Friday, August 21, 2020

मांकड़िंग: जब नियमों में सही तो खेल भावना के खिलाफ कैसे?: आकाश चोपड़ा August 21, 2020 at 06:16PM

नई दिल्ली माकंड़िंग पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान () के बयान के बाद एक बार फिर क्रिकेट जगत में यह बहस छिड़ गई है कि यह सही है या गलत? कंगारुओं के पूर्व कप्तान ने इसे एक कार्यक्रम में खेल भावना के खिलाफ बताते हुए कहा था कि वह इस मुद्दे पर () से गंभीर चर्चा करेंगे और उन्हें समझाएंगे कि दिल्ली कैपिटल्स (DC) की टीम ऐसा नहीं करेगी। लेकिन पूर्व भारतीय टेस्ट बल्लेबाज () पॉन्टिंग की इस राय से सहमत नहीं हैं। आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल 'आकाशवाणी' पर शनिवार के इस मुद्दे पर चर्चा की। चोपड़ा ने कहा कि क्रिकेट के नियमों के अनुसार सही है तो यह खेल भावना के खिलाफ कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एक बल्लेबाज रहे हैं और वह उसी मानसिकता से सोच रहे हैं। लेकिन उन्हें नियमों पर भी ध्यान देना चाहिए। चोपड़ा ने कहा कि रन आउट और स्टंपिंग में भी इसी तरह की गुंजाइश होती है लेकिन वहां इसे खेल भावना के विरुद्ध नहीं समझा जाता तो फिर क्यों माकंड़िंग को लेकर ऐसा सोचा जा रहा है। चोपड़ा ने कहा कि जितना मैं अश्विन को जानता हूं मेरे हिसाब से वह भी चुपचाप पॉन्टिंग की बात नहीं सुनने वाले। वह एक मजबूत खिलाड़ी हैं और वह दृढ़ता से अपनी बात रखेंगे। उन्होंने कहा, 'मेरे हिसाब से तो इन दोनों खिलाड़ियों में इस मुद्दे पर शब्दों की तीखी तकरार होने वाली है।' 45 वर्षीय पॉन्टिंग ने हाल ही में 'द ग्रेड क्रिकेटर पोडकास्ट' से कहा, 'मैं उनसे इस (मांकड़िंग) पर बात करूंगा, मैं पहली चीज यही करूंगा। यह उनके साथ सख्ती वाली बातचीत होगी। मुझे लगता है कि शायद वह कहेंगे कि यह नियमों के हिसाब से था और उसके पास ऐसा करने का अधिकार है। इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, 'लेकिन यह खेल भावना के अनुसार सही नहीं है, यह वो तरीका नहीं है जो मैं चाहता हूं, कम से कम दिल्ली कैपिटल्स के साथ।' बता दें पूर्व भारतीय स्पिनर वीनू मांकड़ (Vinoo Mankad) के नाम पर मांकड़िंग नाम पड़ा। यह आउट करने का तरीका क्रिकेट के नियमों के अनुसार बिल्कुल सही है लेकिन कुछ जानकार इसे खेल भावना के खिलाफ मानते हैं। वीनू मांकड़ ने 1947 में इसी तरीके से ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन को आउट किया था।

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