Tuesday, May 26, 2020

पाकिस्तान से भी बलबीर सीनियर को श्रद्धांजलि May 26, 2020 at 04:49PM

नई दिल्लीतीन बार के ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता को युवाओं के लिए ‘रोलमॉडल’ बताते हुए पाकिस्तान के दिग्गज हॉकी खिलाड़ियों ने कहा कि वह महान खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे जिनसे काफी कुछ सीखा जा सकता है। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और कोच बलबीर सीनियर का लंबे समय से चल रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बाद सोमवार को मोहाली में निधन हो गया। लॉस एंजिलिस ओलिंपिक (1984) में स्वर्ण पदक जीतने वाले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान हसन सरदार ने कहा, ‘बलबीर सिंह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे उपमहाद्वीप में एक लेजेंड थे। तीन ओलिंपिक स्वर्ण जीतकर उन्होंने महानतम हॉकी खिलाड़ियों में अपना नाम शामिल कर लिया था।’ उन्होंने 1982 दिल्ली एशियाई खेलों के दौरान बलबीर से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘वह बहुत अच्छे इंसान भी थे। मुझे याद है कि उन्होंने पंजाबी में मुझसे कहा था, ‘सान्नू घट्ट गोल करीं (हमारे खिलाफ कम गोल करना। उन्होंने मेरे प्रदर्शन की तारीफ भी की थी।’ रफ्तार के बादशाह थे बलबीर सिंहअपने दौर के सर्वश्रेष्ठ सेंटर फॉरवर्ड में शुमार हसन के शानदार प्रदर्शन से पाकिस्तान ने 1982 एशियाई खेलों का स्वर्ण और उसी साल मुंबई में विश्व कप जीता था जिसमें वह मैन ऑफ द मैच रहे थे। इन दोनों टूर्नमेंटों और 1976 मॉन्ट्रियल ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता पाकिस्तानी टीम के सदस्य रहे समीउल्लाह को उनके चाचा और 1960 रोम ओलिंपिक की स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तानी टीम के लिए खेलने वाले मोतिउल्लाह ने बलबीर सीनियर के खेल के बारे में बताया था। समीउल्लाह ने कहा, ‘बलबीर सीनियर मेरे अंकल मोतिउल्लाह के दौर में खेलते थे। उन्होंने मुझे उनकी रफ्तार और गेंद पर कमाल के नियंत्रण के बारे में बताया। मरहूम ओलिंपियन अनवर अहमद ने भी बताया कि बलबीर सीनियर जैसी रफ्तार किसी के पास नहीं थी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं 1975 के भारत दौरे पर उनसे और ध्यानचंद जी से मिला था और उसे मैं कभी भूल नहीं सकता।’ याद आई 1987 की मुलाकातसिडनी विश्व कप 1994 जीतने वाली पाकिस्तानी टीम के कप्तान और तीन बार के ओलिंपियन शाहबाज अहमद (शाहबाज सीनियर) ने बताया कि 1987 में लखनऊ में इंदिरा गांधी कप के दौरान बलबीर सीनियर ने उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नमेंट’ की ट्रोफी दी थी और वह उनकी तरबियत के कायल हो गए थे। उन्होंने कहा, ‘मैं तब पहली बार उनसे मिला था और मैने देखा कि वह महान खिलाड़ी ही नहीं बेहद विनम्र और उम्दा इंसान भी हैं। उसके बाद भुवनेश्वर में 2018 विश्व कप के दौरान आखिरी बार उनसे मुलाकात हुई और वह तब भी बिल्कुल नहीं बदले थे।’ पाक के महान ने कहा- महानायक थे...उन्होंने कहा, ‘मैं दुआ करता हूं कि उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति मिले। हॉकी ने एक आला खिलाड़ी खो दिया।’ दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लेफ्ट हाफ में शुमार और पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले वसीम अहमद ने कहा कि बलबीर सीनियर का हॉकी के लिए प्यार एक मिसाल था। उन्होंने कहा, ‘मैं उनका बहुत बड़ा मुरीद हूं और हॉकी के लिए उनकी मुहब्बत तो मिसाल है। अपने देश के लिए उन्होंने इतनी उपलब्धियां हासिल की और उनका दर्जा किसी महानायक से कम नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं जब उनसे मिला तो मेरे लिए वह किसी हीरो की तरह थे और आने वाली कई पीढियों के लिए रहेंगे।’

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