Monday, November 22, 2021

शमी ने कर लिया था क्रिकेट छोड़ने का इरादा, भरत अरुण की एक सलाह ने बदल दिया करियर November 22, 2021 at 06:55PM

नई दिल्ली की पत्नी हसीन जहां से रिश्ते खराब होने के बाद काफी परेशान थे। पारिवारिक जीवन का असर उनके खेल पर भी नजर आने लगा था। एक वक्त ऐसा आ गया था जब उन्होंने क्रिकेट छोड़ने तक का फैसला कर लिया था। लेकिन इसके बाद उन्होंने जबर्दस्त वापसी की। अपनी परेशानियों पर जीत हासिल की। टीम इंडिया के पूर्व बोलिंग भरत अरुण ने बताया कि शमी बहुत परेशान थे। मुख्य कोच रवि शास्त्री के साथ बैठकर भरत अरुण ने उनसे बात की और शमी को समझाया। भरत अरुण ने बताया, 'शमी बुरी तरह टूट गए थे। वह खेल छोड़ने वाले थे। जब रवि (शास्त्री) और मैं उसके साथ बैठे।' अरुण ने आगे बताया कि शमी काफी गुस्सा थे। वह तमाम दिक्कतों से जूझ रहे थे। अरुण ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा, 'शमी ने मुझे बताया कि वह जिंदगी से बहुत गुस्सा हैं और सब कुछ छोड़ना चाहते हैं।' हमने उन्हें यही कहा, 'यह अच्छी बात है कि आप गुस्सा हैं। आपको होना ही चाहिए। आपके लिए इससे अच्छा और कुछ खास नहीं हो सकता।' अरुण ने बताया कि हमारे इस जवाब से शमी बहुत अचंभित थे। उन्होंने पूछा, 'आप यह क्या कह रहे हैं? हमने उन्हें कहा, 'आप एक तेज गेंदबाज हैं, गुस्सा आपके लिए बुरा नहीं है! बोलिंग के जरिए अपना गुस्सा बाहर निकालिए।' जीवन ने आपको बहुत गुस्से वाला इनसान बना दिया है, लेकिन अब आप क्या करेंगे?' अरुण ने कहा कि हमने शमी से कहा कि आप खेलना छोड़ सकते हैं यह आपकी मर्जी है। या फिर दूसरा रास्ता अपनाइए और खुद से पूछिए कि कैसे इस गुस्से को केंद्रित किया जा सकता है। उन्होंने बताया, 'हमने उन्हें कहा, 'तू शरीर पर ध्यान दे। एक महीने के लिए एनसीए जा और अपने शरीर को सही शेप में लेकर आ। अपना गुस्सा वहां जाकर निकाल। इसमें कोई बहस नहीं, जो कहा जा रहा है वह करो।'' उन्होंने वहां जाकर कड़ी मेहनत की। वह बैल की तरह लग रहे। मैंने सुना और मुझे याद है कि उन्होंने मुझे बताया, 'मेरा इतना ताकत बढ़ गया है कि मैं दुनिया से टकरा सकता हूं।' वह एक मजबूत इनसान थे और इस गुस्से ने उन्हें बेहतर बना दिया। भरत अरुण ने बताया, 'उनका जितना भी गुस्सा था उन्होंने उसे बोलिंग में उतारा। आपको बैल की तरह गुस्सैल नहीं होना चाहिए लेकिन थोड़ा बहुत नियंत्रित गुस्सा अच्छी चीज है। उनकी पर्सनालिटी भी उन्हें बहुत गुस्सैल नहीं बनाती। इस थोड़े गुस्से ने उन्हें जोश से भर दिया।' भरत अरुण ने बताया कि इस गुस्से ने शमी को कहीं बेहतर बना दिया। अब वह पहले से अधिक फोकस होकर बोलिंग कर रहे थे। उन्हें अपनी योजनाओं के बारे में पता था। शमी का रवैया, 'डालकर देखते हैं, क्या होता है।' भर नहीं रह गया था। वह हर बार रनअप पर जाते हुए उनके दिमाग में स्पष्ट योजना होती है। वह अब सही मायनों में फास्ट बोलर बन गए थे।

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