Sunday, September 12, 2021

OPINION: टेस्ट क्रिकेट या आईपीएल.. बेयरस्टो, वोक्स और मलान के फैसले से उठा बड़ा सवाल September 11, 2021 at 11:32PM

नई दिल्लीमैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड को 5वां टेस्ट मैच खेलना था, लेकिन उससे ठीक पहले टीम इंडिया के सहायक फिजियो योगेश परमार कोविड-19 का शिकार हो गए। 24 घंटे के ड्रामे के बाद रोमांचक टेस्ट सीरीज का दुखद अंत हुआ। मैच रद्द घोषित किया गया, लेकिन कहीं न कहीं इससे इंग्लैंड और भारत के क्रिकेट बोर्ड के रिश्ते के बीच लकीर खींच दी। बात यहीं खत्म नहीं हुई। इसके बाद जॉनी बेयरस्टो, क्रिस वोक्स और डेविड मलान ने 19 सितंबर से शुरू होने वाले आईपीएल के दूसरे हाफ से अपना नाम वापस ले लिया। ये सभी खिलाड़ी न केवल भारत की मेजबानी में यूएई और ओमान में होने वाले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप के लिए इंग्लिश टीम का हिस्सा हैं, बल्कि सभी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐशज सीरीज में भी खेलेंगे। इन सभी ने आईपीएल की जगह फैमिली के साथ वक्त बिताने का निर्णय लिया। इसका सबसे बड़ा कारण कोविड-19 के चलते क्वारंटीन में अधिक समय बिताना भी है। हालांकि, पूरे मामले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। वह यह कि क्रिकेट में सबसे अधिक अधिक रोमांचक माना जाने वाला क्रिकेट फॉर्मेट T20 पर क्या टेस्ट भारी पड़ रहा है? भारतीय कप्तान विराट कोहली से पूछेंगे तो निसंदेह वह टेस्ट को सबसे अधिक तवज्जो देंगे। कुछ ऐसा ही माहौल फिलहाल क्रिकेट की धुरी माने जाने वाले इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटरों में भी है। वे लिमिटेड ओवरों के फॉर्मेट से कहीं ऊपर टेस्ट क्रिकेट को रखते हैं। 5 दिनों तक चलने वाले टेस्ट को रियल क्रिकेट भी कहा जाता है। यहां 4 पारियों में टीम के हर खिलाड़ी को अपना जौहर दिखाने का बराबर मौका मिलता है। टी-20 की पॉपुलैरिटी 2006-07 के बाद से अचानक काफी बढ़ी है। खासकर भारत के IPL, ऑस्ट्रेलिया के BBL, कैरेबियाई CPL और पाकिस्तान PSL लीगों ने खिलाड़ियों को खूब लुभाया है। कुछ सीनियर क्रिकेटरों का मानना है कि वह दिन दूर नहीं जब टेस्ट क्रिकेट खत्म हो जाएगा। इंग्लैंड के पूर्व स्टीव हार्मिसन ने भारत-इंग्लैंड टेस्ट रद्द होने के बाद कहा था कि यहीं से टेस्ट क्रिकेट के अंत की शुरुआत है। हालांकि, उनके इस बयान से इंग्लैंड के ही कई सीनियर क्रिकेटर शायद ही इत्तेफाक रखें। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि फैंस भी हर वर्ष होने वाले एशेज सीरीज का इंतजार करते हैं। मैदान के अंदर गेंद और बल्ले के बीच कांटे की भिड़ंत, खिलाड़ियों में नोकझोंक की ढेरों कहानियां हैं। दूसरी ओर, मैदान से बाहर पूर्व क्रिकेटर अपनी टीम के लिए माइंड गेम खेलते दिखाई देते हैं तो फैंस का जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिलती है। कुछ ऐसा ही माहौल भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज में भी होता है। टी-20 क्रिकेट ने लीग के रूप में दुनियाभर में बहुत तेजी से पांव पसारा तो टेस्ट को जिंदा रखने के लिए डे-नाइट मैच का रुख करना पड़ा। पहला डे-नाइट टेस्ट न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच नवंबर-दिसंबर 2015 में खेला गया था। इससे क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट में रोमांच तो लौटा, लेकिन पिछले 6 सालों में सिर्फ 16 टेस्ट ही खेले गए हैं। यानी औसतन हर वर्ष 2 से 3 टेस्ट मैच ही हुए। भारत ने अब तक कुल 3 डे-नाइट टेस्ट खेले हैं।

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