Monday, July 27, 2020

वीरेंदर सहवाग ने जो असर डाला उसका कोई मुकाबला नहीं: गौतम गंभीर July 26, 2020 at 10:45PM

नई दिल्ली भारतीय टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज का कहना है कि प्रारूप चाहे जो भी हो टॉप ऑर्डर में ने जो प्रभाव पैदा किया उसका कोई मुकाबला नहीं है। गंभीर ने यह भी कहा कि एक बल्लेबाज के रूप में कोई भी सहवाग की मानसिकता की नकल नहीं कर सकता। गौतम गंभीर और इरफान पठान ने भारतीय क्रिकेट पर वीरेंदर सहवाग के असर के बारे में अपनी राय साझा की। ये दोनों पूर्व क्रिकेट स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम क्रिकेट कनेक्टेड में बात कर रहे थे। गंभीर से जब पूछा गया कि यह कैसे तय होता था कि पहली गेंद कौन खेलेगा तो उन्होंने इसका जवाब दिया कि हमेशा पहली गेंद वही खेलते थे क्योंकि सहवाग की प्रतिक्रिया होती थी वह जैनुअन ओपनर नहीं हैं। गंभीर ने कहा, 'वीरेंदर सहवाग कहते थे कि वह एक सलामी बल्लेबाज नहीं हैं। तो जो भी ओपनर है उसे पहली गेंद खेलनी चाहिए। वह अपने आप को सलामी बल्लेबाज नहीं मानते थे हालांकि उनके नाम दो तिहरे शतक थे, मुझे नहीं पता उन्होंने कितने शतक जमाए। शायद सुनील गावसकर के बाद वह सबसे कामयाब भारतीय सलामी बल्लेबाज हैं लेकिन उन्होंने खुद को कभी ओपनर नहीं माना। तो हमेशा मुझे ही पहली गेंद खेलनी पड़ती थी।' बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने बताया कि वह और सहवाग जब बल्लेबाजी करते थे तो क्रिकेट छोड़कर सब तरह की बातें किया करते थे। फिर चाहे वे लंच या डिनर की बातें हों या फिर विदेश में घूमने की जगह पर चर्चा। गंभीर ने कहा, 'सहवाग के माइंडसेट की कॉपी नहीं की जा सकती। कभी नहीं। कई लोग रन बना सकते हैं लेकिन सहवाग के रनों का प्रभाव काफी अहम है। वह किस तरह टेस्ट मैच को सेटअप किया करते थे।' गंभीर ने चेन्नै के उस टेस्ट मैच का भी जिक्र किया जिसमें भारत को इंग्लैंड के खिलाफ चौथी पारी में 387 रनों का लक्ष्य हासिल करना था। गंभीर ने याद दिलाया कि उस टेस्ट में सहवाग मैन ऑफ द मैच रहे थे। सहवाग ने 68 गेंद पर 83 रन बनाकर भारत को तेज शुरुआत दी थी। हालांकि सचिन तेंडुलकर ने उस मुकाबले में शतक लगाया था और युवराज सिंह ने 85 रन बनाए थे। गंभीर ने आखिर में कहा कि किसी भी प्रारूप में अगर प्रभाव के लिहाज से देखा जाए तो वीरेंदर सहवाग का कोई मुकाबला नहीं है।

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