पेरिस. वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) द्वारा वैश्विक खेलों में हिस्सा लेने परप्रतिबंध को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने सोमवार कोपेरिस में कहा, ‘‘यह ओलिंपिक चार्टर का उल्लंघन है। रूस के पास इस फैसले के खिलाफ अदालत जाने के सभी कारण मौजूद हैं।’’ वाडा ने डोप टेस्ट के लिए अपने खिलाड़ियों के गलत सैंपल्स भेजने और उससे छेड़छाड़ के मामले में रूस पर चार साल का प्रतिबंध लगाया था।
प्रतिबंध लगने के काण रूस 2020 में जापान ओलिंपिक और 2022 में कतर में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप में हिस्सा नहीं ले पाएगा। साथ ही वह विंटर ओलिंपिक और पैरालिंपिक में भी भाग नहीं ले सकेगा। इवेंट्स में वे रूसी एथलीट्स उतर सकेंगे, जो डोप टेस्ट में पास रहे। वे न्यूट्रल झंडे के तले खेलेंगे। उन्हें न्यूट्रल एथलीट्स ही कहा जाएगा, रूस का एथलीट नहीं। उनका बनाया रिकॉर्ड रूस के हिस्से में नहीं जोड़ा जाएगा।
‘वाडा के फैसले का विश्लेषण करने की जरूरत’
पुतिन ने वाडा के फैसले की चुनौती देने के सवाल पर कहा, ‘‘सबसे पहले हमें वाडा के फैसले का विश्लेषण करने की जरूरत है। प्रतिबंध लगाने का आधार क्या है? मेरे अनुसार वाडा को रूस ओलिंपिक राष्ट्रीय समिति से कोई शिकायत नहीं है और यदि नहीं हैतो रूस को राष्ट्रीय ध्वज के साथ हिस्सा लेने देना चाहिए।’’
दंड सामूहिक प्रकृति का नहीं हो सकता: पुतिन
पुतिन ने कहा, ‘‘कोई भी सजा व्यक्तिगत होनी चाहिए। दंड सामूहिक प्रकृति का नहीं हो सकता। यह ऐसे लोगों पर भी लागू हो रहा है, जिन्होंने कुछ गलत नहीं किया। हर कोई इसे समझता है। मुझे लगता है कि वाडा के विशेषज्ञ भी इसे समझते हैं।’’ रूस की डोपिंग रोधी एजेंसी 21 दिनों के भीतर खेलों की सबसे बड़ी अदालत खेल पंचाट में वाडा के इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती है।
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