Monday, August 30, 2021

पहलवान बनना चाहते थे सुमित अंतिल, सड़क हादसे में काटना पड़ा पैर और पलट गई जिंदगी August 30, 2021 at 05:19AM

तोक्यो हरियाणा की मिट्टी ऐसे लाल बड़ा करती है जो खेलों में देश का नाम रोशन करते हैं। सुमित अंतिल भी उन्हीं मे से एक हैं। किसी वक्त कुश्ती में देश को मेडल दिलाने का सपना देखने वाले सोनीपत के इस लाल ने पैरालिंपिक में गोल्डन भाला फेंका है। भारत का यह दूसरा स्वर्ण है। इससे पहले महिला निशानेबाज अवनि लेखरा ने आज सुबह 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 में स्वर्ण जीता था। एक हादसे ने बदली जिंदगी7 जून 1998 को पैदा होने वाले सुमित का यह सफर कठिनाइयों भरा रहा। छह साल पहले हुए सड़क हादसे में एक पैर गंवा दिया। बावजूद इसके उन्होंने जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। हर परिस्थिति का डटकर सामना किया। सुमित जब सात साल के थे, तब एयरफोर्स में तैनात पिता की मौत हो गई। तीन बेटियों और इकलौते बेटे को पालना मां के लिए आसान नहीं था। 2015 की एक शाम 17 साल के सुमित की बाइक को किसी ट्रैक्टर-ट्रॉली ने टक्कर मार दी। दुर्घटना हमेशा-हमेशा के लिए एक पैर गंवाना पड़ा। नकली पैर से नापा आसमांकई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहने के बाद साल 2016 में सुमित को नकली पैर लगाया गया। खेलों के प्रति तो शुरू से ही रुझान था। साई कोच वीरेंद्र धनखड़ ने उनका मार्गदर्शन किया। दिल्ली में कोच नवल सिंह ने उन्हें जैवलिन थ्रो के गुर सिखाए। साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में 5वीं रैंक मिली। अगले साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता फिर इसी साल हुए नेशनल गेम्स में गोल्ड जीतकर अपनी परेशानियों को उपबल्धियों के आगे बौना साबित कर दिया। चंद मिनटों के भीतर बनाए तीन वर्ल्ड रेकॉर्ड68.55 मीटर दूर भाला फेंकते हुए सुमित ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह नया विश्व रेकॉर्ड है। सुमित ने पहले प्रयास में 66.95 मीटर के साथ फाइनल की शुरूआत की और वर्ल्ड रेकॉर्ड तोड़ दिया। दूसरे प्रयास में चंद मिनट पहले बनाया अपना ही वर्ल्ड रेकॉर्ड फिर ध्वस्त कर दिया। इस बात उनका स्कोर 68.08 मीटर था। पांचवें में फिर नया विश्व कीर्तिमान स्थापित किया और पहले स्थान पर रहे। इस तरह फाइनल में तीन वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया। उनका छठा और अंतिम थ्रो फाउल रहा। यह भारत का बेस्ट पैरालिंपिक सुमित के गोल्ड जीतते ही भारत के पदकों की कुल संख्या सात पहुंच गई। सोमवार को यह पांचवां पदक भी था। सुमित अंतिल से पहले अवनि, देवेंद्र झाझरिया, सुंदर सिंह गुर्जर और योगेश काथुनिया ने भी आज देश के लिए पदक जीते थे। देवेंद्र और सुंदर ने भाला फेंक एफ46 में पदक जीते जबकि योगेश ने डिस्कस थ्रो टी56 में पदक अपने नाम किया। इस बीच, भारत के संदीप चौधरी एफ44 वर्ग में 62.20 मीटर के थ्रो के साथ चौथे स्थान पर रहे और पदक लाने से चूक गए। संदीप का बेस्ट थ्रो 66.18 मीटर का है और अगर वह यह प्रदर्शन दोहराने में सफल होते तो पदक ला सकते थे। भारत अबतक इस पैरालंपिक में दो स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम कर चुका है। पिछला बेस्ट चार पदकों के साथ रियो 2016 में आया था।

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