Monday, May 11, 2020

धोनी ने कभी पक्षपात से टीम नहीं चुनी: आरपी सिंह May 10, 2020 at 11:49PM

नई दिल्ली भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज रुद्र प्रताप सिंह () ने कहा है कि क्रिकेट की दुनिया में महेंद्र सिंह धोनी () का आज जो मुकाम है उसके पीछे बड़ी वजह यह रही कि वह चयन करते समय बिलकुल भी पक्षपात नहीं करते थे। उन्होंने कहा कि पूर्व भारतीय कप्तान ने टीम चयन करते समय कभी दोस्ती को आड़े नहीं आने दिया। साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप की विजेता टीम के सदस्य रहे आरपी ने एक समाचार चैनल से बातचीत में साल 2008 की सिलेक्शन कमिटी की उस बैठक की लीक हुई बातों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि धोनी उन लोगों को बैक करते थे, जिनके बारे में उन्हें लगता था कि वे उनके प्लान को बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सकते हैं। साल 2008 में एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि और इरफान पठान के चयन को लेकर धोनी असहमत थे। यह खबर भी आई थी जब चयनकर्ताओं ने आरपी सिंह के स्थान पर इरफान पठान को चुनने को कहा तो धोनी ने कप्तानी से हटने का ऑफर दिया था। धोनी ने इस लीक को 'बकवास' करार दिया था। आरपी सिंह 7 मैचों की उस सीरीज के दूसरे मैच के बाद नहीं खेले थे। आरपी ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि उस लीक से मुझ पर कोई असर पड़ा था। जिस इंग्लैंड सीरीज के बारे में आप बात कर रहे हैं मुझे लगता है कि इंदौर में मैंने कोई विकेट नहीं लिया था। हां, स्वाभाविक रूप से लोग सोचते हैं कि उन्हें दो-तीन मैच खेलने को मिलेंगें लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ को पांच मौके भी मिलते हैं और कुछ किस्मत वालों को 10 मौके भी मिलते हैं।' आरपी ने कहा, 'मैंने और धोनी ने इस बारे में चर्चा की थी कि मैं कहां अपने खेल में सुधार कर सकता हूं। मैं क्या बेहतर कर सकता हूं। मैं जानता हूं कि की दोस्ती अलग चीज है लेकिन देश की टीम की कप्तानी करना अलग बात है। उस लम्हे में उन्होंने उन लोगों को आगे बढ़ाया जो उनकी नजर में बेहतर थे। मुझे लगता है कि धोनी ने उन लोगों को तरजीह दी जो उनके प्लान को बेहतर तरीके से क्रियान्वित कर सकते थे।' आरपी ने कहा, 'इसी वजह से एमएस धोनी आज एमएस धोनी हैं। फैसले लेते समय वह बिलकुल भेदभाव नहीं करते। मैं इस वजह से ज्यादा नहीं खेल पाया क्योंकि मेरी रफ्तार और स्विंग खत्म हो गई था। बाकी सब चीजें बाद में आती हैं। अगर मैं तब सुधार कर लेता, तो मैं ज्यादा खेलता। पर मैंने जो भी हासिल किया उससे मैं खुश हूं।'

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