Friday, July 24, 2020

नागपंचमी का कुश्ती कनेक्शन, खूब लगते हैं दांव July 24, 2020 at 06:36PM

नई दिल्लीदेशभर में आज (, ) () का त्योहार धूम-धाम से मनाया जा रहा है, लेकिन लोग इस दिन आयोजित होने वाले एक खास खेल को मिस कर रहे होंगे। वह खेल नागपंचमी के दिन पारंपरिक रूप से वर्षों से आयोजित हो रहा है, लेकिन इस बार महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से बहुत कम जगह और छोटे स्तर पर ही आयोजन हो पाएगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं कुश्ती की। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है और इस दिन नागों को पूजा की जाती रही है। मान्यता है कि इससे नाग देवता की कृपा बनी रहती है और वह घर की सुरक्षा करते हैं। दूसरी ओर, इस त्योहार का गहरा कनेक्शन कुश्ती से भी है। इस खास दिन अखाड़े को सजाया जाता है और पहलवान वर्जिश करते हैं और दम दिखाते हैं। ऐसा नहीं है कि इस दिन सिर्फ कुश्ती ही होती है। वर्षों से इस दिन कई अन्य खेल भी होते थे, जैसे- खोखो, कबड्डी, ऊंची कूद, लंबी कूद आदि। हालांकि, इन खेलों में कुश्ती ही ऐसा खेल है, जो इंटरनैशनल लेवल पर खूब मशहूर है। यह दो प्रकार की होती है- फ्रीस्टाइल और ग्रीको रोमन। यह खेलों के महाकुंभ ओलिंपिक में भी खेला जाता है। हालांकि, नागपंचमी पर आयोजित होने वाली कुश्ती का अलग ही महत्व है। यह मैट पर नहीं, बल्कि अखाड़े (मिट्टी) में होती है, जिसे अब जगह-जगह दंगल के रूप में भी आयोजित किया जाता रहा है। ओलिंपिक में कुश्ती आधुनिक ओलिंपिक की शुरुआत एथेंस ओलिंपिक-1896 से हुई थी और कुश्ती (ग्रीको-रोमन कुश्ती के रूप में) ओलिंपिक-1900 में पहली बार शामिल किया। हालांकि, 1904 ओलिंपिक में पहली बार पुरुष कुश्ती की शुरुआत हुई, जबकि महिलाओं की कुश्ती एथेंस ओलिंपिक 2004 से शामिल की गई।

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