Thursday, June 4, 2020

चेस बोर्ड की तुलना पिच से करते हुए चहल बोले- मेरे लिए लेग स्पिन, गुगली, फ्लिपर, डाउन स्पिन हैं राजा, मंत्री, घोड़ा, हाथी; वापसी करने के लिए बेताब हूं June 04, 2020 at 05:24PM

अब जब धीरे-धीरे चीजें अनलॉक होने लगी हैं तो टीम इंडिया के लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल मैदान पर वापसी के लिए बेताब हैं। वे कहते हैं कि अब तो बस क्रिकेट शुरू हो जाए। फिर चाहे वह वर्ल्ड कप हो या आईपीएल।

चहल गुरुग्राम में परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। उनका कहना है कि स्थिति नियंत्रण में आने के बाद ही टीम को प्रैक्टिस शुरू करनी चाहिए। उन्होंने चेस बोर्ड की तुलना क्रिकेट पिच से करते हुए कहा, ‘चेस बोर्ड की तरह पिच पर लेग स्पिन, गुगली, फ्लिपर और डाउन स्पिन मेरे हथियार यानी राजा, मंत्री, हाथी, घोड़ा हैं।’

चहल ने भास्कर से चर्चा की। उनसे बातचीत के कुछ अंश...

एक्सपर्ट का कहना है कि हमें कोरोना के साथ जीना सीखना होगा। कोरोना के साथ क्रिकेट में क्या-क्या बदलाव देखते हैं?
चहल: इस पर आईसीसी की गाइडलाइन आई है। हमें उसे फॉलो करना ही होगा। बदलावों पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। जब तक मैदान में नहीं उतरेंगे, तब तक पता नहीं चलेगा। पहले कभी ऐसी परिस्थितियों में खेला नहीं है।
भविष्य में वैक्सीन आने तक बिना दर्शकों के मैच कराने की योजना है, आपके लिए कैसा अनुभव होगा?

चहल:थोड़ा अलग होगा। हम हमेशा दर्शकों के बीच खेलते हैं। इंटरनेशनल मैचों में फर्स्ट क्लास जैसी फीलिंग आएगी। उन मैचों में न के बराबर दर्शक होते हैं। हालांकि, इसका कोई विकल्प फिलहाल नहीं है। जिंदगी सबसे ज्यादा जरूरी है।
गेंद चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की चर्चा हो रही है। क्या आपको लगता है कि स्पिनर्स को कोई परेशानी या फायदा होगा?

चहल:ऐसी बॉल से कभी खेला नहीं है। पता नहीं गेंद कैसे रिएक्ट करेगी। वह ड्रिफ्ट होती है या फिर स्विंग। प्रैक्टिस के बाद ही इन बातों का पता चलेगा।
श्रीलंका, इंग्लैंड आदि कई देशों ने अभ्यास शुरू कर दिया है। मैदान पर भारतीय सितारे कब वापसी करेंगे?

चहल:श्रीलंका की परिस्थितियां अलग हैं। उनकी तुलना में हमारी जनसंख्या ज्यादा है और कोरोना के मामले भी। जब स्थिति नियंत्रित हो जाए, उसके बाद ही प्रैक्टिस शुरू करनी चाहिए। आपको अपने साथ-साथ दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। आज किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। हम किसी की जिंदगी के साथ खतरा मोल नहीं ले सकते।

अब तक टेस्ट में डेब्यू का मौका नहीं मिला है। क्या आगामी सीरीज में उम्मीद करते हैं?
चहल: अभी इस बारे में नहीं सोच रहा हूं। मेरा पूरा ध्यान वापसी पर है। चाहता हूं कि जब मैदान में जाऊं तो जल्दी से रिदम आ जाए।
जब बल्लेबाज आपकी गेंद पर बड़े हिट लगाता है, तो मानसिक रूप से कैसे नियंत्रण रखते हैं और उनसे कैसे उबरते हैं?

चहल:आपको समझना होता है कि यह गेम का हिस्सा है। हो सकता है कि आपके एक ओवर में छह छक्के भी पड़ जाएं या उससे कम। आपको मानसिक रूप से मजबूत होना होगा। यह जरूरी नहीं कि एक स्पेल खराब गया है तो दूसरा भी जाएगा, हो सकता है कि विकेट मिल जाए। मैं मौजूदा समय में ही रहने की कोशिश करता हूं।
लॉकडाउन पीरियड में क्या-क्या किया?

चहल:घर में ही रहता हूं और परिवार के साथ समय बिता रहा हूं, चीजें एंजॉय कर रहा हूं। जहां तक फिजिकल और मेंटल ट्रेनिंग की बात है तो रोजाना सुबह-सुबह उठकर वर्कआउट करता हूं। रविवार को आराम करता हूं।

पसंदीदा मैदान कौन-सा है? कहां गेंदबाजी करना सबसे ज्यादा पसंद है?

चहल:बेंगलुरू का चिन्नास्वामी स्टेडियम। वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू का घरेलू मैदान भी है। टी20 में पहली बार 5 विकेट भी वहीं मिले थे। इसलिए सबसे ज्यादा मजा आता है।
टीवी कैसी चल रही है? काफी दिनों से कोई इंटरव्यू देखने को नहीं मिला?
चहल: टीवी मैचों के दौरान ही चलती है। जब मैच नहीं होते या खाली दिनों में बहुत कम या रेयर केस में ही इंटरव्यू करता हूं।

चेस बोर्ड में आपके पास कई सारे हथियार होते हैं, जिनसे आप चाल चलते हैं। क्रिकेट पिच पर आपके क्या-क्या वेपंस हैं?
चहल: क्रिकेट पिच पर चार तरह के वेपंस हैं- लेग स्पिन, गुगली, फ्लिपर और डाउन स्पिन। इनका इस्तेमाल परिस्थितियों के अनुसार करता हूं। निर्भर करता है कि कब कौन से बल्लेबाज के लिए क्या डालना है।



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टीम इंडिया के स्पिनर युजवेंद्र चहल लॉकडाउन के कारण इन दिनों घर पर हैं। खाली वक्त में वे अपने पिता के साथ चेस खेल रहे हैं।

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