Saturday, July 24, 2021

साल 2018 में लिखी मीराबाई चानू की इन लाइंस को पढ़िए, इसी में छिपा है तोक्यो ओलिंपिक सफलता का राज July 24, 2021 at 01:34AM

नई दिल्ली भारत की स्टार वेट लिफ्टर मीराबाई चानू ने भारत को पहला पदक दिलाया। चानू ने तोक्यो ओलिंपिक 2020 के 49 किलोग्राम कैटेगरी वेट लिफ्टिंग में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। चानू का सफर बहुत ही मुश्किलों भरा रहा था। खासतौर पर 2016 रियो ओलिंपिक के बाद मीराबाई पूरी तरह से टूट चुकी थीं। हताश थीं और उनको लगर रहा था कि उनका सफर यहीं से खत्म हो जाएगा। मगर वो रुकीं नहीं और उसी का नतीजा था कि आज तोक्यो में पोडियम में तिरंगा शान से लहराया। मीराबाई का बुलंद हौसलामीराबाई चानू की सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं कुछ लाइंस यहां पर बहुत कुछ कहतीं हैं। उनकी कुछ लाइनें बयां कर रही हैं कि कैसे चानू ने खुद को यहां तक पहुंचने के लिए तैयार किया होगा। रियो की अप्रत्याशित असफलता के बाद 2018 में ये कुछ लाइंस उन्होंने पोस्ट की। सिल्वर मेडल के पीछे छिपे इस आयरन लेडी के हौसले को बयां करता है। It takes effort, includes injuries, experiences failures....but the path to Success was never easy for anyone!! मीराबाई चानू ने यही लाइंस पोस्ट की थीं। चानू उस वक्त ट्रेनिंग कर रहीं थीं। इन लाइंस का मतलब है... यह प्रयास मांगता है, इसमें चोटें शामिल हैं, असफलताओं का अनुभव होता है ....लेकिन सफलता की राह कभी भी किसी के लिए आसान नहीं होती !! 2016 में आंसू निकल गए थेपांच साल पहले खेलों के महासमर में निराशाजनक पदार्पण के बाद इसी मंच से वह रोती हुई गयी थीं। उनकी इस ऐतिहासिक जीत से भारत पदक तालिका में अभी दूसरे स्थान पर पहुंच गया, देश ने यह उपलब्धि पहले कभी हासिल नहीं की थी। मणिपुर की 26 साल की भारोत्तोलक ने कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) से कर्णम मल्लेश्वरी के 2000 सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक से बेहतर प्रदर्शन किया। इससे उन्होंने 2016 में रियो ओलंपिक के खराब प्रदर्शन को भी पीछे छोड़ दिया जिसमें वह एक भी वैलिड वेट नहीं उठा सकीं थीं।

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