Friday, December 27, 2019

पाक में धार्मिक भेदभाव? जानें कनेरिया का मामला December 27, 2019 at 06:16PM

नई दिल्ली पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने हाल ही में को लेकर धार्मिक भेदभाव की जो बात कही उसने क्रिकेट जगत में खलबली मचा दी। हाल ही में अख्तर ने एक यूट्यूब चैनल पर कहा था कि इस पूर्व पाकिस्तानी लेग स्पिनर से टीम के ज्यादातर खिलाड़ी इसलिए भेदभाव करते थे क्योंकि वह हिंदू धर्म को मानने वाले खिलाड़ी हैं। अख्तर के इस खुलासे के बाद कनेरिया ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उनके साथ पाक क्रिकेट टीम में धार्मिक भेदभाव की बात सही है। कनेरिया ने यह भी कहा कि इस भेदभाव के बावजूद उन्होंने कभी धर्म परिवर्तन के बारे में नहीं सोचा। बता दें कनेरिया टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान की ओर से सबसे ज्यादा विकेट (261) लेने वाले स्पिन गेंदबाज हैं। यह पूर्व स्पिनर 2012 से स्पॉट फिक्सिंग के कारण आजीवन प्रतिबंध झेल रहा है। पाक क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ 2 हिंदू खिलाड़ी गुरुवार को सामने आया अख्तर का यह विडियो भारत में तेजी से शेयर किया जाने लगा और भारतीय नागरिक दानिश कनेरिया को लेकर सहानुभूति जता रहे हैं। अख्तर के सनसनीखेज खुलासे के बाद कई पूर्व क्रिकेटर्स इस मामले पर अपनी राय रख रहे हैं। कनेरिया ने भी अख्तर के इन आरोपों को सच बताया है। शोएब अख्तर की यह बात इसलिए भी सच लगती है क्योंकि पाकिस्तान के 67 साल के क्रिकेट इतिहास को देखें तो यहां अभी तक सिर्फ 2 ही हिंदू क्रिकेटर खेल पाए हैं। कनेरिया से पहले अनिल दलपत पाक टीम में खेलने वाले पहले हिंदू खिलाड़ी थे। क्या था अख्तर का बयान अख्तर ने आरोप लगाया है कि में ज्यादातर खिलाड़ी हिंदू क्रिकेटर (दानिश कनेरिया) के साथ खाना भी पसंद नहीं करते थे। उन्होंने कहा, दानिश को हिंदू होने की वजह से अलग-थलग रखा जाता था। कुछ खिलाड़ी दानिश के साथ खाने पर भी ऐतराज जताते थे।' अख्तर ने किया था विरोधशोएब ने कहा कि उन्होंने अपने टीम के खिलाड़ियों को काफी समझाने की कोशिश भी की थी। उन्होंने कहा, 'वह बंदा आपको मैच जिता रहा है, सीरीज जिता रहा है विरोधी टीम के 6-6 खिलाड़ियों को आउट कर रहा है और तुम कैसी बात कर रहे हो। शर्म आनी चाहिए तुम्हे।' अख्तर ने कहा था कि वह दानिश के लिए दूसरों से लड़ने को भी तैयार थे। कनेरिया बोले- अख्तर की सभी बातें सच पूर्व पाकिस्तानी लेग स्पिनर दानिश ने कहा कि शोएब अख्तर ने जो आरोप लगाए हैं, वे पूरी तरह सही हैं। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी टीम के कुछ खिलाड़ी मेरे साथ खाना तक नहीं खाते थे, क्योंकि मैं एक हिंदू था। शोएब ने सब सही बताया है। मैं उनके नाम भी जाहिर कर सकता हूं जो मुझसे बात करने में हिचकिचाते थे क्योंकि मैं एक हिंदू था। पहले मुझमें हिम्मत नहीं थी, लेकिन अब सब कह सकता हूं।' कनेरिया ने यह भी कहा, 'इंजी भाई (इंजमाम उल हक), मोहम्मद युसूफ और यूनिस भाई ने भी हमेशा मेरा साथ दिया और जिन्होंने मेरा साथ नहीं दिया, मैं जल्दी ही उनके नामों का खुलासा करूंगा।' यही है पाकिस्तान का असली चेहरा: गौतम गंभीर पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'अख्तर के इस बयान ने पाकिस्तान का असली चेहरा दिखा दिया है।' उन्होंने कहा, ‘भारत में मोहम्मद अजहरूद्दीन जैसे कप्तान हुए हैं, जो लंबे समय तक कप्तान रहे। यह उस देश में हो रहा है, जिसके प्रधानमंत्री इमरान खान खुद क्रिकेटर रहे हैं।’उन्होंने कहा, ‘कनेरिया ने अपने देश के लिए इतने टेस्ट खेले हैं। इसके बावजूद उन्हें यह सब झेलना पड़ा तो यह शर्मनाक है।’ बहुत ही दुख की बात: मदनलाल पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदनलाल ने कहा, 'अख्तर ने यह बात कही है तो यह सच ही है क्योंकि वह उनके (कनेरिया) के साथ खेले हैं और यह बहुत ही दुख की बात है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को अपने खिलाड़ियों को यह नसीहत देनी चाहिए कि वे धर्म के आधार पर भेदभाव न करें।' पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने झाड़ा अपना पल्ला पीसीबी ने इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अपनी राय रखी और इन दोनों खिलाड़ियों के आरोपों को उनकी निजी राय बताते हुए इनसे अपना पल्ला झाड़ लिया है। पीसीबी के प्रवक्ता ने कहा, 'अख्तर और कनेरिया दोनों संन्यास ले चुके हैं और हमसे अनुबंधित नहीं हैं इसलिए वह जो चाहे कर सकते हैं और कह सकते हैं। यह उनके विचार हैं। और उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट की पूरी व्यवस्था के खिलाफ नहीं बल्कि कुछ खिलाड़ियों के व्यवहार को लेकर आरोप लगाए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब कनेरिया खेल रहा था तब इंजमाम उल हक, राशिद लतीफ, यूनिस खान और मोहम्मद यूसुफ पाकिस्तान के कप्तान रहे। अख्तर और कनेरिया ने जो कुछ कहा, इस पर उन्हें जवाब देना चाहिए। इसमें बोर्ड को क्यों शामिल होना चाहिए।’ भेदभाव होता तो 10 साल नहीं खेलते दानिश: मियांदाद पूर्व पाकिस्तान कप्तान जावेद मियांदाद ने अख्तर के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान क्रिकेट में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होता तो वह (कनेरिया) 10 साल पाक के लिए क्रिकेट नहीं खेलते। मियादाद ने कहा, 'पाकिस्तान ने उसे इतना कुछ दिया और वह 10 साल तक टेस्ट क्रिकेट खेला। अगर धर्म कोई मुद्दा होता तो क्या यह संभव हो पाता? पाकिस्तान क्रिकेट में हमने कभी धर्म को लेकर पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपनाया।' पाक के पूर्व खिलाड़ियों ने भी किया अख्तर का समर्थन अख्तर और कनेरिया को पूर्व टेस्ट खिलाड़ी इकबाल कासिम और मोहसिन खान का समर्थन मिला है। पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज ने मोहसिन खान ने कहा, ‘एक खिलाड़ी का आकलन उसके धर्म, रंग या जाति से नहीं बल्कि उसके क्रिकेट कौशल और टीम के प्रति प्रतिबद्धता से किया जाना चाहिए।’

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