Sunday, September 5, 2021

7 पारियां, 109 रन: रहाणे की फॉर्म को लेकर फिर भी फिक्रमंद क्यों नहीं हैं कोच राठौड़ September 05, 2021 at 04:58PM

लंदन इंग्लैंड में उपकप्तान अजिंक्य रहाणे की बल्लेबाजी फॉर्म बहुत खराब चल रही है। उन्होंने सात पारियों में 109 रन रन बनाए हैं। वहीं शार्दुल ठाकुर ने सिर्फ ओवल टेस्ट में दो हाफ सेंचुरी की मदद से 117 रन बनाए हैं। यानी रहाणे से 8 रन ज्यादा। रहाणे ने सीरीज में सिर्फ एक हाफ सेंचुरी लगाई है। साल 2020 की शुरुआत से ही रहाणे की बल्लेबाजी फॉर्म काफी खराब चल रही है। उनका बल्लेबाजी औसत 24.76 का है। इस दौरान उन्होंने 27 पारियों सिर्फ एक सेंचुरी और दो हाफ सेंचुरी लगाई हैं। रहाणे जिनकी फॉर्म को लेकर इंग्लैंड सीरीज से पहले ही सवाल उठ रहे थे, वे आवाजें अब और बुलंद हो गई हैं। तो क्या इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में खेले जाने वाले सीरीज के पांचवें टेस्ट के लिए लिए रहाणे को टीम से बाहर रखा जाएगा। इस पर बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ की राय थोड़ी अलग है। रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राठौड़ ने कहा, 'यह मुद्दा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'जैसाकि हम पहले भी कह चुके हैं कि जब आप इतने लंबे समय तक क्रिकेट खेलते हैं तो ऐसा वक्त आता है जब आप रन नहीं बना पाते। यही वक्त होता है जब आपको खिलाड़ी का साथ देना चाहिए और जितना हो सके उन्हें सपॉर्ट करना चाहिए।' राठौड़ ने आगे कहा, 'आपने पुजारा के साथ भी देखा, उन्हें और मौके मिले वह अब फॉर्म में लौट आए हैं। उन्होंने हमारे लिए कुछ उपयोगी पारियां खेली हैं। तो हम उम्मीद कर रहे हैं कि अजिंक्य भी फॉर्म में लौट आएंगे और वह अब भी भारतीय टीम की बल्लेबाजी में अहम किरदार निभा सकते हैं। तो, मुझे नहीं लगता कि हम उस मोड़ पर पहुंच गए हैं जहां यह हमारे लिए चिंता की बात हो।' साल 2017 की शुरुआत से ही रहाणे का बल्लेबाजी औसत 34.50 का है। राठौड़ से जब पूछा गया कि इतने लंबे समय तक प्रदर्शन में निरंतरता की कमी कहीं यह तो नहीं दिखाता कि रहाणे की तकनीक में कोई खामी है, तो उन्होंने इसका जवाब न में दिया। उन्होंने कहा, 'जब आप इतनी महत्वपूर्ण सीरीज में खेल रहे हों और जब आप ऐसी परिस्थिति में खेल रहे हों तो बल्लेबाजी के लिए चुनौतीपूर्ण है, हम एक अनुशासित गेंदबाजी आक्रमण के सामने खेल रहे हैं जो लगातार बहुत अच्छी बोलिंग कर रहा है, तो एक बल्लेबाजी यूनिट के तौर पर तकनीक वह आखिरी चीज है जिस पर आप विचार करते हैं। ऐसे वक्त पर आप इस पर सोचते हैं कि आखिर गेंदबाज क्या कर रहे हैं। गेंद विकेट से कैसी आ रही है। और आखिर आपकी योजनाएं क्या हैं।' राठौड़ ने आगे कहा, 'तो मुझे नहीं लगता कि इस वक्त हम तकनीक पर बिलकुल भी सोचते हैं। तकनीक पर काम करने के लिए जगह और वक्त होता है। मुझे नहीं लगता कि सीरीज या मैच के बीच इस पर चर्चा करने का वक्त है। तो अगर कोई समस्या है तो उस पर बाद में काम किया जा सकता है, जब उनके पास टाइम हो। लेकिन इस वक्त सिर्फ गेम-प्लान के बारे में चर्चा होती है। अभी हमारी सोच यह है कि अपनी पारी में कैसी अप्रोच रखें, वह कैसे खेल रहे हैं तो अपनी पारी को कैसे आगे बढ़ाएं और कैसे रन बनाएं।'

No comments:

Post a Comment