खेल डेस्क. पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने बीसीसीआई पदाधिकारी के सैयद मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट पर दिए कथित बयान पर नाराजगी जताई है। इस अफसर ने कहा था कि वो आईपीएल को मुश्ताक अली ट्रॉफी की तरह होते हुए नहीं देख सकते, जिसमें विदेशी खिलाड़ी हिस्सा न लें। इस पर गावस्कर ने स्पोर्ट्स वेबसाइट के कॉलम में लिखा अगर बोर्ड के किसी पदाधिकारी ने ऐसा कहा है तो यह गलत है। यह उस क्रिकेटर की बेइज्जती है, जिनके नाम पर यह ट्रॉफी खेली जाती है। दूसरा सवाल यह कि अगर यह टूर्नामेंट इतना ही खराब है, तो फिर हो क्यों रहा है?।
इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज नेभारतीय क्रिकेट बोर्ड पर सवाल उठाया कि अगर इस टूर्नामेंट का स्तर इतना नीचे है तो फिर इसे कराया ही क्यों जाता है? सिर्फ इसलिए कि इसमें विदेशी खिलाड़ी नहीं खेलते या इसमें भारत के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी हिस्सा नहीं लेते? मुझे लगता है कि यह टूर्नामेंट के शेड्यूल की वजह से है, जिस पर बोर्ड को ध्यान देना चाहिए।
गावस्कर ने 15 अप्रैल तक आईपीएल टालने के फैसले की तारीफ की
गावस्कर ने आगे कहा कि बीसीसीआई के 15 अप्रैल तक आईपीएल टालने के फैसले की तारीफ की जानी चाहिए। देश के लोगों की सुरक्षा और स्वास्थ्य खेल से ज्यादा अहम है। यह देखना वाकई अच्छा रहा कि हमेशा विवादों में रहने वाले भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने देशहित में यह फैसला लिया। अब आईपीएल खेला जाएगा या नहीं यह इस पर निर्भर करता है कि कितनी जल्दी कोविड-19 पर काबू पाया जाता है। 15 अप्रैल तक विदेशी खिलाड़ियों को वीजा नहीं मिलेगा। ऐसे में टूर्नामेंट के शुरू होने में और देरी होगी। विदेशी खिलाड़ियों की मौजूदगी से रोमांच बढ़ता है। ऐसे में टूर्नामेंट में उनका खेलना जरूरी है।
आईपीएल पर 15 अप्रैल के बाद फैसला होगा : खेल मंत्री
इससे पहले, गुरुवार को खेल मंत्रालय ने साफ कर दिया कि आईपीएल के भविष्य पर फैसला 15 अप्रैल के बाद ही होगा। क्योंकि तब सरकार मौजूदा हालात को लेकर नई एडवायजरी जारी करेगी। खेल मंत्री किरन रिजिजू ने इस बात को दोहराया कि देश में क्रिकेट पर फैसला बीसीसीआई लेती है। हालांकि, यह महामारी ऐसे है जिसका लोगों पर सीधा असर पड़ेगा।
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