Thursday, June 25, 2020

मैं एक गलती करती और बिखर जाते मेरे सपने : दुती चंद June 25, 2020 at 12:03AM

रुपेश सिंह, नई दिल्लीठीक चार साल पहले आज ही के दिन भारत की स्टार स्प्रिंटर ने एक दिन में दो बार अपने को तोड़ते हुए रियो ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई करने का कारनामा किया था। कजाखस्तान में आयोजित कोसानोव मेमोरियल मीट को याद करते हुए दुती आज भी रोमांचित हो उठती हैं। वो खुशी से बताती हैं कि 36 सालों में किसी लड़की ने ऐसा पहली बार किया था। पीटी ऊषा के बाद मैं ओलिंपिक्स के 100 मीटर इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही थी।हालांकि यह सफर इतना आसान भी नहीं रहा था। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में फेडरेशन कप में मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी, 16 साल पुराना नैशनल रेकॉर्ड भी तोड़ डाला, लेकिन ओलिंपिक्स के क्वॉलिफाइंग मार्क 11.30 से मैं तीन सेकंड पीछे रह गई थी। तब निराशा ने मुझे घेर लिया था।’ टूट गई थी मेरी हिम्मत जकार्ता एशियन गेम्स में 100 मीटर और 200 मीटर दोनों इवेंट में सिल्वर मेडल जीतने वाली दुती ने कहा कि उन्हें एक समय ऐसा भी लगा कि वह अब ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा, ‘मेरी हिम्मत टूटती जा रही थी। ओलिंपिक्स क्वॉलिफिकेशन के लिए अब केवल एक ही चैंपियनशिप बची थी। वो भी कजाखस्तान में। मुझे लगा जब मैं अपने देश में अनुकूल माहौल में ओलिंपिक्स मार्क को नहीं छू सकी तो फिर कजाखस्तान में कैसे होगा। लेकिन मेरे कोच ने मेरा मनोबल बढ़ाया।’ आखिरी रेस समझ कर उतरी दुती ने आगे कहा, ‘मैं भी जब ट्रैक पर उतरी तो यह समझ कर उतरी कि यह मेरे जीवन की आखिरी रेस है। मैं जानती थी मेरी एक गलती से मेरे सपने बिखर सकते थे। मैंने आंखें बंद की और खुद से बोला, दुती अभी नहीं तो कभी नहीं और जब रेस खत्म हुई तो पता चला कि मैंने ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई कर लिया। 11.30 सेकंड के साथ मैंने फाइनल में जगह बनाने के साथ नया नैशनल रेकॉर्ड भी बना दिया था। मैं बहुत खुश थी। उसी दिन शाम को फाइनल रेस भी थी, मुझे आराम करना चाहिए था, लेकिन नींद ही नहीं आई और शाम को जब मैं फाइनल में उतरी तो अपनी टाइमिंग और भी बेहतर कर दी। मैंने 11.24 सेकंड में रेस पूरी कर डाली।’ तैयारियों पर लग गया है ब्रेकरियो ओलिंपिक्स में दुती का प्रदर्शन खास नहीं रहा। वह वहां 11.69 सेकंड समय ही निकाल सकीं और हीट से आगे नहीं बढ़ सकीं। दुती अभी तक तोक्यो ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई नहीं कर सकी हैं, जिसका क्वॉलिफिकेशन मार्क 11.15 सेकंड रखा गया है। दुती ने बताया कि उनकी तैयारी अच्छी चल रही थी। वह 100 मीटर रेस में अपनी टाइमिंग को बेहतर करके 11.22 सेकेंड तक पहुंच चुकी थीं, लेकिन लॉकडाउन ने सारी तैयारी पर पानी फेर दिया। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वायरस की वजह से सब कुछ थम गया है। हमारी तैयारी भी। मेरी लय बेहतर होते जा रही थी। मुझे मार्च अप्रैल में ट्रेनिंग के लिए विदेश भी जाना था, लेकिन सारा प्लान चौपट हो गया। अब लॉकडाउन तो खत्म हो गया है, लेकिन इस साल किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकते, जिस कारण थोड़ा उत्साह में कमी है। प्रैक्टिस तो चल रही है लेकिन फिलहाल वो जूनुन नहीं है जोकि होना चाहिए।’ पुरस्कार मिलने की उम्मीदपिछले कुछ सालों में कई मौकों पर भारत का मान बढ़ाने वाले दुती को उम्मीद है कि इस बार उन्हें अर्जुन पुरस्कार जरूर मिलेगा। पिछले साल दोहा एशियन चैंपियनशिप में 200 मीटर का ब्रॉन्ज जीतने वाली दुती ने कहा, ‘अगर सफलता ही इन पुरस्कारों का पैमाना है तो मुझे उम्मीद है कि इस बार मुझे अर्जुन पुरस्कार जरूर मिलेगा। यह पिछली बार ही शायद मिल जाता, लेकिन पिछली बार मेरा नाम भेजने में देरी हो गई थी। लेकिन इस बार सब कुछ समय पर हुआ है।’

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