Tuesday, August 3, 2021

हॉकी: ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में जर्मनी से भिड़ंत, भारत को इन गलतियों से लेनी होगी सीख August 03, 2021 at 03:41AM

तोक्योभारतीय हॉकी टीम का 41 साल बाद ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सपना मंगलवार को बेल्जियम के हाथों अंतिम चार में 2-5 से करारी हार के साथ टूट गया। हालांकि, वह अब भी ब्रॉन्ज मेडल की दौड़ में है। यहां उसे जर्मनी को हराना पड़ेगा, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से हराकर खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया। यानी हॉकी का फाइनल ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम के बीच होग, जबकि बॉन्ज मेडल मुकाबला भारत और जर्मनी के बीच गुरुवार को खेला जाएगा। 1980 के बाद पहले मेडल की आसभारत ने आखिरी बार मास्को ओलिंपिक 1980 में फाइनल में जगह बनायी थी और तब टीम ने अपने आठ स्वर्ण पदकों में से आखिरी स्वर्ण पदक जीता था। उसके बाद से भारतीय हॉकी का एक तरह से पतन हुआ और कई मर्तबा तो वह खेलों के महाकुंभ के लिए क्वॉलिफाइ करने में भी असफल रही। भारत को इन गलतियों से बचना होगाभारतीय टीम ने सेमीफाइनल मैच में बेल्जियम को 14 पेनल्टी कॉर्नर दिए जिसमें से तीन उसने गोल में बदले। भारत को पेनल्टी कॉर्नर कम देने की जरूरत है और खुद के लिए मौके को भुनाने की जरूरत है। इसके साथ ही टीम को डिफेंसिव भूल को कम करने की जरूरत है। भारतीय डिफेंडरों ने ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन बेल्जियम के खिलाफ वे थोड़े कमजोर दिखाई दिए। यहां भी दिखी कमजोरीखिलाड़ियों को शारीरिक रूप से और मजबूत होने की भी जरूरत है। भारतीय फॉरवर्ड और डिफेंडर बेल्जियम के खिलाफ क्षमता के अनुरूप फीजिकल नहीं थे। टीम ने बेल्जियम के मिडफील्ड विशेषकर एंटोनी साइलवाएन कीना को अधिक स्पेस और उनके अटैक को कंट्रोल करने के लिए समय दिया। भारतीय खिलाड़ी काउंटरअटैक को डिफेंड करने में भी थोड़े धीमे रहे जिसके कारण विपक्षी टीम को मौके भुनाने का अवसर मिला। ऐसा रहा मैच का रोमांचभारतीय टीम एक समय बढ़त पर थी लेकिन अंतिम 11 मिनट में तीन गोल गंवाने और अलेक्सांद्र हैंड्रिक्स (19वें, 49वें और 53वें मिनट) की हैटट्रिक उस पर भारी पड़ गयी। विश्व चैंपियन बेल्जियम की तरफ से हैंड्रिक्स के अलावा लोइक फैनी लयपर्ट (दूसरे) और जॉन जॉन डोहमेन (60वें मिनट) ने भी गोल किये। भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह ने सातवें और मनदीप सिंह ने आठवें मिनट में गोल किये थे। बेल्जियम रियो ओलंपिक का रजत पदक विजेता है और उसने इस तरह से लगातार दूसरी बार ओलिंपिक फाइनल में जगह बनायी है।

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