Monday, September 13, 2021

क्या वाकई थक चुके हैं विराट कोहली, खेल पर भारी पड़ रहा वर्कलोड! September 12, 2021 at 10:30PM

नई दिल्ली क्या वाकई कोहली पर इतना ओवरलोड है कि उनके कंधों से टीम की कप्तानी का भार हटा दिया जाए। वो जिम्मेदारी छीन ली जाए, जो उन्हें एमएस धोनी से मिली थी। ये कहानी इतनी सरल नहीं है जितनी आपको लग रही है। कई सवाल हैं, जिसके ढेर जवाब। सिलसिलेवार सारी परतें खोली जाएंगी। लेकिन चलिए पहले आपको ओवल टेस्ट ले चलते हैं। मैच पूरी तरह खुला हुआ है। इंग्लैंड को जीत के लिए 291 रन चाहिए जबकि भारत को पूरे 10 विकेट निकालने थे। कोहली की यहां अग्निपरीक्षा थी। मगर आखिर में उनके फेंके सारे पत्ते फिट बैठे। इंग्लिश कमेंटेटर्स ने विराट कोहली की जमकर तारीफ की। नासिर हुसैन की नजर में वह कप्तानी का टेस्ट पास कर चुके थे। माइकल वॉन ने तो कैप्टन कोहली को रणनीति का मास्टरमाइंड बता दिया था, जिसे टेस्ट मैच जीतने की सारी कला आती हो। कोहली की बादशाहत पर पहली चोटअब 48 घंटे बाद के घटनाक्रम पर नजर डालते हैं। वर्ल्ड टी-20 के लिए टीम इंडिया का ऐलान हुआ। बीसीसीआई ने विराट कोहली के ऊपर बतौर मेंटॉर एमएस धोनी को बिठा दिया। ये पहला इशारा था जब पता लगा कि देश का महान बल्लेबाज, बोर्ड की नजर में सर्वश्रेष्ठ कप्तान नहीं है। हालांकि इससे पहले 2014 में इंग्लैंड दौरे पर राहुल द्रविड़ को बतौर बैटिंग सलाहकर टीम के साथ भेजा गया था। मगर इस बार जो हुआ वो कुछ अलग है। वर्ल्ड टी-20 के बाद मुख्य कोच रवि शास्त्री और उनके सहयोगी स्टाफ का कॉन्ट्रेक्ट खत्म हो जाएगा, जिसके रीन्यू होने की भी कोई उम्मीद नहीं है। साथ ही अतीत के विपरीत, इस बार टीम इंडिया के पास स्प्लिट कैप्टेंसी के लिए एक मजबूत विकल्प तैयार हो चुका है। लगातार क्रिकेट का फॉर्म पर असरकोहली सात साल से कप्तानी संभाल रहे हैं। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज, श्रीलंका में ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीती। वह लगभग हर मैच खेलते हैं। इक्का-दुक्का मौकों को छोड़ दिया जाए तो हर सीरीज में कप्तानी करते हैं। वनडे और टी-20 में नंबर तीन पोजिशन पर बल्लेबाजी करते हैं। टीम को सामने से लीड करते हैं। तीनों फॉर्मेट में कप्तानी के दबाव के चलते विराट कोहली की बल्लेबाजी पर असर पड़ रहा है। रेकॉर्ड्स भी चीख-चीखकर इसकी गवाही दे रहे हैं। साल 2018 में जहां उन्होंने 14 पारियों में 133.56 की औसत से रन बनाए तो साल 2019 में 59.86 की एवरेज से रन जोड़े। 2020 आते-आते यही औसत 47.88 तो अब 2021 में 43 पर आ गिरी। रोहित का कप्तानी रेकॉर्ड, विराट से बेहतरखुद विराट को भी ऐसा ही लगता है कि उनकी बल्लेबाजी को अधिक समय और गति की आवश्यकता है। वैसे भी 2022 और 2023 के बीच भारत दो वर्ल्ड कप (वनडे और टी-20) खेलने हैं, ऐसे में यह और भी जरूरी हो जाता है। कोहली की अगुवाई में भारत एक भी आईसीसी टूर्नामेंट भी नहीं जीत पाया। 2017 चैंपियंस ट्रॉफी में टीम पाकिस्तान से फाइनल हार गई। 2019 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल गंवा दी। इस साल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्यूजीलैंड ने मात दी। वनडे और टी-20 में बतौर कप्तान कोहली का विनिंग परसेंटेज क्रमश: 70.43 और 67.44 फीसदी है, लेकिन रोहित शर्मा उनसे बेहतर ही साबित होते हैं। हिटमैन का वनडे में विनिंग परसेंटेज 80 तो टी-20 में 78.94 है। रोहित शर्मा का कद तेजी से बढ़ रहा इसी इंग्लैंड दौरे पर रोहित शर्मा का फॉर्म पूरे शबाब पर था। बतौर टेस्ट ओपनर उन्होंने अपनी इमेज सुधार ली। वनडे में उनकी प्रतिभा पर कभी किसी को कोई शक रहा ही नहीं। हिटमैन के बल्ले से विदेश में पहला टेस्ट शतक भी ओवल की ऐतिहासिक जीत पर ही आया। मैनचेस्टर टेस्ट को रद्द करने पर बोर्ड के साथ बातचीत में रोहित की भूमिका ने उनके बढ़ते कद की ओर इशारा किया। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर पर मुंबई इंडियंस की श्रेष्ठता किसी से छिपी भी नहीं है, बीसीसीआई को कोहली से परे देखने के लिए उत्साहित कर सकता है।

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