Wednesday, June 10, 2020

बास्केटबॉल खिलाड़ी अमृतपाल और महिला बॉक्सर नीरज फोगाट पर 4 साल का प्रतिबंध, संजीता चानू पर लगे डोपिंग के आरोप हटाए June 09, 2020 at 10:27PM

भारतीय बास्केटबॉल खिलाड़ी अमृतपाल सिंह और महिला बॉक्सर नीरज फोगाट डोपिंग के दोषी पाए गए हैं। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) ने दोनों पर 4-4 साल का प्रतिबंध लगाया। फोगाट पर प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए ड्रग्स लेने का दोषी पाया गया है। जबकि अमृतपाल ने प्रतिबंधित पदार्थ टर्बुटेलाइन लिया था।

इसी बीच भारतीय वेटलिफ्टर संजीता चानू के लिए अच्छी खबर आई है। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन (आईडब्ल्यूएफ) ने चानू पर लगे डोपिंग के आरोप हटा लिए हैं। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) की सिफारिश के आधार पर आईडब्ल्यूएफ ने यह फैसला लिया है।

अमृतपाल ने 2011 में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था
अमृतपाल भारत के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की नेशनल बास्केटबॉल लीग में खेले हैं। उन्होंने 2011 में भारत के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। नाडा ने उनका सैंपल 16 फरवरी को लिया था। अमृतपाल पर यह प्रतिबंध इसी साल 19 मई से लागू माना जाएगा।

महिला बॉक्सर पर दिसंबर से प्रतिबंध माना जाएगा
बॉक्सर नीरज ने पिछले ही साल गुवाहाटी में हुए इंडिया ओपन में स्वर्ण जीता था। उन्होंने बुल्गारिया के स्त्रांजा मेमोरियल टूर्नामेंट में भी कांस्य पदक अपने नाम किया था। नीरज पर यह प्रतिबंध 2 दिसंबर 2019 से माना जाएगा।

आईडब्ल्यूएफ ने चानू का केस बंद किया
आईडब्ल्यूएफ के वकील लीला सागी ने कहा कि वाडा ने 28 मई को बताया था कि चानू के सैंपल में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। उन पर लगे आरोप को वापस लेने और केस को बंद करने का फैसला किया गया है। संजीता चानू कॉमनेवल्थ गेम्स में दो बार गोल्ड जीत चुकीं हैं। इस लापरवाही के मामले में अमेरिका के शहर साल्ट लेक सिटी की एक लेबोरिटी को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया था।

मानसिक प्रताड़ना झेलने के लिए मुआवजा मिलना चाहिए
चानू ने एजेंसी से कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि मुझे डोपिंग के आरोपों से मुक्त कर दिया गया, लेकिन आईडब्ल्यूएफ ने बगैर आरोप शाबित हुए ही मुझ पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसकी वजह से मुझे ओलिंपिक क्वालिफाई करने का मौका नहीं मिल सका। इसकी जिम्मेदारी किसकी है? अधिकारियों की लापरवाही के कारण मुझे करीब एक साल तक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। मैं प्रैक्टिस से भी दूर रही। इसके लिए आईडब्ल्यूएफ को माफी मांगनी चाहिए और मानसिक प्रताड़ना के लिए मुआवजा देना चाहिए।

चानू को नवंबर 2017 में एनाबोलिक स्टेराइड टेस्टोस्टेरोन का पॉजिटिव पाया गया था। तब से अब तक उनके मामले पर कोई फैसला नहीं आया था। इसमें कई तरह की प्रशासनिक गड़बड़ियां भी सामने आईं। चानू पर 15 मई 2018 से 22 जनवरी 2019 तक 9 महीने के लिए अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था। इस दौरान उन्हें किसी भी टूर्नामेंट में खेलने की अनुमति नहीं थी।



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भारतीय महिला वेटलिफ्टर संजीता चानू ने कहा- डोपिंग के आरोप हटने से खुश हूं। बगैर आरोप शाबित हुए प्रतिबंध लगाने के लिए इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन को मुझसे माफी मांगनी चाहिए। -फाइल फोटो

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