Saturday, August 1, 2020

क्यों बीच में नहीं छोड़ा 2008 दौरा, कुंबले ने बताया July 31, 2020 at 09:39PM

नई दिल्ली टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज लेग स्पिनर () ने कहा है कि 2007-08 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विवादित सिडनी टेस्ट के बाद इस दौरे को बीच में रद्द करना 'स्वीकार करने वाला' विकल्प हो सकता था। लेकिन उनकी टीम ने इस दौरे को जारी रखा क्योंकि वह विषम परिस्थितियों में सीरीज के बाकी मैचों को जीतकर दुनिया के सामने उदाहरण पेश करना चाहती थी। जनवरी 2008 में हुए सिडनी टेस्ट को खराब अंपायरिंग के साथ-साथ '' के लिए भी याद किया जाता है। इस विवाद में ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) पर एंड्र्यू सायमंड्स पर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगा था। आईसीसी ने भज्जी पर तीन टेस्ट का बैन भी लगाया था। भारत ने तब आईसीसी के इस निर्णय के खिलाफ अपील की थी और तब ऐसी भी बातें उठी थीं कि संभव है टीम इंडिया अपना वह दौरा बीच में ही छोड़कर वापस लौट जाए। आखिरकार हरभजन सिंह पर लगे तीन मैचों के बैन को हटा लिया गया और उन पर न्यूजीलैंड हाई कोर्ट के जज जॉन हेंसन नेमैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया। अनिल कुंबले रविचिंद्रन अश्विन के यूट्यूब शो 'DRS विद एश' में अश्विन से अपने क्रिकेट करियर के यादगार सफर पर बात कर रहे थे। इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा, 'आपको मालूम है कि बतौर कप्तान आपको मैदान पर ही निर्णय लेने होते हैं। यहां मैं कुछ ऐसी चीज का सामना कर रहा था, जो मैदान से बाहर थी और मुझे ऐसा निर्णय लेना था, जो खेल के हित में हो।' 49 वर्षीय कुंबले, जिनके नाम भारत की ओर से सर्वाधिक टेस्ट विकेट लेने का रेकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने कहा, 'आईसीसी क निर्णय से उन्हें लगा हरभजन 'गलत' था।' उन्होंने कहा, 'स्वभाविक रूप से बतौर टीम हम सभी को एकसाथ खड़ा होना था लेकिन चुनौती यह थी कि वहां इस पर चर्चा ज्यादा हो रही थी कि टीम इंडिया यह दौरा छोड़कर वापस लौटना चाहती है। हां, आप जानते हैं, संभवत: (लोग) यह मान लेते कि भारतीय टीम गलत थी और इसलिए वे वापस लौट आए।' वहां अंपायरों के कई निर्णय खराब भी थे। खासतौर से सिडनी टेस्ट में, जो भारत के खिलाफ गए। इस टेस्ट में स्टीव बकनर भी अंपायरिंग कर रहे थे, जिन्होंने हाल ही में इस टेस्ट को लेकर अपनी गलती भी मानी है। इस दौरे पर भारत अपना पहला टेस्ट 337 रन से हार गया था और दूसरे टेस्ट में भी उसे 122 रन से हार मिली लेकिन पर्थ में खेले गए तीसरे टेस्ट में उसने 72 रन से जीत अपने नाम की और और एडिलेड में खेला गया चौथा और अंतिम ड्रॉ रहा। इस लेगी (लेग स्पिनर) न कहा, 'मैं समझता हूं बतौर कप्तान और बतौर टीम, हम वहां सीरीज जीतने के लिए गए थे। दुर्भाग्य से, पहले दो परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहे, सीरीज का बेस्ट परिणाम ड्रॉ होना चाहिए था क्योंकि अभी दो टेस्ट खेले जाने बाकी थे और बस टीम के साथ खड़ा रहना चाहता था।' खेल और देश-दुनिया हर खबर अब Telegram पर भी। हमसे जुड़ने के लिए और पाते रहें हर जरूरी अपडेट।

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