Monday, May 24, 2021

WTC Final- अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को भारत की जरूरत, ऑस्ट्रेलिया में प्रदर्शन शानदार: रिचर्ड हैडली May 24, 2021 at 06:32PM

मुंबई सर रिचर्ड हेडली को अगले महीने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का इंताजर है। हेडली क्रिकेट की दुनिया के एक सबसे महान ऑलराउंडर्स में शुमार हैं। कपिल देव, इमरान खान और इयान बॉथम के साथ 70 और 80 के दशक में शानदार हरफनमौला खिलाड़ियों की चौकड़ी में शामिल रहे सर हेडली को इस मुकाबले के बेदह रोमांचक होने की उम्मीद है। हेडली न्यूजीलैंड क्रिकेट को काफी करीब से फॉलो करते हैं। साथ ही भारतीय टीम की बढ़ती बेंच स्ट्रेंथ भी उन्हें काफी रोमांचित करती है। 69 वर्षीय इस पूर्व कीवी खिलाड़ी को उम्मीद है कि 18 जून से शुरू होने वाला यह मैच देखना दिलचस्प होगा। उन्होंने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से इस शुरुआती एडिशन के बारे में खुलकर बात की। हाल ही में आपकी सेहत कैसी रही है? आगे बढ़ने से पहले रिचर्ड हैडली के फैंस के लिए इस सवाल का जवाब जानना जरूरी है... फिलहाल सेहत बहुत अच्छी है। साल 2015 में रूटीन कोलोनस्कोपी करवाई थी। इसमें मुझे किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या का खतरा नहीं बताया गया था। 2018 में मैंने दूसरी कोलोनस्कोपी करवाई और इसमें एक कैंसर ट्यूमर मिला था। मुझे स्टेज 4 कैंसर (आंत और लिवर) था। दो अलग-अलग सर्जरी के बाद तीसरी सर्जरी में आंतें और लिवर का कुछ हिस्सा हटाया गया। गॉल ब्लैडर भी हटाया गया। इसके बाद पांच महीने तक कीमोथेरेपी की गई। यह बहुत बुरा अनुभव था। इस दौरान मेरा 10 किलो वजन कम हो गया। आज मुझे हर तीन महीने में रेग्युलर चेक-अप करवाना पड़ता है। भविष्य के लिए आशावान हूं। 1975 की ग्लेन टर्नर की टीम ने मौका गंवाया, 2015 और 2019 में फाइनल में हार। न्यूजीलैंड की टीम आईसीसी वर्ल्ड कप जीतने के काफी करीब पहुंची है, लेकिन हर बार वह चूक जाती है... 50 ओवर वर्ल्ड कप में हमारा रेकॉर्ड अच्छा रहा है। हां, करीब आकर खिताब से चूकना खीझ पैदा करता है और यह निराशाजनक है लेकिन 2019 में लॉर्ड्स में हम जीत के काफी करीब थे। मैं तो यह कहना चाहूंगा कि उस दिन वहां पर कोई विजेता या हारने वाला नहीं था। सिर्फ तकनीकी आधार पर इंग्लैंड को जीत हासिल हुई। दोनों टीमों ने 50 ओवर में बराबर रन बनाए। सुपर ओवर में भी दोनों का स्कोर बराबर था। मैच टाई था। पुराने दिनों में तो न्यूजीलैंड जीत जाता क्योंकि उसने 50 ओवर में कम विकेट खोए थे। सही फैसला तो यह होता कि दोनों टीमों को वर्ल्ड कप साझा रूप से दिया जाता या फिर विजेता का फैसला करने के लिए एक और सुपर ओवर खेला जाता। क्या आप वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप को वर्ल्ड कप जीत के बराबर ही देखते हैं, या फिर फॉर्मेट को देखते हुए इसे जरा सा ऊपर रखेंगे? क्या न्यूजीलैंड के लिए बीती निराशाओं को हिसाब बराबर करने का एक मौका है...टेस्ट चैंपियनशिप एक मुकाबला है। हां, यह फाइनल है लेकिन मुझे नहीं लगता कि दोनों में से कोई भी टीम इसे लेकर ज्यादा परेशान होगी। यह मैच एक न्यूट्रल मैदान पर हो रहा है और किसी टीम के पास घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा नहीं होगा। यह देखना दिलचस्प होगा। दोनों टीमें फाइनल में खेलने की हकदार हैं। उनके एक खास वक्त में प्रदर्शन में निरंतरता रही है। अब सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सी टीम बेहतर तैयारी के साथ उतरती है और खुद को इंग्लैंड की परिस्थिति के हिसाब से बेहतर ढंग से ढाल पाती है। मौसम भी अपना रंग दिखा सकता है। अगर वहां ठंड होती है तो न्यूजीलैंड को इसका फायदा हो सकता है। ड्यूक बॉल दोनों टीमों के तेज गेंदबाजों के लिए मददगार होगी। खास तौर पर उनके लिए जो गेंद को स्विंग कराने में ज्यादा सक्षम हैं। इस मामले में न्यूजीलैंड के पास काफी अच्छे गेंदबाज हैं। इसमें साउथी, बोल्ट और जेमिसन शामिल हैं। अगर गेंद पिच पर सीम होती है तो दोनों टीमों के बल्लेबाजों के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। दोनों टीमों के पास उच्च-स्तरीय बल्लेबाज हैं, तो यह मैच देखना काफी दिलचस्प होगा। इस समय किसी एक को चुनना आसान नहीं होगा। भारत के बारे में हमेशा यह कहा जाता है कि इसने खेल को काफी चमकीला बना दिया है, इसमें आईपीएल का भी काफी योगदान है। इसके बावजूद भारत ने टेस्ट क्रिकेट के लिए अपनी प्राथमिकता कभी कम नहीं होने दी...इस बात में कोई संदेह नहीं कि भारत क्रिकेट के लिए काफी रेवेन्यू पैदा करता है। भारत के बिना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का चेहरा अलग होता। इसलिए क्रिकेट को भारत की जरूरत है। लेकिन भारत ने टेस्ट क्रिकेट के लिए भी शानदार योगदान दिया है। ऐसा उसने सभी फॉर्मेट के साथ किया है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका टेस्ट प्रदर्शन शानदार था। 36 पर ऑल आउट होने के बाद जो वापसी की वह कमाल थी। उन्होंने शानदार वापसी की और टेस्ट क्रिकेट एक बार फिर जीवंत हो गया। ऑस्ट्रेलिया में उनकी उपलब्धि लाजवाब थी खास तौर पर इतने सारे युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखने लायक था। इससे पता चलता है कि भारत के पास प्रतिभाशाली युवाओं की भरमार है, चाहे कोई भी फॉर्मेट हो।

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