Monday, December 14, 2020

ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट क्रिकेट से जुड़ी 7 बातें जानते हैं आप? December 14, 2020 at 05:15PM

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच 17 दिसंंबर से टेस्ट सीरीज का आगाज हो रहा है। भारतीय टीम ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया था। क्या टीम इस बार यह करिश्मा दोहरा पाएगी ? इस बार ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले से ज्यादा मजबूत है, स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर लौट आए हैं।

क्रिकेट को लेकर ऑस्ट्रेलिया का एक लंबा इतिहास है। पहला टेस्ट क्रिकेट मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबर्न में 1877 में खेला गया था। इसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम जीती थी। टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा है।


ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट क्रिकेट से जुड़ी 7 बातें जानते हैं आप?

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच 17 दिसंंबर से टेस्ट सीरीज का आगाज हो रहा है। भारतीय टीम ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतकर इतिहास रच दिया था। क्या टीम इस बार यह करिश्मा दोहरा पाएगी ? इस बार ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले से ज्यादा मजबूत है, स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर लौट आए हैं।



8 गेंद का ओवर
8 गेंद का ओवर

क्या आपको पता है कि ऑस्ट्रेलिया अपने घरेलू सीजन में 8 गेंद का ओवर इस्तेमाल करता आया है? 1924-25 के सीजन में और उसके बाद 1936-37 से 1978-79 तक ऑस्ट्रेलिया में घरेलू सीजन में 8 गेंद का ओवर होता था। ऑस्ट्रेलिया के अलावा, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान और इंग्लैंड सभी ने कभी न कभी टेस्ट क्रिकेट में 8 गेंद का ओवर इस्तेमाल किया है। टेस्ट क्रिकेट में आखिरी बार 1978-79 में आखिरी बार आठ गेंद का ओवर फेंका गया। यह मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था। भारत, वेस्टइंडीज, श्रीलंका, जिम्बाब्वे और बांग्लादेश ने घरेलू टेस्ट मैचों में छह गेंद का ओवर ही इस्तेमाल किया है।



75 साल तक लॉर्ड्स पर नहीं हारा ऑस्ट्रेलिया
75 साल तक लॉर्ड्स पर नहीं हारा ऑस्ट्रेलिया

1934 की एशेज सीरीज के दौरान लॉर्ड्स पर मिली हार के बाद से ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले इस मैदान पर नहीं हारा। वह भी 75 साल तक। इस दौरान उन्होंने लॉर्डस पर 18 टेस्ट मैच खेले। नौ जीते। साल 2009 में यह सिलसिला टूटा जब इंग्लैंड ने उसे 115 रन से हराया। (टि्वटर फोटो)



सर डॉनल्ड ब्रैडमैन ने लगाए सिर्फ छह छक्के
सर डॉनल्ड ब्रैडमैन ने लगाए सिर्फ छह छक्के

सर डॉन ब्रैडमैन को दुनिया का सर्वकालिक महान बल्लेबाज माना जाता है। 1928 में डेब्यू करने वाले ब्रैडमैन ने 1948 में इंग्लैंड के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला। उन्होंने कुल 52 टेस्ट मैच खेले और 99.94 के औसत से 6996 रन बनाए। उन्होंने 29 शतक और 13 हाफ सेंचुरी लगाईं। पर क्या आप जानते हैं कि उन्होंने अपने करियर में सिर्फ छह छक्के लगाए।



7 टेस्ट मैचों की सीरीज की मेजबानी करने वाले इकलौता देश ऑस्ट्रेलिया
7 टेस्ट मैचों की सीरीज की मेजबानी करने वाले इकलौता देश ऑस्ट्रेलिया

1970-71 की एशेज में ऑस्ट्रेलिया ने सात टेस्ट मैचों की सीरीज की मेजबानी की। यह प्रयोग काम नहीं आया। इंग्लैंड ने सीरीज 2-0 से जीती। उनसे चौथा और सातवां टेस्ट मैच जीता। ऑस्ट्रेलिया के बिल लॉरी सीरीज के बीच में से ही हटाए जाने वाले पहले कप्तान बने। छठा टेस्ट ड्रॉ होने के बाद उन्हें हटाया गया। इसके बाद युवा इयान चैपल को टीम का कप्तान बनाया गया।



जब डेनिस लिलि एलमुनियम के बल्ले से खेलने आए
जब डेनिस लिलि एलमुनियम के बल्ले से खेलने आए

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 1979 में सीरीज का पहला टेस्ट मैच पर्थ में खेला जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 8 विकेट पर 232 रन था। नंबर 9 के बल्लेबाज डेनिस लिलि पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 11 रन पर नाबाद थे। तब तक लिलि विलो (लकड़ी) का बल्ला इस्तेमाल कर रहे थे। अगले दिन लिलि अपनी पारी को आगे बढ़ाने आए। इस बार उनके हाथ में एल्युमिनियम का बल्ला था। यह लिलि के दोस्त और एक पूर्व क्लब क्रिकेटर के दिमाग की उपज थी। लिलि उनके बिजनस पार्टनर भी थे। उन्होंने बाद में अपनी ऑटोबायोग्रफी में माना भी था कि यह फैसला सिर्फ एक बात रखने के लिए था।

अगले दिन की चौथी गेंद पर लिलि ने बॉथम को ड्राइव किया। इस शॉट से धातु की आवाज आई। लेकिन यह गेंद बाउंड्री तक नहीं गई। तब कप्तान ग्रेग चैपल को लगा कि अगर लिलि लकड़ी के बैट से खेल रहे होते तो यह गेंद बाउंड्री तक जीती। उन्होंने 12वें खिलाड़ी रोडनी हॉग को लकड़ी के दो बल्लों के साथ मैदान पर भेजा। वह चाहते थे कि लिलि धातु का बैट छोड़ दें। इस बल्ले को कॉम्बैट कहा जाने लगा। इस बीच इंग्लैंड के कप्तान माइक बेयरली ने अंपायर से शिकायत की। उनका कहना था कि लिलि का एल्युमीनियम का बैट गेंद को खराब कर रहा है। अंपायर ने लिलि से बात की लेकिन वह अपनी बात से नहीं डिगे। तब तक आईसीसी की ओर से ऐसा कोई नियम नहीं था कि बल्ला किस चीज का बना होना चाहिए। लिलि ने हॉग को वापस भेज दिया। लेकिन 10 मिनट बाद ग्रेग चैपल खुद बैट लेकर लिलि की ओर गए। वह समझ गए कि अब वह जीत नहीं सकते तो उन्होंने एल्युमीनियम का बैट फेंक दिया। इसके बाद मैच शुरू हुआ। लिलि 18 रन बनाकर आउट हुए।

हालांकि लिलि ने इसके बाद गेंद से गुस्सा निकाला। उन्होंने 73 रन देकर चार विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया आखिर यह मैच 138 रन से जीता। हालांकि यह पहली बार नहीं था जब लिलि एल्युमिनियम के इस 'कॉम्बेट' को लेकर मैदान पर उतरे थे। 12 दिन पहले वेस्टइंडीज के खिलाफ भी वह इसी बैट को लेकर मैदान पर उतरे थे लेकिन तब जाएल गार्नर ने उन्हें शून्य पर आउट कर दिया था और ऐसे में कैरेबियाई टीम ने कोई विरोध नहीं किया था।



तेज गेंदबाज रॉडनी हॉग दूध बेचते थे
तेज गेंदबाज रॉडनी हॉग दूध बेचते थे

ऑस्ट्रेलिया के धमाकेदार तेज गेंदबाज रॉडनी हॉग ने अपने टेस्ट करियर में 123 विकेट लिए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिकेटर बनने से पहले हॉग एक मिल्कमैन थे? रिटायरमेंट के बाद हॉग ने मेलबर्न में फलों की एक दुकान चलाते रहे।



मार्क वॉ की वजह से 99 पर नाबाद रह गए स्टीव वॉ
मार्क वॉ की वजह से 99 पर नाबाद रह गए स्टीव वॉ

यह वह दौर था जब स्टीव वॉ लगातार 90s में आउट हो रहे थे। फरवरी 1995 में पर्थ में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान स्टीव वॉ 99 पर रह गए। उनके भाई मार्क वॉ 11वें बल्लेबाज क्रेग मैकड्रमट के लिए रनर के रूप में आए। मैकड्रमट ने आगे बढ़कर खेलना चाहा लेकिन वह क्रीज से बाहर थे और ऐसे में वह रन-आउट हो गए। स्टीव वॉ पहली पारी में 99 पर नाबाद रह गए। ऑस्ट्रेलिया ने मैच पारी और 329 रन के अंतर से जीता। स्टीव वॉ अपने टेस्ट करियर में 10 बार 90s में ही रहे।



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