Monday, August 30, 2021

योगेश कथूरिया ने पैरालिंपिक में जीती चांदी, मां ने कहा- डॉक्टरों ने कहा था वह कभी चल नहीं पाएगा, मुझे मेरे बेटे पर गर्व है August 30, 2021 at 04:53PM

नई दिल्ली योगेश कथूरिया ने जब में सिल्वर मेडल जीता तो, उनसे पूछा गया कि क्या आप गोल्ड मेडल से चूकने पर निराश हैं, तो उनका जवाब था 'नहीं, मै यहां मेडल जीतने आया था और मेडल के साथ वापस जा रहा हूं।' इस 24 वर्षीय इस खिलाड़ी के लिए मेडल का रंग बहुत ज्यादा मायने नहीं रखता है। न ही उनके परिवार के लिए। परिवार जो उनकी पीड़ा और संघर्ष के समय में उनका साथी रहा है। उनके लिए कोई भी मेडल सोने से कम नहीं है। जब योगेश 8 साल के थे तो उन्हें लकवे का अटैक आया। उनकी टांगे इससे खराब हो गईं। उनके परिवार ने उन्हें ठीक करवाने की हरसंभव कोशिश की। जिन डॉक्टरों से संपर्क किया था उनमें से कुछ का कहना था कि यह लड़का जिंदगी भर चल नहीं पाएगा। इसकी पूरी जिंदगी व्हीलचेयर पर ही गुजरेगी। किसी ने नहीं सोचा था हरियाणा के बहादुरगढ़ का यह लड़का एक मशहूर पैराएथलीट बनेगा और एक दिन पैरालिंपिक के पोडियम तक पहुंचेगा। उन्होंने सोमवार को साबित किया कि अगर आपके पास लड़ने की इच्छाशक्ति है तो असंभव को हासिल किया जा सकता है। अपने इवेंट में चांदी का तमगा हासिल करने के बाद जब वह तिरंगे के साथ थे तो बहुत भावुक थे। उनकी मां नीना देवी ने कहा, 'साल 2006 में जब मुझे पैरालाइज हुआ, तो हम इलाज के लिए दुनिया के हर कोने में गए। वह तीन साल तक व्हीलचेयर पर रहे। डॉक्टरों ने कहा कि मैं कभी चल नहीं सकता।'

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