Sunday, December 22, 2019

15 साल: यूं जीरो से हीरो बने रांची के महेंद्र सिंह धोनी December 22, 2019 at 05:41PM

नई दिल्ली23 दिसंबर, 2004... यह वह दिन है, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में अहम स्थान रखता है। इसकी सबसे बड़ी वजह हैं भारत के महान खिलाड़ी एमएस धोनी। पूर्व भारतीय कप्तान ने इसी दिन इंटरनैशनल क्रिकेट की शुरुआत की थी। आज उस दिन का 15 वर्ष हो चुके हैं और बांग्लादेश के खिलाफ पहला वनडे खेलने वाले धोनी उस मुकाम पर हैं, जहां पहुंचना हर खिलाड़ी का सपना होता है। वह धोनी ही हैं, जिनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने आईसीसी की तीनों ट्रोफी (टी-20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रोफी) अपने नाम की। इस मौके पर ट्विटर पर #15yearsofdhonism ट्रेंड भी कर रहा है। करिश्माई कप्तान रहे धोनी के करियर पर नजर डाली जाए तो पाएंगे कि इस हीरो ने जीरो से शुरुआत की थी। जी हां, माही पहले मैच में बगैर कोई स्कोर किए पविलियन लौट गए थे। बांग्लादेश के चट्टोग्राम में मैच था। कप्तान सौरभ गांगुली टॉस हार चुके थे और बांग्लादेश ने भारत को पहले बैटिंग करने न्यौता दिया। भारत की शुरुआत खराब रही और ओपनिंग करने आए सौरभ गांगुली (0) और सचिन तेंडुलकर (19) जल्दी लौट गए। दबाव में था भारत युवराज सिंह (21) भी कुछ खास नहीं कर सके। इसके बाद राहुल द्रविड़ (53) और मोहम्मद कैफ (80) के बीच अच्छी साझेदारी हुई। द्रविड़ के आउट होने के बाद श्रीधरन श्रीराम (3) मोहम्मद रफीक की गेंद पर आउट हो गए। भारत का स्कोर 180 पर 5 विकेट हो गया। अब आई धोनी की बारी। धोनी उस वक्त बड़ा नाम नहीं थे, लेकिन इंडिया-ए के लिए केन्या और जिम्बाब्वे में जोरदार पारी खेली थी और इसी के दम पर उन्हें इंटरनैशनल टीम में मौका मिला था। ऐसे में सभी को उनसे कुछ खास करने की उम्मीद थी। यूं हो गए रन आउटधोनी 41वें ओवर में बैटिंग करने उतरे। उन्होंने मोहम्मद रफीक द्वारा की गई ओवर की 5वीं गेंद पर तेज सिंगल चुराने दौड़ पड़े। दूसरे छोर पर मौजूद मोहम्मद कैफ ने फील्डर खालिद महमूद को गेंद पर झपटता देख उन्हें आधी पिच से लौटा दिया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। धोनी वापस क्रीज तक पहुंचते इससे पहले ही चौकन्ना विकेटकीपर खालिद मशूद ने स्टंप्स बिखेर दिए। धोनी को उल्टे पांव पविलियन लौटना पड़ा। यह मैच भारत ने 11 रन से जीता था। भारत द्वारा बनाए गए 8 विकेट पर 245 रन के जवाब में बांग्लादेश की टीम 8 विकेट पर 234 रन ही बना सकी थी। अपने 5वें वनडे में ही किया कमालशून्य पर आउट होना किसी भी बल्लेबाज के लिए निराशाजनक होता है। अगर खिलाड़ी डेब्यू कर रहा हो तो और भी निराश होता है। हालांकि, धोनी का जलवा बहुत ही जल्द दुनिया को देखने को मिला। विशाखापत्तनम के मैदान पर 2004-05 में पाकिस्तान के खिलाफ धोनी अपने करियर का 5वां मैच ही खेल रहे थे कि उन्हें कप्तान सौरभ गांगुली ने प्रमोट करते हुए नंबर 3 पर बैटिंग के लिए भेजा। इस पाटा विकेट पर धोनी ने 148 रन की पारी खेल कर नया कीर्तिमान रच दिया। इस मैच में धोनी ने 15 चौके और 4 छक्के जमाए। इस पारी के बाद धोनी ने क्रिकेट में अपना नया मुकाम बना लिया। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ दो बार 148 रन की पारी खेली है। विशाखापत्तनम के बाद धोनी ने 2005-06 में फैसलाबाद, पाकिस्तान में भी 148 रन बनाए। ऐसा है बेमिसाल करियरअब तक के करियर की बात करें तो धोनी ने 350 वनडे खेले हैं और 10 शतक और 73 अर्धशतक की मदद से 10773 रन बनाए हैं, जबकि 90 टेस्ट में 6 शतक और 33 अर्धशतक की मदद से 4876 रन बनाए। टी-20 इंटरनैशनल करियर में उन्होंने 98 मैच खेले, जबकि दो अर्धशतक की मदद से 1617 रन बनाए हैं। वनडे वर्ल्ड कप-2019 में अपना आखिरी वनडे खेलने वाले धोनी फिलहाल क्रिकेट से आराम फरमा रहे हैं।

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