07, 2020 at 11:51PM

सिडनी नो-बॉल क्रिकेट में कितनी भारी पड़ सकती है इसका अंदाजा भारतीय टीम को एक बार फिर हुआ। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए टी20 सीरीज के तीसरे मैच में युजवेंद्र चहल की फेंकी नो-बॉल ने ग्लेन मैक्सवेल को जीवनदान दिया। मैक्सवेल, जो ऑस्ट्रेलिया के शानदार फॉर्म में हैं, ने यहां भी शानदार पारी खेली। उन्होंने 32 गेंद पर 3 छक्के और 3 चौके लगाकर अपनी हाफ सेंचुरी पूरी की। वह 54 रन बनाकर टी. नटराजन की गेंद पर बोल्ड हो गए। 13वें ओवर की आखिरी गेंद थी। चहल का ओवर थोड़ा महंगा साबित हो चुका था। इस ओवर में 11 रन आ चुके थे। मैक्सवेल रिवर्स स्वीप लगाकर और करारे शॉट लगाकर भारत के इस स्पिनर पर दबाव बना चुके थे। ओवर की आखिरी गेंद पर चहल ने गेंद को ज्यादा हवा दी। मैक्सवेल ने इस पर स्वीप लगाने की कोशिश की। गेंद स्क्वेअर लेग की दिशा में ऊपर गई। विकेटकीपर लोकेश राहुल दौड़कर गए और उन्होंने गेंद को आसानी से कैच कर लिया। भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। हालांकि यह ज्यादा देर तक नहीं टिकी और तीसरे अंपायर ने साफ कर दिया कि चहल का अगला पांव चूंकि क्रीज से आगे था इसलिए यह नो-बॉल करार दी। स्ट्राइक हालांकि मैक्सवेल के हाथों में नहीं गई क्योंकि जब गेंद हवा में थी तब बल्लेबाज एक-दूसरे को क्रॉस कर गए थे। अगली गेंद फ्री हिट थी लेकिन मैथ्यू वेड उस पर एक ही रन बना सके। अजय जडेजा दिखे असहमत आधिकारिक प्रसारणकर्ता पर हिन्दी में कॉमेंट्री करते हुए पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा इस फैसले से जरा असहमत नजर आए। उन्होंने रीव्यू देखकर माना कि जब चहल का पैर जमीन पर पड़ा तो वह क्रीज से आगे था लेकिन जब गेंद हाथ से छूटी तो पैर पीछे आ चुका था। नियम हालांकि यही कहता है कि जहां आपका पैर जमीन को छुएगा, नो-बॉल का फैसला इस आधार पर होगा लेकिन जडेजा का कहना था कि अब चूंकि तीसरा अंपायर इस पर फैसला लेता है इसलिए यह ध्यान में रखना चाहिए कि जब गेंद जब हाथ से छूटी तब पैर कहां था। नो-बॉल का नियम नियम 21.5.2 के अनुसार जब गेंदबाज का पैर जमीन को छुए तो पैर का कुछ हिस्सा अगली क्रीज से पीछे होना चाहिए फिर चाहे वह हिस्सा हवा में ही क्यों न हो। मैक्सवेल को मिला दूसरा जीवनदान मैक्सवेल को इसके बाद एक और जीवनदान मिला। शार्दुल ठाकुर के ओवर में मैक्सवेल ने लंबा शॉट खेला डीप बैकवर्ड पॉइंट पर दीपक चाहर गेंद के नीचे आए। गेंद उनके दोनों हाथों में आई लेकिन वह उसे लपक नहीं पाए। इसके बाद अगली ही गेंद पर उन्होंने छक्का लगाकर फील्डर को उसकी गलती का अहसास करा दिया।

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