कोरोनावायरस और लॉकडाउन के कारण भारत समेत दुनियाभर में बेरोजगारी और भूखमरी अपने चरम पर है। भारत की एक युवा एथलीट प्राजक्ता (24) और उनके माता-पिता को भी भूख से लड़ना पड़ रहा है। प्राजक्ता पिछले साल इटली में हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में 5000 मीटर रेस में देश का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।
प्राजक्ता नागपुर के सिरसपेथ झुग्गी में अपने माता-पिता के साथ रहती है। 3 सदस्यीय परिवार में उनके पिता विलास गोडबोले लकवा से पीड़ित हैं। वह पहले सुरक्षा गार्ड का काम करते थे, लेकिन कुछ साल पहले एक्सिडेंट के बाद उन्हें लकवा हो गया था।
‘घर में खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा’
प्राजक्ता की मां अरुणा शादी-पार्टीमें खाना बनाने का काम करती हैं। इससे महीने में उन्हें 5000 से 6000 रुपए की कमाई हो जाती थी, उसी से उनका घर चलता था। लेकिन, लॉकडाउन के कारण शादी भी नहीं हो रही हैं। अब उनको परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। घर का राशन खत्म हो गया है। अब उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं बचा है।
‘आस-पास के लोगों ने दिया खाने का सामान’
प्राजक्ता ने न्यूज एजेंसी को बताया, ‘‘राशन खत्म हो गया है। हम अब दूसरों की मदद पर ही बचे हुए हैं। लोगों ने हमें चावल, दाल और अन्य चीजें दीं। इसी कारण हमारे पास अब दो-तीन का खाना है, लेकिन मुझे नहीं पता कि उसके बाद क्या होगा। यह लॉकडाउन हमारे लिए क्रूर शाबित हुआ है।’’
‘ट्रेनिंग नहीं, अपने जीवन को लेकर हूं चिंतित’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं प्रशिक्षण के बारे में नहीं सोच रही हूं। मुझे नहीं पता कि मैं इस परिस्थिति में कैसे बचूंगी। जीवन हमारे लिए बहुत कठोर है। तालाबंदी ने हमें बर्बाद कर दिया है।’’
लॉकडाउन खुलने का कर रहे इंतजार: मां
मां अरुणा ने कहा, ‘‘वह हर समय यह सोच रही हैं कि कब इस तालाबंदी को हटाया जाएगा और वह अपना काम शुरू कर सकेंगी। हम बहुत गरीब हैं, लेकिन कम से कम हम अपनी नौकरी से मिलने वाले पैसे से बच सकते थे।’’
एथलेटिक्स फेडरेशन से मदद नहीं मांगी
प्राजक्ता ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि क्या करना है, मेरे माता-पिता कुछ नहीं कर सकते। हम बस प्रार्थना कर सकते हैं कि यह तालाबंदी समाप्त हो जाए। हम बस उसी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।’’ धावक ने जिले या राज्य के किसी भी एथलेटिक्स अधिकारियों से मदद नहीं मांगी है। प्राजक्ता इस साल की शुरुआत में टाटा स्टील भुवनेश्वर हाफ मैराथन में 21.097 किमी में 1:33:05 के साथ दूसरे स्थान पर रही थी।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
No comments:
Post a Comment