Wednesday, September 22, 2021

Explainer: क्या होता है स्लो ओवर रेट, किसे कितना लगता है जुर्माना, जानें सबकुछ September 21, 2021 at 11:40PM

नई दिल्ली यदि आप क्रिकेट फैन हैं तो आपके लिए स्लो ओवर रेट कोई नया शब्द नहीं होगा। अक्सर आपने सुना होगा कि फलां कप्तान या फलां टीम पर स्लो ओवर रेट के चलते जुर्माना ठोका गया। बीती रात आईपीएल में संजू सैमसन भी इसके जद में आ गया। इससे पहले आईपीएल के मौजूदा सीजन में ही रोहित शर्मा, एमएस धोनी, मॉर्गन और विराट कोहली पर भी 12-12 लाख की पेनल्टी लग चुकी है। ऐसे में चलिए आज आपको इस स्लो ओवर रेट के बारे में बताते हैं। जानते हैं इनके नियमों के बारे में और ये भी समझते हैं कि आखिर क्रिकेट जैसे खेल में इसकी क्या जरूरत है। स्लो ओवर रेट का मतलब क्या है?हिंदी में इसे धीमा ओवर रेट भी कहते हैं। ओवर रेट मतलब बोलिंग साइड द्वारा एक घंटे में फेंकी गई ओवर्स की औसत संख्या। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के मुताबिक वनडे और टी-20 में एक घंटे के भीतर 14.11 ओवर तो टेस्ट में 14.28 ओवर फेंकना होता है। एकदिवसीय मुकाबलों में बोलिंग साइड को 50 ओवर फेंकने के लिए 3.5 घंटे दिए जाते हैं। टी-20 में उम्मीद की जाती है कि टीम एक घंटे और 25 मिनट में एक पारी खत्म कर दे। क्या आईपीएल में नियम अलग हैं?इंडियन प्रीमियर लीग अलग फॉर्मेट में खेला जाता है। दो स्ट्रेटिजिक टाइम आउट होते हैं, इसमें ढाई मिनट खर्च होते हैं। बोलिंग साइड को 14.11 का ओवर रेट बरकरार रखना होता है ताकि 20 ओवर का कोटा डेढ़ घंटे में फेंकने का लक्ष्य होता है। बारिश और दूसरे हालातों के चलते अगर देरी हुई तो ओवर रेट मीटर उसी वक्त रोक दिया जाता है। स्लो ओवर रेट की सजा क्या है?पहली बार दोषी पाए जाने पर सिर्फ 12 लाख का फाइन लगता है। दोबारा यही गलती करने पर जुर्माने की राशि 12 से बढ़कर 24 लाख हो जा जाती है। अगर अगली बार भी कप्तान फटाफट ओवर नहीं करवा पाते हैं तो एक मैच का प्रतिबंध लग जाएगा। साथ ही साथ 24 की जगह 30 लाख रुपये भी भरने पड़ेंगे। स्लो ओवर रेट में कप्तान अकेले जिम्मेदार नहीं होता इसलिए पूरी टीम पर भी फाइन ठोकने का प्रावधान है। दूसरी गलती पर टीम के हर खिलाड़ी को छह-छह लाख या 25 फीसदी मैच फीस जो भी कम हो उसे काट लिया जाता है। इसी तरह तीसरी गलती पर हर प्लेयर की 50 फीसदी मैच फीस या 12 लाख रुपए जो भी कम हो उसे काटा जाता है।

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